रांची: मधु कोड़ा कैबिनेट में मंत्री रहे एनोस एक्का (Anos Ekka) को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand high court) से राहत मिली है. अदालत ने पैरोल (parole) की अवधि में कटौती करने के सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार को अदालत ने शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.
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एनोस एक्का की याचिका पर सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री एनोस एक्का की याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान एनोस एक्का के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि 31 मई को उन्हें 90 दिनों का पेरोल दिया गया था. इसके बाद वह जेल से बाहर आ गए. इस बीच जेल आईजी ने एक पत्र जारी कर कहा कि उनकी पेरोल की अवधि कम कर दी गयी है. अब 60 दिनों का ही पेरोल होगा. इसलिए वह सरेंडर करें.
सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश
एनोस के वकील ने अदालत को बताया कि जेल आईजी का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के संक्रमण को देखते हुए आदेश दिया है कि प्रोविजनल बेल और पेरोल पर निकले कैदियों को अगले आदेश तक वापस नहीं बुलाया जाए. लेकिन जेल आईजी ने इस आदेश के खिलाफ आदेश जारी किया है. सुनवाई के बाद अदालत ने जेल आईजी के आदेश पर रोक लगा दी और और सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
पूर्व मंत्री एनोस एक्का को 90 दिन का पैरोल
पूर्व मंत्री एनोस एक्का को 90 दिन का पैरोल दिया गया. उस आदेश पर वे जेल से बाहर हैं. लेकिन अचानक जेल आईजी ने पूर्व मंत्री के पैरोल की अवधि को घटाने का पत्र जारी कर उन्हें अदालत में सरेंडर करने को कहा. जेल आईजी के इसी आदेश को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने तत्काल रोक लगा दी है. राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.