रांचीः पुलिस की गलती से नाबालिग 8 साल से जेल में बंद है. जूवेनाइल जस्टिस एक्ट का उल्लंघन मामले को लेकर शीघ्र सुनवाई का आश्वासन झारखंड हाई कोर्ट ने दिया है. नाबालिग की रिहाई के लिए अधिवक्ता ने विशेष सुनवाई का आग्रह कोर्ट से किया गया था.
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एक नाबालिग को रांची में हत्याकांड के एक मामले में आरोपी बनाया और पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया. पुलिस की गलती के कारण नाबालिग करीब 8 वर्ष से जेल में रहने को मजबूर है. नाबालिग की रिहाई के लिए हाई कोर्ट में दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गयी है.
ये पूरा मामला साल 2013 का है और रांची के रातू थाना में मामला दर्ज किया गया था. हत्याकांड में जिस नाबालिग को आरोपी बनाकर जेल भेजा गया वो बोकारो जिला का रहने वाला है. अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने बताया कि अदालत में मामले की विशेष सुनवाई का आग्रह किया गया है. अदालत ने अधिवक्ता को आश्वस्त किया है कि स्पेशल बेंच का गठन कर मामले की शीघ्र सुनवाई की जाएगी.
अधिवक्ता ने बताया कि जूवेनाइल जस्टिस एक्ट के अनुसार नाबालिग को अधिकतम 3 साल की सजा दी जा सकती है. लेकिन पुलिस की गलती से नाबालिग 8 साल से जेल में रहने को मजबूर है, जिससे उसका भविष्य अंधकारमय हो गया है. इसलिए अदालत से आग्रह किया गया है कि उसकी भविष्य को ध्यान में रखते हुए उसकी रिहाई की जाए. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के माध्यम से अदालत को यह बताया गया है कि वह करीब आठ साल से जेल में बंद है. इस मामले में अभी ट्रायल भी नहीं शुरू हुआ है. ऐसे में उसे तीन साल से अधिक जेल में रखना अवैध है.