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हाई कोर्ट के जज की बेटी लंदन से पहुंची भारत, जज ने दिल्ली में 14 दिन क्वॉरेंटाइन में रहने को कहा - Jharkhand High court judge daughter arrived in India from London

जब पूरा देश कोविड-19 से लड़ रहा है और सब लोग अपने-अपने घर पहुंचने की जुगत में लगे हैं. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार ने अपनी बेटी को दिल्‍ली के एक होटल में चौदह दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन में रहने को कहा.

High court judge
जस्टिस राजेश कुमार
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Published : May 24, 2020, 1:18 PM IST

रांचीः जब पूरा देश कोविड-19 से लड़ रहा है और सब लोग अपने-अपने घर पहुंचने की जुगत में लगे हैं. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार ने अपनी बेटी को दिल्‍ली के एक होटल में चौदह दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन करने दिया. उनकी बेटी हायर एजुकेशन के लिए लंदन गई थी. कोविड-19 के कारण 17 मई को लंदन से चलकर 18 मई को भारत आई और केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन करते हुए उन्‍हें चौदह दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन में भेज दिया दिया.

ऐसे में कहा जा सकता है कि एक पिता ने अपने परिवार से ऊपर राजधर्म को तरजीह दी. कारोना काल में कई ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं. जब तथा कथित बड़े लोग अपने पद और पावर का उपयोग कर एक जगह से दूसरे जगह चले जा रहे हैं. ऐसे में एक जज के द्वारा अपनी बेटी को स्‍वयं ही क्वॉरेंटाइन करने की अनुमती देना वाकइ काबिले तारीफ है. श्रेयसी विदेश में रहकर मास्‍टर डिग्री कर रही हैं, फिलहाल वहां गर्मी की छुटी प्रारंभ हो गई है और कोरोना के कारण लंदन के हालात बहुत खराब हैं.

ये भी पढ़ें- रांचीः तालाब में दोस्त को डूबता देख बचाने गए बच्चे की मौत, दूसरा बच्चा गंभीर

ऐसे में उसने भारत आना बेहतर माना और यहां आकर सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन कर रही हैं. वो क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरा करने के बाद उपलब्‍ध साधनों की ओर से रांची अपने माता-पिता के पास आएंगी. उनका मानना है कि सभी को ऐसे समय में नियमों को पूरी तरह से पालन करना चाहिए तभी हम सब इस बिमारी से लड़ पाएंगे. लंदन स्थित भारतीय दूतावास के उप उच्चायुक्त चरनजीत सिंह ने काफी मदद की.

रांचीः जब पूरा देश कोविड-19 से लड़ रहा है और सब लोग अपने-अपने घर पहुंचने की जुगत में लगे हैं. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार ने अपनी बेटी को दिल्‍ली के एक होटल में चौदह दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन करने दिया. उनकी बेटी हायर एजुकेशन के लिए लंदन गई थी. कोविड-19 के कारण 17 मई को लंदन से चलकर 18 मई को भारत आई और केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन करते हुए उन्‍हें चौदह दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन में भेज दिया दिया.

ऐसे में कहा जा सकता है कि एक पिता ने अपने परिवार से ऊपर राजधर्म को तरजीह दी. कारोना काल में कई ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं. जब तथा कथित बड़े लोग अपने पद और पावर का उपयोग कर एक जगह से दूसरे जगह चले जा रहे हैं. ऐसे में एक जज के द्वारा अपनी बेटी को स्‍वयं ही क्वॉरेंटाइन करने की अनुमती देना वाकइ काबिले तारीफ है. श्रेयसी विदेश में रहकर मास्‍टर डिग्री कर रही हैं, फिलहाल वहां गर्मी की छुटी प्रारंभ हो गई है और कोरोना के कारण लंदन के हालात बहुत खराब हैं.

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ऐसे में उसने भारत आना बेहतर माना और यहां आकर सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन कर रही हैं. वो क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरा करने के बाद उपलब्‍ध साधनों की ओर से रांची अपने माता-पिता के पास आएंगी. उनका मानना है कि सभी को ऐसे समय में नियमों को पूरी तरह से पालन करना चाहिए तभी हम सब इस बिमारी से लड़ पाएंगे. लंदन स्थित भारतीय दूतावास के उप उच्चायुक्त चरनजीत सिंह ने काफी मदद की.

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