रांचीः झारखंड पुलिस के वाहन से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने संबंधित व्यक्ति के परिजन को मुआवजा देने का आदेश दिया था. लेकिन कोर्ट आदेश के बाद भी मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया. इसपर पीड़ित की ओर से न्यायालय में गुहार लगाई, जिसपर कोर्ट ने नाराजगी जतायी है.
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बुधवार को जस्टिस आनंद सेन ने चार सप्ताह में मुआवजा राशि के भुगतान का निर्देश देते हुए कहा कि यदि इस अवधि तक भुगतान नहीं किया गया तो डीजीपी और संबंधित कोषागार पदाधिकारी का वेतन रोक दिया जाएगा. इस संबंध में मृतक के आश्रित कमलेश चोपड़ा ने याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2016 में पुलिस के वाहन की चपेट में आने से उनके परिजन की मौत हो गयी थी. लेकिन पुलिस की ओर से मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा था. इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने 11 लाख रुपये मुआवजा तय किया था. छह जुलाई को सुनवाई के दौरान आईजी और अपर महाधिवक्ता ने 11 लाख मुआवजा देने पर सहमति जतायी थी
जून माह के अंतिम सप्ताह तक मुआवजे का भुगतान करने का आश्वासद दिया गया था. इसके बाद अदालत ने छह सप्ताह बाद सुनवाई निर्धारित की. बुधवार को सुनवाई के बाद अदालत ने चार सप्ताह में मुआवजा भुगतान करने का निर्देश दिया और कहा कि यदि तय अवधि में भुगतान नहीं किया गया, तो डीजीपी और कोषागार पदाधिकारी का वेतन रोक दिया जाएगा.