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बाल मजदूरी मामले पर झारखंड हाई कोर्ट गंभीर, सरकार को दिया ये निर्देश

गढ़वा जिले के 47 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त करने और उसे पुनर्वासित करने को लेकर हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) गंभीर है. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) सभी बच्चों को पुनर्वासित करे और किए गए काम को शपथ पत्र के जरिए अदालत (Court) को अवगत कराए.

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Published : Sep 1, 2021, 6:24 PM IST

rehabilitation of child labor in garhwa
rehabilitation of child labor in garhwa

रांची: झारखंड के गढ़वा (garhwa) जिले के 47 बच्चों को बाल मजदूरी (child labor) से मुक्त करने और उसे पुनर्वासित करने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को को देखते हुए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) को तत्काल बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कर उसे पुनर्वासित करने का निर्देश दिया है. अदालत ने सरकार को इस मामले में की गई सभी कार्रवाई की अद्यतन रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से 6 सितंबर से पूर्व पेश करने को कहा है.

ये भी पढ़ें: रूपा तिर्की मौत मामले की होगी सीबीआई जांच, झारखंड हाई कोर्ट ने दिया आदेश

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में गढ़वा जिले के 47 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त करने और उसे पुनर्वास इत करने की मांग को लेकर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की ओर से दलील दी गई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से जानकारी दी गई कि गढ़वा के 47 बच्चे बाल मजदूरी में फंसे हुए हैं जिसे मुक्त कराने के लिए राज्य सरकार के अधिकारी को कई बार आवेदन दिया गया है. लेकिन अधिकारी के द्वारा उस पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की है.

आदित्य रमन, अधिवक्ता, झारखंड हाई कोर्ट

वहीं, सरकार के अधिवक्ता ने जानकारी नहीं होने की बात बताई. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को सभी बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कर उसे पुनर्वासित करने का निर्देश दिया है. सरकार के किए गए कार्यवाही से अदालत को शपथ पत्र के माध्यम से अवगत कराने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने गढ़वा के बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को सभी बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कर तत्काल उसे पुनर्वास इत करने का आदेश दिया है.

रांची: झारखंड के गढ़वा (garhwa) जिले के 47 बच्चों को बाल मजदूरी (child labor) से मुक्त करने और उसे पुनर्वासित करने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को को देखते हुए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) को तत्काल बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कर उसे पुनर्वासित करने का निर्देश दिया है. अदालत ने सरकार को इस मामले में की गई सभी कार्रवाई की अद्यतन रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से 6 सितंबर से पूर्व पेश करने को कहा है.

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में गढ़वा जिले के 47 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त करने और उसे पुनर्वास इत करने की मांग को लेकर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की ओर से दलील दी गई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से जानकारी दी गई कि गढ़वा के 47 बच्चे बाल मजदूरी में फंसे हुए हैं जिसे मुक्त कराने के लिए राज्य सरकार के अधिकारी को कई बार आवेदन दिया गया है. लेकिन अधिकारी के द्वारा उस पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की है.

आदित्य रमन, अधिवक्ता, झारखंड हाई कोर्ट

वहीं, सरकार के अधिवक्ता ने जानकारी नहीं होने की बात बताई. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को सभी बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कर उसे पुनर्वासित करने का निर्देश दिया है. सरकार के किए गए कार्यवाही से अदालत को शपथ पत्र के माध्यम से अवगत कराने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने गढ़वा के बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को सभी बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कर तत्काल उसे पुनर्वास इत करने का आदेश दिया है.

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