रांची: सेकेंड वेव में सभी को पता चल गया कि कोरोना वायरस(corona virus) कितना खतरनाक है. इस वायरस को हराने का अब सिर्फ एक ही हथियार है वैक्सीन(Vaccine). लेकिन वैक्सीन के मामले में झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता(Health Minister Banna Gupta) ने इसके लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है.
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झारखंड में वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने की कगार पर
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि 13 मार्च को प्रधानमंत्री ने कहा था कि पूरी दुनिया के लिए भारत वैक्सीन का हब बनेगा. लेकिन नौबत ऐसी आ गई है कि झारखंड के वैक्सीनेशन सेंटर(vaccination center) बंद होने की कगार पर आ गए हैं. वैक्सीन की कमी की वजह से ही केंद्र सरकार ने सेकेंड डोज लेने की अवधि बढ़ा दी है. उन्होंने भाजपा सांसदों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं से मिलकर झारखंड को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन देने की मांग करें. इसके लिए जरूरत पड़ी तो वे भाजपा सांसदों का पैर पकड़ने तक को तैयार हैं.
विपरीत परिस्थितियों में वैज्ञानिकों ने किया बेहतरीन काम
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में विपरीत परिस्थिति के बावजूद देश के वैज्ञानिकों ने अल्प अवधि में वैक्सीन((Vaccine) बनाकर मिसाल कायम की है. वैक्सीन लगते ही लोगों के मन में एक भाव आ जाता है कि अब उसे कोरोना कुछ नहीं कर पाएगा. लिहाजा वैक्सीन बनाने वाले देश के वैज्ञानिकों को स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के दिन भारत रत्न देकर सम्मानित करना चाहिए. उन्होंने इस बाबत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
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कोरोना वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों को मिले भारत रत्न
पत्र में बन्ना गुप्ता ने लिखा कि सेकंड वेव में हम सभी ने किसी न किसी रूप में अपने करीबी या मित्रों को खोया है. तीसरी लहर की भी आशंका है. इस विपरीत परिस्थिति में हमारे वैज्ञानिकों ने अगर वैक्सीन का निर्माण नहीं किया होता तो न जाने और कितने लोगों की जान चली गई होती. स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि अगर कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाले वैज्ञानिकों को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है तो आने वाली पीढ़ी मनोबल और ऊंचा होगा.
केंद्र सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण देश की व्यवस्था हुई चौपट
वहीं, दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देश की व्यवस्था चौपट हो गई. लोगों के पास जीविका का संकट आ गया. आर्थिक संकट आ गया और यह सब केंद्र सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण हुआ है.
केंद्र सरकार का दावा फेल
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था कि हिंदुस्तान में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा. लेकिन केंद्र सरकार लगातार लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है. राज्यों को वैक्सीन खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया तब मुफ्त टीकाकरण का दौर शुरू किया गया.
एक हफ्ते के अंदर पूरे देश में खत्म हुआ वैक्सीन
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि 1 हफ्ते के अंदर पूरा देश वैक्सीनहीन हो गया. उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्यों की ओर वैक्सीनेशन को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यहां के लोगों को परेशान किया जा रहा है. इस राज्य को सताया और तंग किया जा रहा है. एक करोड़ से ज्यादा डोज चाहिए, लेकिन डोज नहीं मिल रहा है. मई में भी कम डोज दिया गया था.