रांचीः पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने इसको लेकर सभी सांसद और विधायकों को निर्देश जारी किया है. शिबू सोरेन के हस्ताक्षर से जारी पत्र में लिखा है कि राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं. आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त होने वाला है. अतः सम्यक विचार करने के बाद पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करने का निर्णय लेती है. आप सभी सांसदों, विधायकों को निर्देशित किया जाता है कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करेंगे.
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बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जेएमएम के रूख पर सबकी नजर थी. पार्टी में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने को लेकर असमंजस की स्थिति थी. पार्टी विधायकों की बैठक के बाद भी कोई फैसला नहीं हो पाया था. जिसके बाद सभी ने पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया था. उसी संदर्भ में पार्टी सुप्रीमो ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला लिया है.
25 जून को हुई थी बैठकः बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा असमंजस की स्थिति में थी. 25 जून को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में जेएमएम के विधायक-सांसद इस मुद्दे पर एकमत नहीं हो पाये थे. जिस वजह से पार्टी ने मतदान पूर्व एक बार फिर बैठक कर निर्णय लेने का फैसला किया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुरुजी शिबू सोरेन की मौजूदगी में हुई इस बैठक में पार्टी के विधायक और सांसद मौजूद थे.
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असमंजस के पीछे क्या था राज: कई घंटों तक हुई बैठक में पार्टी विधायक और सांसदों ने अपनी अपनी राय रखी थी. कुछ विधायकों का मानना था कि यशवंत सिन्हा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इससे विपक्षी एकता में खटास होगी तो कुछ विधायक का मानना था कि दलगत भावना से उठकर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करना चाहिए. अलग अलग राय के बाद केंद्रीय अध्यक्ष को इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया. इसके अलावा मतदान से पहले एक बार फिर पार्टी विधायक-सांसदों की बैठक करने का फैसला लिया गया था.