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झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिया 2 सप्ताह का समय, जानिए क्यों - झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिया 2 सप्ताह का समय

सोशल मीडिया पर सीएम को अपमानजनक शब्द कहने के आरोपी की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एकबार फिर से मुख्यमंत्री को दो सप्ताह का समय दिया है अपना पक्ष रखने के लिए.

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झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिया 2 सप्ताह का समय
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Published : Aug 16, 2021, 12:40 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 6:27 AM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोशल मीडिया से संबंधित मामले में फिर से 2 सप्ताह में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. सोशल मीडिया पर गढ़वा के ऋषिकेश कुमार ने मुख्यमंत्री को अपमानजनक शब्द कहा था. जिस पर गढ़वा थाना में एससी-एसटी के तहत मामला दर्ज किया गया था. उसी मामले के आरोपी ऋषिकेश कुमार की जमानत याचिका निचली अदालत से खारिज होने के बाद झारखंड हाई कोर्ट में दायर की गई थी. उस याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने मुख्यमंत्री को मामले में अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था. मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक अपना पक्ष नहीं रखा गया, जिस पर फिर से 2 सप्ताह में पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः झारखंड हाई कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को जारी किया नोटिस, सोशल मीडिया पर अपशब्द कहे जाने के मामले में पक्ष रखने का दिया निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में इस मामले में आरोपी ऋषिकेश कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले में पूर्व में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत एससी-एसटी एक्ट में दिए गए प्रावधान के आलोक में मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष नहीं रखे जाने के बाद अदालत ने उन्हें फिर से अपना पक्ष रखने का समय दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता


बता दें कि गढ़वा के ऋषिकेश कुमार ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को अपमानजनक शब्द कहा था. उसी मामले में गढ़वा थाने में एससी-एसटी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. उस मामले में आरोपी ने गढ़वा की निचली अदालत में जमानत याचिका दायर की. निचली अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद उसने झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर जमानत की गुहार लगाई. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत पीड़ित पक्ष को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से अपना पक्ष नहीं रखे जाने के बाद फिर से उन्हें 2 सप्ताह में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोशल मीडिया से संबंधित मामले में फिर से 2 सप्ताह में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. सोशल मीडिया पर गढ़वा के ऋषिकेश कुमार ने मुख्यमंत्री को अपमानजनक शब्द कहा था. जिस पर गढ़वा थाना में एससी-एसटी के तहत मामला दर्ज किया गया था. उसी मामले के आरोपी ऋषिकेश कुमार की जमानत याचिका निचली अदालत से खारिज होने के बाद झारखंड हाई कोर्ट में दायर की गई थी. उस याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने मुख्यमंत्री को मामले में अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था. मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक अपना पक्ष नहीं रखा गया, जिस पर फिर से 2 सप्ताह में पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में इस मामले में आरोपी ऋषिकेश कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले में पूर्व में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत एससी-एसटी एक्ट में दिए गए प्रावधान के आलोक में मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष नहीं रखे जाने के बाद अदालत ने उन्हें फिर से अपना पक्ष रखने का समय दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता


बता दें कि गढ़वा के ऋषिकेश कुमार ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को अपमानजनक शब्द कहा था. उसी मामले में गढ़वा थाने में एससी-एसटी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. उस मामले में आरोपी ने गढ़वा की निचली अदालत में जमानत याचिका दायर की. निचली अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद उसने झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर जमानत की गुहार लगाई. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत पीड़ित पक्ष को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से अपना पक्ष नहीं रखे जाने के बाद फिर से उन्हें 2 सप्ताह में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.

Last Updated : Aug 17, 2021, 6:27 AM IST
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