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कोर्ट फीस बढ़ाने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट गंभीर, सरकार से मांगा जवाब

कोर्ट फीस बढ़ाने के मामले में शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार ने जवाब मांगा है. इस मामले की अलगी सुनवाई 17 अगस्त को होगी.

Jharkhand High Court
कोर्ट फीस बढ़ाने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट गंभीर
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Published : Aug 12, 2022, 4:43 PM IST

रांचीः झारखंड सरकार (Jharkhand government) की ओर से बढ़ाये गए कोर्ट फीस के खिलाफ झारखंड स्टेट बार काउंसिल (Jharkhand State Bar Council) द्वारा झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दायर की गई, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता को निर्देश दिया है कि इस मामले में सरकार का मंतव्य ले और कोर्ट को अवगत कराये. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में कोर्ट फीस बढ़ोतरी का विरोध, काला बिल्ला लगाकर 25000 वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने कहा कि कोर्ट फीस में बेतहाशा वृद्धि की गई है. इससे गरीब लोग कोर्ट नहीं आ पायेंगे और वकीलों को भी अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ जाएगा. काउंसिल ने यह भी कहा है कि कोर्ट फीस की वृद्धि से सहज और सुलभ न्याय दिलाना संभव नहीं है. राज्य सरकार का कोर्ट फीस एक्ट गलत है. यह संविधान के खिलाफ है. साथ ही यह सेंट्रल कोर्ट फीस एक्ट के भी विरुद्ध है.

बता दें कि राज्य सरकार की ओर से बढ़ाये गए कोर्ट फीस को वापस लेने की मांग को लेकर झारखंड स्टेट बार काउंसिल (Jharkhand State Bar Council) लागातार आंदोलन कर रही है. इसके साथ ही काउंसिल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर फैसला वापस नहीं लिया जाता तो राज्य के सभी वकील न्यायिक कार्य से अनिश्चितकाल के लिए अलग हो जायेंगे. रांची जिला बार एसोसिएशन (Ranchi District Bar Association) के सचिव संजय विद्रोही ने कहा है कि ये अप्रत्याशित वृद्धि अतार्किक और अव्यावहारिक है. इससे राज्य की गरीब जनता न्याय से दूर हो जाएगी.

रांचीः झारखंड सरकार (Jharkhand government) की ओर से बढ़ाये गए कोर्ट फीस के खिलाफ झारखंड स्टेट बार काउंसिल (Jharkhand State Bar Council) द्वारा झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दायर की गई, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता को निर्देश दिया है कि इस मामले में सरकार का मंतव्य ले और कोर्ट को अवगत कराये. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने कहा कि कोर्ट फीस में बेतहाशा वृद्धि की गई है. इससे गरीब लोग कोर्ट नहीं आ पायेंगे और वकीलों को भी अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ जाएगा. काउंसिल ने यह भी कहा है कि कोर्ट फीस की वृद्धि से सहज और सुलभ न्याय दिलाना संभव नहीं है. राज्य सरकार का कोर्ट फीस एक्ट गलत है. यह संविधान के खिलाफ है. साथ ही यह सेंट्रल कोर्ट फीस एक्ट के भी विरुद्ध है.

बता दें कि राज्य सरकार की ओर से बढ़ाये गए कोर्ट फीस को वापस लेने की मांग को लेकर झारखंड स्टेट बार काउंसिल (Jharkhand State Bar Council) लागातार आंदोलन कर रही है. इसके साथ ही काउंसिल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर फैसला वापस नहीं लिया जाता तो राज्य के सभी वकील न्यायिक कार्य से अनिश्चितकाल के लिए अलग हो जायेंगे. रांची जिला बार एसोसिएशन (Ranchi District Bar Association) के सचिव संजय विद्रोही ने कहा है कि ये अप्रत्याशित वृद्धि अतार्किक और अव्यावहारिक है. इससे राज्य की गरीब जनता न्याय से दूर हो जाएगी.

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