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राजनीतिक हत्या, ऑनर किलिंग और गैंगवार में झारखंड सबसे आगे, NCRB के आंकड़े से हुआ खुलासा - figures released

झारखंड में देश भर से सबसे अधिक राजनीतिक हत्याएं हुई हैं. इसके साथ ही ऑनर किलिंग और गैंगवार की वारदात भी झारखंड में सबसे ज्यादा हुई है. यह खुलासा नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के साल 2017 के आंकड़ों के आधार पर हुआ है.

फाइल फोटो
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Published : Oct 24, 2019, 6:25 AM IST

रांची: नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2017 के आंकड़े जारी कर दिए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में देश भर से सबसे अधिक राजनीतिक हत्याएं हुई हैं. इसके साथ ही ऑनर किलिंग और गैंगवार की वारदात भी झारखंड में सबसे ज्यादा हुई है.

क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में राजनीतिक वजहों से 42 हत्याएं हुई हैं, जबकि पड़ोसी राज्य बिहार में 12 और यूपी में 3 लोगों की हत्या की वजह राजनीतिक है. ऑनर किलिंग को लेकर होने वाली हत्याओं में भी पहली बार झारखंड सबसे आगे रहा है. झारखंड में साल 2017 में 41 लोगों की हत्या ऑनर किलिंग की वजह से हुई. जबकि झारखंड के बाद महाराष्ट्र में 16 और यूपी में 4 हत्याएं ऑनर किलिंग की वजह से की गई हैं.

ये भी पढ़ें- NIA की रडार पर होने के बावजूद नहीं रूकी TPC की वसूली, रांची में नक्सली संगठन के 44 बैंक खाते

डायन हत्या में भी झारखंड आगे

डायन करार देकर हत्या के मामलों में भी झारखंड आगे है. झारखंड में 19 लोगों को डायन बिसाही के आरोप में मारा गया है. जबकि मध्यप्रदेश में 13 और ओडिशा में 9 हत्याएं डायन बिसाही को लेकर हुई हैं. आपसी गैंगवार में झारखंड में सर्वाधिक 20 लोग मारे गए हैं.

नक्सल-आतंकी हमलों की हत्या में झारखंड तीसरा
नक्सलियों और आतंकी गतिविधियों को लेकर सर्वाधिक हत्याएं छतीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में घटित हुई हैं. साल 2017 में नक्सल-आतंकी वारदात में सर्वाधिक 66 मौतें छत्तीसगढ़ में हुई, जबकि जम्मू-कश्मीर में 64 और झारखंड में 23 मौते हुई हैं.

डेबिटट-क्रेडिट कार्ड से ठगी के मामले में झारखंड का नंबर दूसरा
डेबिट-क्रेडिट कार्ड में फर्जीवाड़ा कर ठगी के मामलों में झारखंड देशभर में दूसरे नंबर पर है. एनसीआरबी के आंकड़ो के मुताबिक, डेबिट-क्रेडिट कार्ड में सर्वाधिक फर्जीवाड़ा महाराष्ट्र में हुआ है. वहां 564 मामले दर्ज हैं. जबकि झारखंड में 216 केस थानों में दर्ज हुए हैं.

झारखंड से ट्रैफिकिंग की शिकार होती हैं यौन हिंसा की शिकार लड़कियां
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, ट्रैफिकिंग की शिकार झारखंड की 26 बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. इस मामले में आंध्रप्रदेश के बाद झारखंड दूसरे स्थान पर है. राज्यों में आदिवासी उत्पीड़न के मामलों में कर्नाटक के बाद झारखंड दूसरे नंबर पर है. आदिवासी उत्पीड़न के 134 दर्ज कांडों में 153 लोग शिकार हुए.

रांची: नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2017 के आंकड़े जारी कर दिए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में देश भर से सबसे अधिक राजनीतिक हत्याएं हुई हैं. इसके साथ ही ऑनर किलिंग और गैंगवार की वारदात भी झारखंड में सबसे ज्यादा हुई है.

क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में राजनीतिक वजहों से 42 हत्याएं हुई हैं, जबकि पड़ोसी राज्य बिहार में 12 और यूपी में 3 लोगों की हत्या की वजह राजनीतिक है. ऑनर किलिंग को लेकर होने वाली हत्याओं में भी पहली बार झारखंड सबसे आगे रहा है. झारखंड में साल 2017 में 41 लोगों की हत्या ऑनर किलिंग की वजह से हुई. जबकि झारखंड के बाद महाराष्ट्र में 16 और यूपी में 4 हत्याएं ऑनर किलिंग की वजह से की गई हैं.

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डायन हत्या में भी झारखंड आगे

डायन करार देकर हत्या के मामलों में भी झारखंड आगे है. झारखंड में 19 लोगों को डायन बिसाही के आरोप में मारा गया है. जबकि मध्यप्रदेश में 13 और ओडिशा में 9 हत्याएं डायन बिसाही को लेकर हुई हैं. आपसी गैंगवार में झारखंड में सर्वाधिक 20 लोग मारे गए हैं.

नक्सल-आतंकी हमलों की हत्या में झारखंड तीसरा
नक्सलियों और आतंकी गतिविधियों को लेकर सर्वाधिक हत्याएं छतीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में घटित हुई हैं. साल 2017 में नक्सल-आतंकी वारदात में सर्वाधिक 66 मौतें छत्तीसगढ़ में हुई, जबकि जम्मू-कश्मीर में 64 और झारखंड में 23 मौते हुई हैं.

डेबिटट-क्रेडिट कार्ड से ठगी के मामले में झारखंड का नंबर दूसरा
डेबिट-क्रेडिट कार्ड में फर्जीवाड़ा कर ठगी के मामलों में झारखंड देशभर में दूसरे नंबर पर है. एनसीआरबी के आंकड़ो के मुताबिक, डेबिट-क्रेडिट कार्ड में सर्वाधिक फर्जीवाड़ा महाराष्ट्र में हुआ है. वहां 564 मामले दर्ज हैं. जबकि झारखंड में 216 केस थानों में दर्ज हुए हैं.

झारखंड से ट्रैफिकिंग की शिकार होती हैं यौन हिंसा की शिकार लड़कियां
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, ट्रैफिकिंग की शिकार झारखंड की 26 बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. इस मामले में आंध्रप्रदेश के बाद झारखंड दूसरे स्थान पर है. राज्यों में आदिवासी उत्पीड़न के मामलों में कर्नाटक के बाद झारखंड दूसरे नंबर पर है. आदिवासी उत्पीड़न के 134 दर्ज कांडों में 153 लोग शिकार हुए.

Intro:राजनीतिक हत्या ,ऑनर किलिंग और गैंगवार में झारखंड सबसे आगे ,NCRB के आंकड़े से हुआ खुलासा

रांची।
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) ने साल 2017 के आंकड़े जारी कर दिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में देश भर से सबसे अधिक राजनीतिक हत्याएं हुई हैं।साथ साथ ऑनर किलिंग और गैंगवार की वारदात भी झारखंड में सबसे ज्यादा हुई है।

क्या कहते है आंकड़े

आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में राजनीतिक वजहों से 42 हत्याएं हुई हैं, जबकि पड़ोसी राज्य बिहार में 12 व यूपी में 3 लोगों की हत्या की वजह राजनीतिक है। आनर किलिंग को लेकर होने वाली हत्याओं में भी पहली बार झारखंड सबसे आगे रहा है। झारखंड में साल 2017 में 41 लोगों की हत्या ऑनर किलिंग की वजह से हुई। जबकि झारखंड के बाद महाराष्ट्र में 16 व यूपी में चार हत्याएं ऑनर किलिंग की वजह से की गई हैं।

डायन हत्या में भी झारखंड आगे

डायन करार देकर हत्या के मामलों में भी झारखंड आगे है। झारखंड में 19 लोगों को डायन बिसाही के आरोप में मारा गया है। जबकि मध्यप्रदेश में 13 व ओड़िसा में 9 हत्याएं डायन बिसाही को लेकर हुई हैं। आपसी गैंगवार में झारखंड में सर्वाधिक 20 लोग मारे गए हैं।

नक्सल- आतंकी हमलों में हत्या में झारखंड तीसरा

नक्सलियों व आतंकी गतिविधियों को लेकर सर्वाधिक हत्याएं छतीसगढ़, जम्मू व कश्मीर एवं झारखंड में घटित हुई हैं। साल 2017 में नक्सल- आतंकी वारदात में सर्वाधिक 66 मौतें छतीसगढ़ में हुई, जबकि जम्मू व कश्मीर में 64 व झारखंड में 23 मौते हुई हैं।

डेविट- क्रेडिट कार्ड से ठगी के मामले में झारखंड का नंबर दूसरा

डेविट- क्रेडिट कार्ड में फर्जीवाड़ा कर ठगी के मामलों में झारखंड देशभर में दूसरे नंबर पर है। एनसीआरबी के आंकड़ो के मुताबिक, डेविट- क्रेडिट कार्ड में सर्वाधिक फर्जीवाडा महाराष्ट्र में हुआ है। वहां 564 मामले दर्ज हैं। जबकि झारखंड में 216 केस थानों में दर्ज हुए हैं।

झारखंड से ट्रैफिकिंग की शिकार होती है यौन हिंसा की शिकार

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, ट्रैफिकिंग की शिकार झारखंड 26 बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस मामले में आंध्रप्रदेश के बाद झारखंड दूसरे स्थान पर है। राज्यों में आदिवासी उत्पीड़न के मामलों में कर्नाटक के बाद झारखंड दूसरे नंबर पर है। आदिवासी उत्पीड़न के 134 दर्ज कांडों में 153 लोग शिकार हुए ।Body:1Conclusion:2
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