ETV Bharat / city

Health System: झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के नए भवन बनाने से पहले इन शर्तों का करना होगा पालन, वरना...

author img

By

Published : Dec 10, 2021, 10:11 AM IST

झारखंड में अब स्वास्थ्य विभाग को नया भवन बनाने से पहले यह देखना होगा कि वहां पर्याप्त मानव संसाधन है कि नहीं. बिना मानव संसाधन की व्यवस्था किए नया भवन नहीं बनाया जाएगा.

jharkhand-health-department-new-construction-policy
झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के नए भवन बनाने से पहले इन शर्तों का करना होगा पालन

रांचीः राज्य में अब मानव संसाधन की व्यवस्था किए बगैर अस्पतालों (स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य) के भवन तब तक नहीं बनाए जाएंगे, जब तक उसके लिए IPHS के मानक के अनुसार मानव संसाधन की व्यवस्था नहीं कर ली जाती. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब स्वास्थ्य संरचनाएं-भवन निर्माण की स्वीकृति से पहले इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के अनुसार मानव संसाधन की व्यवस्था के लिए पद सृजित करा लिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः Omicron in jharkhand: झारखंड में ओमीक्रोन को लेकर सीएम की बैठक, 20 जनवरी तक शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य

झारखंड में बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी भवन हैं जो बनकर तैयार तो हैं पर उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा. ऐसे भवनों में बड़ी संख्या स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य भवनों की है. जिसका निर्माण तो सरकारी राशि से करा लिया गया पर उसका इस्तेमाल आज तक इसलिए नहीं हुआ क्योंकि उन स्वास्थ्य उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को चलाने के लिए मानव संसाधन की व्यवस्था नहीं की गई थी.

भवन की उपयोगिता भी देखी जाएगी

स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर CHC-PHC के भवन निर्माण से पहले जिस क्षेत्र में नया भवन बनना है उसकी स्थानीय निवासियों के लिए उपयोगिता को भी देखा जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के बेकार पड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के उपयोग के लिए मानव संसाधन की होगी बहाली

सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि पहले से निर्मित /निर्माणाधीन अस्पताल भवनों के लिए आवश्यक मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के द्वारा गुरुवार को इस बाबत संकल्प जारी कर कहा गया है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को संचालित करने के लिए आईपीएचएस (भारतीय लोक स्वास्थ्य मानक) के अनुसार न्यूनतम मानव बल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेकर ही भवन निर्माण किया जाएगा.


बिना उपयोग जर्जर हो रहे हैं अस्पतालों के भवन

विभागीय समीक्षा में पाया गया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में समय समय पर आईपीएचएस को नजरअंदाज करते हुए एचएससी, पीएचएसी और सीएचसी के भवन बना लिए जाते रहे हैं जबकि, इन स्वास्थ्य संरचनाओं के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक मानव बल की उपलब्धता के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी. अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी संकल्प में कहा गया है कि इस तरह के काम से एक ओर जहां सरकारी राशि का अपव्यय होता है. वहीं, मानवबल का सृजित नहीं होने के कारण स्थानीय निवासियों को अपेक्षित स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं मिल पाती हैं. इतना ही नहीं धीरे धीरे बिना इस्तेमाल के ऐसे भवन रखरखाव के अभाव में जर्जर हो जाते हैं.

रांचीः राज्य में अब मानव संसाधन की व्यवस्था किए बगैर अस्पतालों (स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य) के भवन तब तक नहीं बनाए जाएंगे, जब तक उसके लिए IPHS के मानक के अनुसार मानव संसाधन की व्यवस्था नहीं कर ली जाती. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब स्वास्थ्य संरचनाएं-भवन निर्माण की स्वीकृति से पहले इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के अनुसार मानव संसाधन की व्यवस्था के लिए पद सृजित करा लिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः Omicron in jharkhand: झारखंड में ओमीक्रोन को लेकर सीएम की बैठक, 20 जनवरी तक शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य

झारखंड में बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी भवन हैं जो बनकर तैयार तो हैं पर उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा. ऐसे भवनों में बड़ी संख्या स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य भवनों की है. जिसका निर्माण तो सरकारी राशि से करा लिया गया पर उसका इस्तेमाल आज तक इसलिए नहीं हुआ क्योंकि उन स्वास्थ्य उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को चलाने के लिए मानव संसाधन की व्यवस्था नहीं की गई थी.

भवन की उपयोगिता भी देखी जाएगी

स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर CHC-PHC के भवन निर्माण से पहले जिस क्षेत्र में नया भवन बनना है उसकी स्थानीय निवासियों के लिए उपयोगिता को भी देखा जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के बेकार पड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के उपयोग के लिए मानव संसाधन की होगी बहाली

सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि पहले से निर्मित /निर्माणाधीन अस्पताल भवनों के लिए आवश्यक मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के द्वारा गुरुवार को इस बाबत संकल्प जारी कर कहा गया है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को संचालित करने के लिए आईपीएचएस (भारतीय लोक स्वास्थ्य मानक) के अनुसार न्यूनतम मानव बल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेकर ही भवन निर्माण किया जाएगा.


बिना उपयोग जर्जर हो रहे हैं अस्पतालों के भवन

विभागीय समीक्षा में पाया गया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में समय समय पर आईपीएचएस को नजरअंदाज करते हुए एचएससी, पीएचएसी और सीएचसी के भवन बना लिए जाते रहे हैं जबकि, इन स्वास्थ्य संरचनाओं के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक मानव बल की उपलब्धता के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी. अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी संकल्प में कहा गया है कि इस तरह के काम से एक ओर जहां सरकारी राशि का अपव्यय होता है. वहीं, मानवबल का सृजित नहीं होने के कारण स्थानीय निवासियों को अपेक्षित स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं मिल पाती हैं. इतना ही नहीं धीरे धीरे बिना इस्तेमाल के ऐसे भवन रखरखाव के अभाव में जर्जर हो जाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.