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झारखंड हाईकोर्ट ने आवास बोर्ड के कार्य प्रणाली पर जताई नाराजगी, सचिव को निलंबित करने का दिया आदेश - Jharkhand news

झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कागजात पेश नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए आवास बोर्ड के सचिव को निलंबित करने का आदेश दिया है.

Jharkhand High Court orders suspension of housing board secretary
Jharkhand High Court orders suspension of housing board secretary
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Published : Mar 22, 2022, 9:35 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 9:41 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश केपी देव की अदालत में आवास बोर्ड से जुड़े एक मामले की सुनवाई हुई. अदालत के द्वारा बार-बार आवास बोर्ड की जमीन पर अतिक्रमण संबंधी जानकारी मांगे जाने के बावजूद भी नहीं दिए जाने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने आवास बोर्ड के सचिव को निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि झारखंड राज्य आवास बोर्ड में पदस्थापित सभी इंजीनियरों की संपति, उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी अर्जित की गई संपति की जांच की जाए.

झारखंड हाईकोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कागजात की मांग की जिसे नहीं दिए जाने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए आवास बोर्ड के सचिव को निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने अपने आदेश में झारखंड राज्य आवास बोर्ड में पदस्थापित सभी इंजीनियरों की संपति, उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी अर्जित की गई संपति के जांच के भी आदेश दिए हैं.

अनमोल आनंद, अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट

ये भी पढ़ें: मुख्य सचिव हाईकोर्ट में हुए हाजिर, अदालत ने बंद की अवमानना की करवाई

अदालत ने संबंधित अधिकारियों की संपति से संबंधित जांच रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने आवास बोर्ड के सचिव जॉर्ज कुमार के पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों और मित्रों के नाम से अर्जित की गई संपति की जांच के भी निर्देश एसीबी को दिए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एफिडेविट के माध्यम से यह जानकारी मांगी है कि आवास बोर्ड की संपति से कितने अतिक्रमण हटाए गए? अतिक्रमण हटाने में क्या-क्या बाधाएं आती हैं? दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट डॉ शशि लाल और राजेंद्र राम के द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने बार-बार समय लेकर भी आवास बोर्ड की सम्पति पर हुए अतिक्रमण की जानकारी नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई.

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश केपी देव की अदालत में आवास बोर्ड से जुड़े एक मामले की सुनवाई हुई. अदालत के द्वारा बार-बार आवास बोर्ड की जमीन पर अतिक्रमण संबंधी जानकारी मांगे जाने के बावजूद भी नहीं दिए जाने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने आवास बोर्ड के सचिव को निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि झारखंड राज्य आवास बोर्ड में पदस्थापित सभी इंजीनियरों की संपति, उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी अर्जित की गई संपति की जांच की जाए.

झारखंड हाईकोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कागजात की मांग की जिसे नहीं दिए जाने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए आवास बोर्ड के सचिव को निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने अपने आदेश में झारखंड राज्य आवास बोर्ड में पदस्थापित सभी इंजीनियरों की संपति, उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी अर्जित की गई संपति के जांच के भी आदेश दिए हैं.

अनमोल आनंद, अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट

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अदालत ने संबंधित अधिकारियों की संपति से संबंधित जांच रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने आवास बोर्ड के सचिव जॉर्ज कुमार के पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों और मित्रों के नाम से अर्जित की गई संपति की जांच के भी निर्देश एसीबी को दिए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एफिडेविट के माध्यम से यह जानकारी मांगी है कि आवास बोर्ड की संपति से कितने अतिक्रमण हटाए गए? अतिक्रमण हटाने में क्या-क्या बाधाएं आती हैं? दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट डॉ शशि लाल और राजेंद्र राम के द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने बार-बार समय लेकर भी आवास बोर्ड की सम्पति पर हुए अतिक्रमण की जानकारी नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई.

Last Updated : Mar 22, 2022, 9:41 PM IST
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