रांचीः झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. तीसरे दिन भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी के सवाल का सरकार की तरफ से जवाब दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बताया गया है कि 4 सितंबर तक झारखंड में कोरोना के प्रथम और द्वितीय वेव के दौरान 5132 लोगों की मृत्यु हुई है, लेकिन इनमें से किसी की भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है.
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कोरोना के दूसरे वेव के दौरान दिखा खौफनाक मंजर
कोरोना के दूसरे वेव के दौरान पूरे देश ने जो खौफनाक मंजर देखा उसे भुलाया नहीं जा सकता है. ये वो दौर था जब देश में रोजाना लगभग 4 लाख कोरोना के केस सामने आ रहे थे. टीवी और अखबारों में लोगों ने कई ऐसे मंजर देखें जिसमें मरीज तड़प-तड़प कर मर गए. कई लोगों ने दावा किया कि ऑक्सीजन नहीं मिलने से उसके मरीज की मौत हो गई. इस दौरान हमने ऑक्सीजन की कालाबाजी की भी खबरें देखीं. हालांकि केंद्र सरकार ने संसद में ये कहा कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है.
केंद्र के बयान की आलोचना
केंद्र सरकार के ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं होने के दावे का विपक्ष ने जबरदस्त आलोचना की. झारखंड में भी जेएमएम सरकार ने केंद्र के बयान पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी. बन्ना गुप्ता ने तो यहां तक कह दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
केंद्र पर जेएमएम के आरोप
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्या ने भी भारत सरकार पर कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छिपाने की बात कही है. यही नहीं उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि जब कोई मीडिया हाउस सही आंकड़ा बताता है तो केंद्र सरकार उसपर छापे पड़वाती है और पत्रकारों पर झूठे केस करवाती है.
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सरकार का विधानसभा में जवाब
लेकिन आज खुद उनकी ही सरकार और उनके विभाग का झारखंड विधानसभा में ये कहना है कि झारखंड में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या अब बन्ना गुप्ता अपने बयान के लिए माफी मांगेंगे. क्या सीएम हेमंत सोरेन अपने मंत्री और सरकार के इस बयान के लिए माफी मांगेंगे.