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झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य आवास बोर्ड के एमडी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया, जानें क्यों

राज्य आवास बोर्ड के एमडी के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी किया है. अदालत ने पूछा है कि आदेश का अनुपालन नहीं करने पर क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए. राज्य आवास बोर्ड की जमीन आवंटन विवाद मामले में एमडी ने अदालत के पूर्व के आदेशों का पालन नहीं किया था.

High Court issues contempt notice against MD of State Housing Board
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Dec 26, 2021, 7:54 AM IST

Updated : Dec 26, 2021, 9:06 AM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस केपी देव की अदालत ने राज्य आवास बोर्ड के एमडी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है. अदालत ने पूछा है कि आदेश का अनुपालन नहीं करने पर क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए. अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की है.

इसे भी पढ़ें: झारखंड हाई कोर्ट ने रिनपास में दवा सप्लाई करने वाली कंपनी पर लगाया 20 हजार का जुर्माना

हाई कोर्ट में राज्य आवास बोर्ड की जमीन आवंटन विवाद में बिंदेश्वरी झा, परमेश्वरी सिंह और नागेंद्र प्रसाद सिंह की ओर से अलग-अलग याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान परमेश्वरी सिंह के मामले में अदालत ने आवास बोर्ड के लॉ ऑफिसर को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया था. लेकिन एमडी की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके अलावा नगेंद्र प्रसाद सिंह के मामले में करीब 11 साल बाद भी बोर्ड की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है. अदालत ने बोर्ड के एमडी को पूछा है कि वर्ष 2000 से अब तक बोर्ड में लॉ ऑफिसर के पद पर कौन काम कर रहा है. इसकी जानकारी 4 जनवरी तक अदालत में दाखिल करनी है.

राज्य आवास बोर्ड के एमडी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी

नागेंद्र प्रसाद सिंह ने वर्ष 2009 में दाखिल की याचिका

आवास बोर्ड की ओर से जमीन का आवंटन किया गया है. लेकिन प्रार्थी जब उस जमीन पर कब्जा के लिए गए तो पता चला कि उस पर पहले ही कब्जा है. जब उन्होंने इसकी जानकारी आवास बोर्ड को दी तो बोर्ड ने प्रार्थी की जमीन का आवंटन रद्द कर दिया. उसके बाद नागेंद्र प्रसाद सिंह ने वर्ष 2009 में याचिका दाखिल की थी. इसी तरह बिंदेश्वरी झा की ओर से वर्ष 2012 में याचिका दाखिल की गई है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस केपी देव की अदालत ने राज्य आवास बोर्ड के एमडी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है. अदालत ने पूछा है कि आदेश का अनुपालन नहीं करने पर क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए. अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की है.

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हाई कोर्ट में राज्य आवास बोर्ड की जमीन आवंटन विवाद में बिंदेश्वरी झा, परमेश्वरी सिंह और नागेंद्र प्रसाद सिंह की ओर से अलग-अलग याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान परमेश्वरी सिंह के मामले में अदालत ने आवास बोर्ड के लॉ ऑफिसर को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया था. लेकिन एमडी की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके अलावा नगेंद्र प्रसाद सिंह के मामले में करीब 11 साल बाद भी बोर्ड की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है. अदालत ने बोर्ड के एमडी को पूछा है कि वर्ष 2000 से अब तक बोर्ड में लॉ ऑफिसर के पद पर कौन काम कर रहा है. इसकी जानकारी 4 जनवरी तक अदालत में दाखिल करनी है.

राज्य आवास बोर्ड के एमडी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी

नागेंद्र प्रसाद सिंह ने वर्ष 2009 में दाखिल की याचिका

आवास बोर्ड की ओर से जमीन का आवंटन किया गया है. लेकिन प्रार्थी जब उस जमीन पर कब्जा के लिए गए तो पता चला कि उस पर पहले ही कब्जा है. जब उन्होंने इसकी जानकारी आवास बोर्ड को दी तो बोर्ड ने प्रार्थी की जमीन का आवंटन रद्द कर दिया. उसके बाद नागेंद्र प्रसाद सिंह ने वर्ष 2009 में याचिका दाखिल की थी. इसी तरह बिंदेश्वरी झा की ओर से वर्ष 2012 में याचिका दाखिल की गई है.

Last Updated : Dec 26, 2021, 9:06 AM IST
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