रांचीः झारखंड सरकार (Jharkhand government) की ओर से बढ़ाये गए कोर्ट फीस के खिलाफ झारखंड स्टेट बार काउंसिल (Jharkhand State Bar Council) द्वारा झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दायर की गई, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता को निर्देश दिया है कि इस मामले में सरकार का मंतव्य ले और कोर्ट को अवगत कराये. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.
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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने कहा कि कोर्ट फीस में बेतहाशा वृद्धि की गई है. इससे गरीब लोग कोर्ट नहीं आ पायेंगे और वकीलों को भी अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ जाएगा. काउंसिल ने यह भी कहा है कि कोर्ट फीस की वृद्धि से सहज और सुलभ न्याय दिलाना संभव नहीं है. राज्य सरकार का कोर्ट फीस एक्ट गलत है. यह संविधान के खिलाफ है. साथ ही यह सेंट्रल कोर्ट फीस एक्ट के भी विरुद्ध है.
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से बढ़ाये गए कोर्ट फीस को वापस लेने की मांग को लेकर झारखंड स्टेट बार काउंसिल (Jharkhand State Bar Council) लागातार आंदोलन कर रही है. इसके साथ ही काउंसिल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर फैसला वापस नहीं लिया जाता तो राज्य के सभी वकील न्यायिक कार्य से अनिश्चितकाल के लिए अलग हो जायेंगे. रांची जिला बार एसोसिएशन (Ranchi District Bar Association) के सचिव संजय विद्रोही ने कहा है कि ये अप्रत्याशित वृद्धि अतार्किक और अव्यावहारिक है. इससे राज्य की गरीब जनता न्याय से दूर हो जाएगी.