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झारखंड हाई कोर्ट नाराजः ओमीक्रोन तबाही मचा देगा तब रांची सदर अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होगा

रांची सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने में देरी पर झारखंड हाई कोर्ट नाराज है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा कि ओमीक्रोन तबाही मचा देगा तब रांची सदर अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होगा.

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Published : Dec 18, 2021, 9:31 PM IST

Updated : Dec 23, 2021, 8:28 PM IST

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झारखंड हाई कोर्ट

रांचीः सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने के कार्य में हो रहे देरी पर हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. अदालत ने कंपनी से पूछा कि क्यों काम पूरा नहीं हो पा रहा है क्यों लेटलतीफ हो रही है. सरकार और निर्माण कंपनी क्यों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहा है.

इसे भी पढ़ें- रांची सदर अस्पताल मामले पर हाई कोर्ट ने अधिकारी को लगाई फटकार, पूछा- बताइए क्या-क्या व्यवस्था किए हैं

अदालत ने कंपनी को यह बताने को कहा है कि कब तक काम पूरा होगा, अब कितने काम हुए. साथ ही सरकार को यह बताने को कहा है कि 33KW बिजली का कनेक्शन क्यों नहीं लगा है. कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन का वेव आने वाला है. सरकार निर्माण कंपनी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहा है. इसको लेकर कोर्ट ने पूछा कि जब झारखंड में ओमीक्रोन तबाही मचा कर चला जाएगा तब अस्पताल का निर्माण कार्य पूर्ण होगा क्या?

जानकारी देते अधिवक्ता
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने निर्माण कर रही कंपनी से पूछा कि अब तक सिविल कार्य क्यों नहीं पूरा किया गया, क्यों कार्य में देरी हो रही है. इसपर कंपनी की ओर से बताया गया कि 33 केवी की जो लाइन का कनेक्शन चाहिए, वह अभी तक नहीं मिला है. जिसके कारण से कई महत्वपूर्ण मशीन नहीं लगाई जा सकी है. अदालत ने पूछा कि सिविल कार्य जो है वह क्यों नहीं पूरा हुआ है और कितना पूरा हुआ है. कंपनी की ओर से बताया गया कि लगभग पूरा हो गया है, शेष कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा. अदालत ने कहा कि अग्निशामक यंत्र क्यों नहीं लगी, ऑक्सीजन गैस वाली पाइप नली अभी तक क्यों नहीं लगे, यह तो सिविल वर्क है. अदालत ने सरकार से पूछा कि क्यों नहीं बिजली की 33केवी का कनेक्शन दिया जा रहा है, क्यों देर की जा रही है. हाई कोर्ट ने दोनों को 22 दिसंबर को अदालत में जवाब पेश करने को कहा है.

इसे भी पढ़ें- नए रूप में विकसित होगा राजधानी का सदर अस्पताल, चल रही है तैयारी

रांची सदर अस्पताल को 500 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने की सरकार की योजना थी. इस योजना के तहत भवन का निर्माण कर लिया गया. लेकिन अस्पताल को ऑपरेशनल नहीं किए जाने के बाद ज्योति शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अस्पताल को ऑपरेशनल बनाने की मांग की. उसी याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई.

रांचीः सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने के कार्य में हो रहे देरी पर हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. अदालत ने कंपनी से पूछा कि क्यों काम पूरा नहीं हो पा रहा है क्यों लेटलतीफ हो रही है. सरकार और निर्माण कंपनी क्यों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहा है.

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अदालत ने कंपनी को यह बताने को कहा है कि कब तक काम पूरा होगा, अब कितने काम हुए. साथ ही सरकार को यह बताने को कहा है कि 33KW बिजली का कनेक्शन क्यों नहीं लगा है. कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन का वेव आने वाला है. सरकार निर्माण कंपनी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहा है. इसको लेकर कोर्ट ने पूछा कि जब झारखंड में ओमीक्रोन तबाही मचा कर चला जाएगा तब अस्पताल का निर्माण कार्य पूर्ण होगा क्या?

जानकारी देते अधिवक्ता
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने निर्माण कर रही कंपनी से पूछा कि अब तक सिविल कार्य क्यों नहीं पूरा किया गया, क्यों कार्य में देरी हो रही है. इसपर कंपनी की ओर से बताया गया कि 33 केवी की जो लाइन का कनेक्शन चाहिए, वह अभी तक नहीं मिला है. जिसके कारण से कई महत्वपूर्ण मशीन नहीं लगाई जा सकी है. अदालत ने पूछा कि सिविल कार्य जो है वह क्यों नहीं पूरा हुआ है और कितना पूरा हुआ है. कंपनी की ओर से बताया गया कि लगभग पूरा हो गया है, शेष कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा. अदालत ने कहा कि अग्निशामक यंत्र क्यों नहीं लगी, ऑक्सीजन गैस वाली पाइप नली अभी तक क्यों नहीं लगे, यह तो सिविल वर्क है. अदालत ने सरकार से पूछा कि क्यों नहीं बिजली की 33केवी का कनेक्शन दिया जा रहा है, क्यों देर की जा रही है. हाई कोर्ट ने दोनों को 22 दिसंबर को अदालत में जवाब पेश करने को कहा है.

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रांची सदर अस्पताल को 500 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने की सरकार की योजना थी. इस योजना के तहत भवन का निर्माण कर लिया गया. लेकिन अस्पताल को ऑपरेशनल नहीं किए जाने के बाद ज्योति शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अस्पताल को ऑपरेशनल बनाने की मांग की. उसी याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई.

Last Updated : Dec 23, 2021, 8:28 PM IST
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