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स्टेटस सिंबल का प्रेम! MVI अधिनियम की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं झारखंड के अधिकारी - परिवहन विभाग

एमवीआई अधिनियम का पालन नहीं कर रहे अफसरों के अलावा तमाम राजनीतिक दलों के छोटे भैया नेता. नियम के खिलाफ होने के बावजूद भी अधिकारी और पदाधिकारी किसी तरह की कार्रवाई से निडर होकर अपने वाहनों में रसूख की पट्टी और प्लेट लगा रहे हैं और सड़कों पर इनकी गाड़ियां दौड़ रही हैं.

कार में लगे नेम प्लेट पर स्टेटस
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Published : Jul 21, 2019, 5:39 PM IST

रांची: सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजी वाहनों पर विभाग या पद नाम लिखवाने को प्रतिबंधित करने के बाद भी लोग अपने स्टेटस को जगजाहिर करने के लिए बड़े-बड़े नेम प्लेट लगवाने से बाज नहीं आ रहे हैं. यह स्टेटस सिंबल का प्रेम सिर्फ अफसरों में ही नहीं बल्कि तमाम राजनीतिक दलों के छोटे भैया नेता भी बड़े-बड़े नेम प्लेट्स लगवा कर रौब दिखाते नजर आते हैं.

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बेरोकटोक नियमों का उल्लंघन
हालांकि, यह नियम के खिलाफ होने के बावजूद भी अधिकारी और पदाधिकारी किसी तरह की कार्रवाई से निडर होकर अपने वाहनों में रसूख की पट्टी और प्लेट लगा रहे हैं. वहीं परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस के द्वारा भी इनके रसूख की पट्टी और प्लेटों को देख कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और ऐसे लोग बेरोकटोक नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर अपनी गाड़ियां दौड़ा रहे हैं.

नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ और लिखना गलत
इसको लेकर वकील चंद्र मोहन त्रिपाठी बताते हैं कि परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार वाहनों की नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ और लिखना गलत है. कानून के खिलाफ भी है. यहां तक की नंबर प्लेट पर नंबर भी सामान्य समझी जाने वाली लिपि में लिखना जरूरी होता है, लेकिन नंबर लिखवाने में वाहन मालिक अपनी रुचि के हिसाब से कई तरह के अंकों और रंगों का इस्तेमाल कर अपने शौक को पूरा करते नजर आते हैं.

ये भी पढ़ें- पानी भरे गड्ढे में डूबने से 3 बच्चों की मौत, मातम के साये में पूरा गांव

अधिकारियों पर जरूर कार्रवाई होगी
वहीं, पूरे मामले पर परिवहन मंत्री सीपी सिंह बताते हैं कि जो भी अधिकारी वाहन अधिनियम के खिलाफ जाकर अपने निजी वाहनों में नंबर प्लेट्स पर अपने पद का नाम लगाकर दुरुपयोग कर रहे हैं, वैसे अधिकारियों पर जरूर कार्रवाई होगी.

रांची: सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजी वाहनों पर विभाग या पद नाम लिखवाने को प्रतिबंधित करने के बाद भी लोग अपने स्टेटस को जगजाहिर करने के लिए बड़े-बड़े नेम प्लेट लगवाने से बाज नहीं आ रहे हैं. यह स्टेटस सिंबल का प्रेम सिर्फ अफसरों में ही नहीं बल्कि तमाम राजनीतिक दलों के छोटे भैया नेता भी बड़े-बड़े नेम प्लेट्स लगवा कर रौब दिखाते नजर आते हैं.

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बेरोकटोक नियमों का उल्लंघन
हालांकि, यह नियम के खिलाफ होने के बावजूद भी अधिकारी और पदाधिकारी किसी तरह की कार्रवाई से निडर होकर अपने वाहनों में रसूख की पट्टी और प्लेट लगा रहे हैं. वहीं परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस के द्वारा भी इनके रसूख की पट्टी और प्लेटों को देख कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और ऐसे लोग बेरोकटोक नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर अपनी गाड़ियां दौड़ा रहे हैं.

नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ और लिखना गलत
इसको लेकर वकील चंद्र मोहन त्रिपाठी बताते हैं कि परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार वाहनों की नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ और लिखना गलत है. कानून के खिलाफ भी है. यहां तक की नंबर प्लेट पर नंबर भी सामान्य समझी जाने वाली लिपि में लिखना जरूरी होता है, लेकिन नंबर लिखवाने में वाहन मालिक अपनी रुचि के हिसाब से कई तरह के अंकों और रंगों का इस्तेमाल कर अपने शौक को पूरा करते नजर आते हैं.

ये भी पढ़ें- पानी भरे गड्ढे में डूबने से 3 बच्चों की मौत, मातम के साये में पूरा गांव

अधिकारियों पर जरूर कार्रवाई होगी
वहीं, पूरे मामले पर परिवहन मंत्री सीपी सिंह बताते हैं कि जो भी अधिकारी वाहन अधिनियम के खिलाफ जाकर अपने निजी वाहनों में नंबर प्लेट्स पर अपने पद का नाम लगाकर दुरुपयोग कर रहे हैं, वैसे अधिकारियों पर जरूर कार्रवाई होगी.

Intro:special


एमवीआई अधिनियम के अंतर्गत धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं झारखंड के अधिकारी ।

झारखंड में कार्यरत अधिकारी अपने निजी गाड़ियों में भी नंबर प्लेट के अतिरिक्त पद का नाम, संगठन का नाम अंकित करा कर सड़कों पर चल रहे हैं।






Body:सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजी वाहनों पर विभाग या पद नाम लिखवाने को प्रतिबंधित करने के बाद भी लोग अपने स्टेटस को जगजाहिर करने के लिए बड़े-बड़े नेम प्लेट लगवाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

यह स्टेटस सिंबल का प्रेम सिर्फ अफसरों में ही नहीं बल्कि तमाम राजनीतिक दलों के छोटे भैया नेता भी बड़े-बड़े नेम प्लेट्स लगवा पर रौब दिखाते नजर आते हैं।

हालांकि यह नियम के खिलाफ होने के बावजूद भी अधिकारी और पदाधिकारी किसी प्रकार की कार्रवाई से निडर होकर अपने वाहनों में रसूख की पट्टी और प्लेट लगा रहे हैं।

वहीं परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस के द्वारा भी इनके रसूख की पट्टी और प्लेटों को देख कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और ऐसे लोग बेरोकटोक नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर अपनी गाड़ियां दौरा रहे हैं।


Conclusion:इसको लेकर वकील चंद्र मोहन त्रिपाठी बताते हैं कि परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार वाहनों की नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ और लिखना गलत है और कानून के खिलाफ भी है, यहां तक की नंबर प्लेट पर नंबर भी सामान्य समझी जाने वाली लिपि में लिखना जरूरी होता है, लेकिन नंबर लिखवाने में वाहन मालिक अपनी रुचि के हिसाब से कई तरह के अंकों और रंगों का इस्तेमाल कर अपने शौक को पूरा करते नजर आते हैं।

वहीं पूरे मामले पर परिवहन मंत्री सीपी सिंह बताते हैं कि जो भी अधिकारी वाहन अधिनियम के खिलाफ जाकर अपने निजी वाहनों में नंबर प्लेट्स पर अपने पद का नाम लगाकर दुरुपयोग कर रहे हैं वैसे अधिकारियों पर जरूर कार्रवाई होगी।

गौरतलब है कि जब राज्य के अधिकारियों और पदाधिकारियों के द्वारा ही वाहन अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है तो ऐसे में राज्य की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की परिकल्पना कैसे की जा सकती है।

बाइट- सी पी सिंह, परिवहन मंत्री,झारखंड सरकार।

बाइट- सी.एम.के त्रिपाठी, वकील
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