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बिना वन एनओसी के खनन करना गलत, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

बगैर वन अनापत्ति प्रमाण पत्र के स्टोन चिप्स खनन को हाई कोर्ट ने गलत मानते हुए याचिका खारिज कर दिया है. स्टोन चिप्स खनन कर रहे भरत राज सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने बगैर केंद्र सरकार के वन अनापत्ति प्रमाण पत्र के माइनिंग को गलत मानते हुए एलपीए याचिका खारिज कर दिया है.

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Published : May 21, 2020, 12:20 PM IST

jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट

रांचीः बगैर अनापत्ति प्रमाण पत्र के स्टोन चिप्स खनन को हाई कोर्ट ने गलत मानते हुए याचिका खारिज कर दी है. स्टोन चिप्स खनन कर रहे भरत राज सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने बगैर केंद्र सरकार के वन अनापत्ति प्रमाण पत्र के माइनिंग को गलत मानते हुए एलपीए याचिका खारिज कर दी है.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में स्टोन चिप्स खनन कर रहे भरत राज सिंह की एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीशों ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने यह माना कि केंद्र सरकार से वन अनापत्ति प्रमाण पत्र के बगैर किसी भी प्रकार का खनन करना उचित नहीं है यह गलत है. अदालत ने भरत राज सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने पूर्व में एकल पीठ के दिए गए आदेश को सही मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि लीज नवीनीकरण में इन्हें वन अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना चाहिए था, लेकिन इन्होंने नहीं लिया यह गलत है. इसलिए राज्य सरकार ने इन्हें रोक दिया है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एक बार एनओसी मिल गई थी, इसलिए दोबारा एनओसी लेना उचित नहीं समझा.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुर में 9 कोरोना पॉजिटिव मिलने से हड़कंप, कुल संक्रमितों की संख्या हुई 15


बता दें कि पूर्व में भरत राज सिंह ने खनन के लिए केंद्र सरकार से वन अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया था, लेकिन उसका समय समाप्त होने के बाद फिर से लीज खनन के लिए ली. उसके बाद उन्होंने वन अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया. जिसके कारण राज्य सरकार ने खनन पर रोक लगा दी थी. राज्य सरकार के इसी आदेश को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है.

रांचीः बगैर अनापत्ति प्रमाण पत्र के स्टोन चिप्स खनन को हाई कोर्ट ने गलत मानते हुए याचिका खारिज कर दी है. स्टोन चिप्स खनन कर रहे भरत राज सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने बगैर केंद्र सरकार के वन अनापत्ति प्रमाण पत्र के माइनिंग को गलत मानते हुए एलपीए याचिका खारिज कर दी है.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में स्टोन चिप्स खनन कर रहे भरत राज सिंह की एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीशों ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने यह माना कि केंद्र सरकार से वन अनापत्ति प्रमाण पत्र के बगैर किसी भी प्रकार का खनन करना उचित नहीं है यह गलत है. अदालत ने भरत राज सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने पूर्व में एकल पीठ के दिए गए आदेश को सही मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि लीज नवीनीकरण में इन्हें वन अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना चाहिए था, लेकिन इन्होंने नहीं लिया यह गलत है. इसलिए राज्य सरकार ने इन्हें रोक दिया है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एक बार एनओसी मिल गई थी, इसलिए दोबारा एनओसी लेना उचित नहीं समझा.

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बता दें कि पूर्व में भरत राज सिंह ने खनन के लिए केंद्र सरकार से वन अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया था, लेकिन उसका समय समाप्त होने के बाद फिर से लीज खनन के लिए ली. उसके बाद उन्होंने वन अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया. जिसके कारण राज्य सरकार ने खनन पर रोक लगा दी थी. राज्य सरकार के इसी आदेश को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है.

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