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टी-शर्ट-टॉफी घोटालाः सरकार के जवाब से हाई कोर्ट असंतुष्ट, की मौखिक टिप्पणी

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में टी-शर्ट-टॉफी घोटाले (T-shirt-toffee scam) पर दायर जनहित याचिका (public interest litigation, PIL) पर सुनवाई हुई. जिसमें सरकार के जवाब से हाई कोर्ट ने असंतुष्टि जताई और मौखिक टिप्पणी की. इस मामले की सुनवाई 8 जुलाई को होगी.

Jharkhand High Court dissatisfied with state government reply in T-shirt-toffee scam
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 24, 2021, 4:58 PM IST

Updated : Jun 24, 2021, 6:59 PM IST

रांचीः साल 2016 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस के दिन बच्चों में टॉफी और टी-शर्ट वितरण में हुए घोटाले मामले में दायर जनहित याचिका (public interest litigation, PIL) पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अकाउंटेंट जनरल उपस्थित हुए. सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब दिए, कोर्ट ने जवाब पर असंतुष्टि जताते हुए, उन्हें सीलबंद मूल दस्तावेज पेश करने को कहा. इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.

इसे भी पढ़ें- सरयू राय का सीएम को पत्र, रघुवर के कारण हुई करोड़ों की हेराफेरी, एसीबी से जांच की मांग

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand high court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में साल 2016 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस (Jharkhand State Foundation Day) के दिन टॉफी और टी-शर्ट बंटवारे के नाम पर करोड़ों के घोटाले (T-shirt-toffee scam) की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने आवास से अपना पक्ष रखा.

जानकारी देते अधिवक्ता

सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अकाउंटेंट जनरल (accountant general) भी उपस्थित हुए. प्रार्थी के अधिवक्ता ने अकाउंटेंट जनरल की ओर से दिए गए जवाब पर कई प्रश्न उठाए. साथ ही उन्होंने कई गंभीर आरोप भी लगाए. अकाउंटेंट जनरल और सरकार के जवाब पर अदालत ने असंतुष्टि व्यक्त की और अकाउंटेंट जनरल को मूल दस्तावेज अदालत में पेश करने को कहा है. सुनवाई के इस बीच में अदालत ने मौखिक रूप से कई गंभीर टिप्पणियां कीं, जिसमें कहा गया कि जो आवश्यक वस्तुएं हैं, लोगों की जान बचाने वाली वस्तु जिसकी खरीदारी करनी आवश्यक थी, हाईकोर्ट ने भी खरीदने को कहा, लेकिन नियम की दुहाई देते हुए उसे खरीदारी करने में आनाकानी की गई, जबकि टी-शर्ट और टॉफी के बंटवारे में खरीदारी नियम की अनदेखी कर की गई.

रघुवर दास की सरकार में स्थापना दिवस के मौके पर बच्चों के बीच टी-शर्ट और टॉफी बांटी गई थी. उसमें करोड़ों रुपए के अनियमितता की बातें सामने आई. उसकी जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उस याचिका की गुरुवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और अकाउंटेंट जनरल को फिर से जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.

रांचीः साल 2016 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस के दिन बच्चों में टॉफी और टी-शर्ट वितरण में हुए घोटाले मामले में दायर जनहित याचिका (public interest litigation, PIL) पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अकाउंटेंट जनरल उपस्थित हुए. सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब दिए, कोर्ट ने जवाब पर असंतुष्टि जताते हुए, उन्हें सीलबंद मूल दस्तावेज पेश करने को कहा. इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand high court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में साल 2016 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस (Jharkhand State Foundation Day) के दिन टॉफी और टी-शर्ट बंटवारे के नाम पर करोड़ों के घोटाले (T-shirt-toffee scam) की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने आवास से अपना पक्ष रखा.

जानकारी देते अधिवक्ता

सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अकाउंटेंट जनरल (accountant general) भी उपस्थित हुए. प्रार्थी के अधिवक्ता ने अकाउंटेंट जनरल की ओर से दिए गए जवाब पर कई प्रश्न उठाए. साथ ही उन्होंने कई गंभीर आरोप भी लगाए. अकाउंटेंट जनरल और सरकार के जवाब पर अदालत ने असंतुष्टि व्यक्त की और अकाउंटेंट जनरल को मूल दस्तावेज अदालत में पेश करने को कहा है. सुनवाई के इस बीच में अदालत ने मौखिक रूप से कई गंभीर टिप्पणियां कीं, जिसमें कहा गया कि जो आवश्यक वस्तुएं हैं, लोगों की जान बचाने वाली वस्तु जिसकी खरीदारी करनी आवश्यक थी, हाईकोर्ट ने भी खरीदने को कहा, लेकिन नियम की दुहाई देते हुए उसे खरीदारी करने में आनाकानी की गई, जबकि टी-शर्ट और टॉफी के बंटवारे में खरीदारी नियम की अनदेखी कर की गई.

रघुवर दास की सरकार में स्थापना दिवस के मौके पर बच्चों के बीच टी-शर्ट और टॉफी बांटी गई थी. उसमें करोड़ों रुपए के अनियमितता की बातें सामने आई. उसकी जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उस याचिका की गुरुवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और अकाउंटेंट जनरल को फिर से जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.

Last Updated : Jun 24, 2021, 6:59 PM IST
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