रांची: कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (corona new variant omicron) को लेकर झारखंड स्वास्थ्य विभाग (Jharkhand Health Department) ने निर्देश जारी किए हैं. झारखंड के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ अरुण कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिले के डीसी को पत्र लिख कर कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर विदेश से आने वाले यात्रियों के सर्विलांस स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं.
भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के सचिव के दिए गए निर्देश के आलोक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने सभी डीसी को पत्र लिख कर विदेश से आने वाले यात्रियों को लेकर अलर्ट रहने को कहा गया है. खासकर उन देशों के यात्रियों के लिए जहां यह वैरियंट मिला है. अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि कोविड-19 के नई वेरिएंट ओमिक्रॉन बोत्सवाना में तीन, साउथ अफ्रीका में 6 केस और हांगकांग में एक केस रिपोर्ट किया गया है. यह वैरियंट तेजी से संक्रमण फैला सकता है, क्योंकि इसमें 30 तरह के अमीनो एसिड सहित इसके प्रोटीन में कई बदलाव मिले हैं. इसके अमीनो एसिड प्रोटीन में कई तरह के म्यूटेशन के चलते यह जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर हो सकता है, ऐसे में जरूरत है कोरोना के नए वेरिएंट ऑफ कंसर्ट पर ध्यान केंद्रित किया जाए.
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अपर मुख्य सचिव ने सभी डीसी को जो निर्देश जारी किए हैं वह मुख्य रूप से ये हैं
- कोविड 19 के नए वैरियंट ऑफ कंसर्न मिलने के चलते अब जरूरी है कि सर्विलांस को बढ़ाया जाए और SARS के वायरस का जिनोमिक सर्विलांस बेहद जरूरी है इसलिए लगातार टेस्टिंग और सैंपल जरूर हो.
- ACS हेल्थ झारखंड ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस के नए कंसर्न जो दक्षिण अफ्रीका में मिला और फिर कई दूसरे देशों में भी पाया गया है इसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने ताजा सिरो जारी किया है.
- वैसे पैसेंजर जो रिस्क वाले देश से झारखंड आ रहे हैं उनका आरटी पीसीआर टेस्ट भारत में आने पर होना जरूरी है, अगर टेस्ट नेगेटिव आता है फिर भी उन्हें 7 दिन का होम क्वारंटाइन को फॉलो करना होगा. उसके बाद टेस्ट रिपीट किया जाएगा अगर आठवें दिन लिया गया सैंपल जांच भी नेगेटिव आता है, तब वैसे व्यक्ति 7 दिन के लिए self-monitoring में रहेंगे. अगर बाहर से आए व्यक्ति का टेस्ट पॉजिटिव आता है तो जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल आईएलएस भुवनेश्वर भेजना जरूरी है. हर ट्रैवलर को 14 दिन का ट्रैवल डिटेल देना और 24 घंटे के अंदर आरटी पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के नेगेटिव होने का अंडरटेकिंग देना जरूरी होगा. रिस्क वाले देश से आने वाली यात्रियों के कुल पैसेंजर का 5% का रैंडम सैंपल जांच जरूरी है. विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना प्रोटोकॉल और राज्य की इंट्री पॉइंट पर विशेष निगरानी बरती जाए.
- पिछले 14 दिन के अंदर वैसे यात्री जो विदेश से भारत और झारखंड लौटे हैं उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार निगरानी में रखा जाए. ऐसे लोगों में से अगर कोई पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उनका सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईएलएस भुवनेश्वर भेजा जाएगा.
- अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने सभी जिला का निर्देश दिया जाता है कि सैंपल जांच के लिए 48 घंटे के अंदर सैंपल कलेक्ट करना सुनिश्चित करें.
- बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर सिप्टोमेटिक पैसेंजर का थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगा और किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर उसे आइसोलेट कर टेस्ट किया जाएगा.
- कोरोना की दूसरे लहर के अनुभव को देखते हुए राज्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में बेड, दवा और अन्य तैयारियों को सुनिश्चित कर ली जाए.
- झारखंड में कोरोना के केस में कमी हो रही है, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सभी जिलों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन हो रहा है. ऐसे में कम होते केस के बावजूद सभी जिले यह सुनिश्चित करें कि हर हाल में कोविड अनुकूल व्यवहार का लोग पालन करें.
जिन जिलों में कम वैक्सीनेशन वहां के डीसी दें विशेष घ्यान
झारखंड में 68% लोगों को कोरोना का पहला डोज दिया गया है. गुमला, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, लातेहार, गिरिडीह, चतरा ,धनबाद, वेस्ट सिंहभूम, सिमडेगा, खूंटी, देवघर, गोड्डा, सरायकेला और साहिबगंज ऐसे जिले है जहां राज्य के औसत से कम लोगों को पहला डोज दिया गया है. इसी तरह दूसरे डोज का प्रतिशत राज्य में 32% है जबकि चतरा, लातेहार, गिरिडीह, गुमला, साहिबगंज, गढ़वा, लोहरदगा, सरायकेला, धनबाद,पाकुड़,बोकारो और जामताड़ा ऐसे जिले हैं जो सेकंड डोज में राज्य के औसत से नीचे है. इन जिलों के डीसी वैक्सीनेशन बढ़ाने पर विशेष धयान दें. टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और वैक्सीनेशन पर विशेष जोर दें ताकि कोरोना का प्रसार रोका जा सके और राज्य को इसके फैलाव से बचाया जा सके.