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रिटायर्ड दारोगा मो. जलालुद्दीन की गिरफ्तारी से झारखंड पुलिस अलर्ट, देखिए उसका सर्विस रिकॉर्ड

संदिग्ध आतंकी गतिविधि में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार मो. जलालुद्दीन को लेकर झारखंड पुलिस अलर्ट हो गई है. अब झारखंड पुलिस इस बात को खंगालने में जुटी है कि क्या मो. जलालुद्दीन झारखंड के युवाओं को भी ट्रेनिंग देता था.

Jharkhand Police Alert regarding Jalaluddin
Jharkhand Police Alert regarding Jalaluddin
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Published : Jul 15, 2022, 5:10 PM IST

रांची: झारखंड पुलिस में दारोगा के पद से रिटायर मो. जलालुद्दीन खां की संदिग्ध आतंकी गतिविधि में गिरफ्तारी के बाद झारखंड पुलिस अलर्ट हो गई है. 12 जुलाई को पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में शिरकत करने से ठीक एक दिन पहले पटना के फुलवारीशरीफ से उसकी गिरफ्तारी हुई थी.

ये भी पढ़ें- पूर्व दारोगा जलालुद्दीन खान ने रची थी PM मोदी को मारने की साजिश, 39 साल तक पुलिस में की नौकरी

वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और सोशल डेमोक्रिटक पार्टी ऑफ इंडिया यानी SDPI के सक्रिय सदस्य के रूप में बैठकों में भाग लेता था. उसके साथ गांधी मैदान ब्लास्ट का आरोपी मंजर का सगा भाई अतहर परवेज भी गिरफ्तार हुआ है. इसके घर से पीएफआई का झंडा, पंपलेट, बुकलेट और कुछ गुप्त दस्तावेज मिले हैं. 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुहिम चलाने से संबंधित दस्तावेज बरामद होने की भी बात सामने आ रही है.

अब सवाल है कि मो. जलालुद्दीन खां का झारखंड से क्या कनेक्शन रहा है. वह मूल रूप से पटना के फुलवारीशरीफ का निवासी है. उसका जन्म 15 अप्रैल 1961 को हुआ था. 22 जनवरी 1982 को पटना जिलाबल में आरक्षी के पद पर बहाल हुआ था. और 4 दिसंबर 1982 तक पटना जिला बल में तैनात था. इसके बाद 14 दिसंबर 1992 को गोड्डा में पोस्टिंग हो गई थी. वह गोड्डा में 6 सितंबर 2008 तक सेवारत था. इसके बाद 13 सितंबर 2008 से 17 मई 2010 तक रांची में जिलाबल में बतौर आरक्षी तैनात था. फिर 21 मई 2010 से 5 सितंबर 2018 तक सहायक अवर निरीक्षक के पद पर हजारीबाग में तैनात था.

ये भी पढ़ें- आतंक की बड़ी साजिश: PM मोदी को थी मारने की योजना, पूर्व थाना प्रभारी जलालुद्दीन था मास्टरमाइंड

6 सितंबर 2018 को पुलिस अवर निरीक्षक यानी दारोगा बनने के बाद 30 अप्रैल 2021 तक गिरिडीह में तैनात था. इस दौरान 20 नवंबर 2018 से 27 जनवरी 2021 तक गिरिडीह के भेलवाघाटी थाना में पदस्थापित था. उसकी पोस्टिंग गिरिडीह के नगर थाना में भी थी. गिरिडीह से ही 30 जुलाई 2021 को सेवानिवृत हुआ था. मो. जलालुद्दीन की बुनियादी ट्रेनिंग पदमा में हुई थी. इसपर दो विभागीय कार्रवाई भी चली है. उसपर कोयला लदा ट्रैक्टर छोड़ने के आरोप लगा था. अपने सेवाकाल के दौरान हजारीबाग के पेलावल, चलकुसा, आंगो और बरही थाना में भी पदस्थापित था.

अब झारखंड पुलिस इस बात को खंगालने में जुटी है कि क्या मो. जलालुद्दीन झारखंड के युवाओं को भी ट्रेनिंग देता था. क्योंकि सूत्रों का कहना है कि उसके फुलवारीशरीफ आवास में बिहार, केरल, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के युवाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था. लिहाजा, झारखंड पुलिस उसके तमाम पोस्टिंग वाले लोकेशन को खंगाल रही है.

रांची: झारखंड पुलिस में दारोगा के पद से रिटायर मो. जलालुद्दीन खां की संदिग्ध आतंकी गतिविधि में गिरफ्तारी के बाद झारखंड पुलिस अलर्ट हो गई है. 12 जुलाई को पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में शिरकत करने से ठीक एक दिन पहले पटना के फुलवारीशरीफ से उसकी गिरफ्तारी हुई थी.

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वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और सोशल डेमोक्रिटक पार्टी ऑफ इंडिया यानी SDPI के सक्रिय सदस्य के रूप में बैठकों में भाग लेता था. उसके साथ गांधी मैदान ब्लास्ट का आरोपी मंजर का सगा भाई अतहर परवेज भी गिरफ्तार हुआ है. इसके घर से पीएफआई का झंडा, पंपलेट, बुकलेट और कुछ गुप्त दस्तावेज मिले हैं. 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुहिम चलाने से संबंधित दस्तावेज बरामद होने की भी बात सामने आ रही है.

अब सवाल है कि मो. जलालुद्दीन खां का झारखंड से क्या कनेक्शन रहा है. वह मूल रूप से पटना के फुलवारीशरीफ का निवासी है. उसका जन्म 15 अप्रैल 1961 को हुआ था. 22 जनवरी 1982 को पटना जिलाबल में आरक्षी के पद पर बहाल हुआ था. और 4 दिसंबर 1982 तक पटना जिला बल में तैनात था. इसके बाद 14 दिसंबर 1992 को गोड्डा में पोस्टिंग हो गई थी. वह गोड्डा में 6 सितंबर 2008 तक सेवारत था. इसके बाद 13 सितंबर 2008 से 17 मई 2010 तक रांची में जिलाबल में बतौर आरक्षी तैनात था. फिर 21 मई 2010 से 5 सितंबर 2018 तक सहायक अवर निरीक्षक के पद पर हजारीबाग में तैनात था.

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6 सितंबर 2018 को पुलिस अवर निरीक्षक यानी दारोगा बनने के बाद 30 अप्रैल 2021 तक गिरिडीह में तैनात था. इस दौरान 20 नवंबर 2018 से 27 जनवरी 2021 तक गिरिडीह के भेलवाघाटी थाना में पदस्थापित था. उसकी पोस्टिंग गिरिडीह के नगर थाना में भी थी. गिरिडीह से ही 30 जुलाई 2021 को सेवानिवृत हुआ था. मो. जलालुद्दीन की बुनियादी ट्रेनिंग पदमा में हुई थी. इसपर दो विभागीय कार्रवाई भी चली है. उसपर कोयला लदा ट्रैक्टर छोड़ने के आरोप लगा था. अपने सेवाकाल के दौरान हजारीबाग के पेलावल, चलकुसा, आंगो और बरही थाना में भी पदस्थापित था.

अब झारखंड पुलिस इस बात को खंगालने में जुटी है कि क्या मो. जलालुद्दीन झारखंड के युवाओं को भी ट्रेनिंग देता था. क्योंकि सूत्रों का कहना है कि उसके फुलवारीशरीफ आवास में बिहार, केरल, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के युवाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था. लिहाजा, झारखंड पुलिस उसके तमाम पोस्टिंग वाले लोकेशन को खंगाल रही है.

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