रांचीः राज्य के लोकायुक्त, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग जैसे विभिन्न आयोग में अध्यक्ष और सदस्य के रिक्त पदों (Vacant Posts of Commissions) को भरने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई शनिवार को हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार से जवाब तलब किया है.
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इस मामले में कोर्ट ने सरकार को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि अब तक किन-किन आयोग में कितने पद रिक्त हैं, क्यों नहीं भरे जा रहे हैं. शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब 17 दिसंबर से पूर्व दायर करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि राज्य में अधिकतम आयोग में ना तो अध्यक्ष है ना तो सदस्य हैं. जिसके कारण से आयोग पूर्णतया लगभग ठप है, काम नहीं हो पा रहा है. उन्होंने अदालत से यह आग्रह किया कि सरकार को विभिन्न आयोग के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने का निर्देश दिया जाए.
जिस पर अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता से यह जानना चाहा कि राज्य में कितने आयोग हैं, किन-किन आयोग में कितने अध्यक्ष और सदस्य वर्तमान में हैं, किन आयोग में कितने पद रिक्त हैं, कितने पर नियुक्ति कर दी गई है. अधिवक्ता की ओर से सकारात्मक जवाब नहीं दिए जाने के बाद अदालत ने राज्य सरकार को इन तमाम बिंदुओं पर विस्तृत बिंदुवार अद्यतन जवाब पेश करने को कहा है. झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार (Advocate Dheeraj Kumar) ने राज्य के विभिन्न आयोगों में रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर (PIL filed) की है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.