रांची: झारखंड में कोरोना ने पहली दस्तक साल 2020 के मार्च महीने में दी थी. तब से लेकर अब तक कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. तीनों लहर में सबसे ज्यादा हेल्थ सेक्टर के लोगों ने लोगों की सबसे ज्यादा सेवा की है. फिर चाहे वो कोरोना टेस्ट, कोरना वैक्सीनेशन हो या फिर कोरोना मरीजों का इलाज सभी मोर्चों पर हेल्थ सेक्टर के लोग तैनात रहे. अब इसी सेवा के बदले हेल्थ केयर वारियर्स सम्मान के साथ कोरोना इंसेंटिव की मांग कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- रिम्स में जन औषधि केंद्र की शुरुआत, मरीजों को सस्ती दर पर मिलेगी दवा
बिहार में मिला दो बार इंसेंटिव: झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर झारखंड के कोरोना वारियर्स भी इंसेंटिव की मांग कर रहे हैं. उनकी मानें तो बिहार सरकार ने अपने मेडिकल स्टाफ को वर्ष 2020 और वर्ष 2021 के लिए दो बार इंसेंटिव के रूप में एक- एक महीने की पूरी सैलरी दे चुकी है. लेकिन झारखंड में अब तक केवल एक बार 2020 में ही इंसेंटिव मिला है. 2021 में कोरोना इंसेंटिव की कोई राशि अभी तक न तो झारखंड सरकार ने दिया है और न ही इसकी घोषणा की है. ऐसे में अब राज्य के डॉक्टरों नर्सों और अन्य मेडिकल स्टाफ में असंतोष है.
इंसेंटिव से कर्मियों में आएगा उत्साह: झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डॉ बिमलेश सिंह ने कहा कि पूरे कोरोना काल में हेल्थ केयर वर्कर्स ने अनवरत सेवा दी है. ऐसे में जरूरी है कि पड़ोसी राज्य बिहार के तर्ज पर राज्य के हेल्थ केयर वर्कर्स को भी दूसरा इंसेंटिव दिया जाए. डॉ बिमलेश सिंह ने कहा कि इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगे कर्मियों में उत्साह आता है.
नर्सिंग एसोसिएशन का भी इंसेंटिव की मांग: राज्य की अनुबंधित और स्थायी नर्सों और पारा मेडिकल स्टाफ के संगठनों ने भी सरकार से वर्ष 2021 के लिए बिहार के तर्ज पर एक महीने की एक्स्ट्रा सैलरी कोरोना इंसेंटिव के रूप में देने की मांग की है.