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RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बढ़ सकती है मुश्किलें, सजा बढ़ाने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने किया मंजूर

झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को चारा घोटाला से जुड़े देवघर मामले की सुनवाई हुई. देवघर कोषागार से जुड़े इस मामले में सजा बढ़ाने वाली सीबीआई की याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. जिससे लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है.

Jharkhand High court accepts CBI plea to extend Lalu's sentence
लालू प्रसाद यादव
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Published : Dec 3, 2019, 11:18 PM IST

रांची: चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश एके गुप्ता और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने मंगलवार को सीबीआई की अपील याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर ली है. जिसमें लालू प्रसाद यादव सहित सात लोगों की सजा बढ़ाने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की ओर से सीबीआई की अपील का जोरदार विरोध भी किया गया.

देखें पूरी खबर

याचिका दाखिल करने में देरी
लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता का कहना है कि सीबीआई ने सजा बढ़ाने की याचिका दाखिल करने में 211 दिन की देरी की है, इसलिए इस याचिका की सुनवाई नहीं की जाए. उनकी ओर से लालू प्रसाद के ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया जिसमें कहा गया कि इतने गंभीर और महत्वपूर्ण मामले में सीबीआई को समय से याचिका दाखिल करनी चाहिए.

हाईकोर्ट ने सीबीआई की याचिका की स्वीकार
सीबीआई के सजा बढ़ाने की मांग का आधार गलत है क्योंकि सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में कई लोगों को अलग-अलग सजा सुनाई है. जबकि सीबीआई का कहना है कि सभी पर एक ही आरोप है इसलिए सजा भी एक ही होनी चाहिए. दोनों पक्षों के सुनने के बाद अदालत में याचिका दाखिल करने में देरी को शिथिल कर दिया और सीबीआई की याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर ली गई.

ये भी देखें- कोल्हान में गरजे PM और CM, कहा- एक लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार

बता दें कि निचली अदालत से हुए आदेश के 3 माह के अंदर ही याचिका दाखिल करने का प्रावधान है लेकिन इस मामले में सीबीआई ने समय अवधि के 211 दिन बाद हाईकोर्ट में सजा बढ़ाने के लिए अपील दाखिल की है. जांच एजेंसी की याचिका में कहा गया है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव, डॉक्टर आरके राणा, बेक जूलियस, अधीप चंद्र चौधरी, महेश प्रसाद, फूलचंद सिंह और सुबीर भट्टाचार्य को साढे़ तीन साल की सजा सुनाई है. जबकि इसी मामले में जगदीश शर्मा को 7 साल की सजा सुनाई गई है.

रांची: चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश एके गुप्ता और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने मंगलवार को सीबीआई की अपील याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर ली है. जिसमें लालू प्रसाद यादव सहित सात लोगों की सजा बढ़ाने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की ओर से सीबीआई की अपील का जोरदार विरोध भी किया गया.

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याचिका दाखिल करने में देरी
लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता का कहना है कि सीबीआई ने सजा बढ़ाने की याचिका दाखिल करने में 211 दिन की देरी की है, इसलिए इस याचिका की सुनवाई नहीं की जाए. उनकी ओर से लालू प्रसाद के ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया जिसमें कहा गया कि इतने गंभीर और महत्वपूर्ण मामले में सीबीआई को समय से याचिका दाखिल करनी चाहिए.

हाईकोर्ट ने सीबीआई की याचिका की स्वीकार
सीबीआई के सजा बढ़ाने की मांग का आधार गलत है क्योंकि सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में कई लोगों को अलग-अलग सजा सुनाई है. जबकि सीबीआई का कहना है कि सभी पर एक ही आरोप है इसलिए सजा भी एक ही होनी चाहिए. दोनों पक्षों के सुनने के बाद अदालत में याचिका दाखिल करने में देरी को शिथिल कर दिया और सीबीआई की याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर ली गई.

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बता दें कि निचली अदालत से हुए आदेश के 3 माह के अंदर ही याचिका दाखिल करने का प्रावधान है लेकिन इस मामले में सीबीआई ने समय अवधि के 211 दिन बाद हाईकोर्ट में सजा बढ़ाने के लिए अपील दाखिल की है. जांच एजेंसी की याचिका में कहा गया है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव, डॉक्टर आरके राणा, बेक जूलियस, अधीप चंद्र चौधरी, महेश प्रसाद, फूलचंद सिंह और सुबीर भट्टाचार्य को साढे़ तीन साल की सजा सुनाई है. जबकि इसी मामले में जगदीश शर्मा को 7 साल की सजा सुनाई गई है.

Intro:रांची

चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एके गुप्ता और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने मंगलवार को सीबीआई की अपील याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है। जिसमें लालू प्रसाद यादव सहित सात लोगों की सजा बढ़ाने की मांग की गई है सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की ओर से सीबीआई की अपील का जोरदार विरोध भी किया गया। लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता का कहना है कि सीबीआई ने सजा बढ़ाने की याचिका दाखिल करने में 211 दिन की देरी की है इसलिए इस याचिका की सुनवाई नहीं की जाए उनकी ओर से लालू प्रसाद के ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया जिसमें कहा गया कि इतने गंभीर और महत्वपूर्ण मामले में सीबीआई को समय से याचिका दाखिल करनी चाहिए।


Body:सीबीआई के द्वारा सजा बढ़ाने की मांग का आधार गलत है क्योंकि सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में कई लोगों को अलग-अलग सजा सुनाई है जबकि सीबीआई का कहना है कि सभी पर एक ही आरोप है इसलिए सजा भी एक ही होनी चाहिए दोनों पक्षों के सुनने के उपरांत अदालत में याचिका दाखिल करने में देरी को शिथिल कर दिया और सीबीआई की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर दिया।

आपको बता दें कि निचली अदालत से हुए आदेश के 3 माह के अंदर ही याचिका दाखिल करने का प्रावधान है लेकिन इस मामले में सीबीआई ने समय अवधि के 211 दिन बाद हाईकोर्ट में सजा बढ़ाने के लिए अपील दाखिल की है जांच एजेंसी की याचिका में कहा गया है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव डॉक्टर आरके राणा बेक जूलियस अधिप चंद्र चौधरी महेश प्रसाद फूलचंद सिंह और सुबीर भट्टाचार्य को साढे तीन-तीन साल सजा सुनाई है जबकि इसी मामले में जगदीश शर्मा को 7 साल की सजा सुनाई गई है


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