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राशन नहीं मिलने पर कार्डधारी होंगे भत्ता के हकदार, सरकार ने बनाई नियमावली - झारखंड सरकार

राशन कार्डधारी के लिए झारखंड सरकार नई नियम बनाई है. अब राशन कार्डधारी को अनाज नहीं मिलने पर वो कार्डधारी भत्ता के हकदार होंगे. इसके लिए सरकार इस प्रस्ताव को कैबिनेट में भी रखेगी.

झारखंड मंत्रायल
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Published : Aug 21, 2019, 9:02 PM IST

रांची: प्रदेश में अब राशन कार्डधारी को अनाज न मिलने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा भत्ता प्राप्त करने के अधिकारी होंगे. खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामला विभाग ने इस बारे में नियमावली बना ली है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो कैबिनेट में इसे स्वीकृति के लिए रखा जाएगा.

इस नियमावली में यह प्रावधान है कि कोई भी लाभुक निर्धारित समय अवधि में खाद्यान्न न मिलने या कम खाद्यान्न मिलने की स्थिति में नोडल पदाधिकारी के माध्यम से या सीधा लिखित आवेदन देकर शिकायत कर सकते हैं.

वहीं एडिशनल कलेक्टर सह जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों से जुड़े शिकायतों का निवारण करेंगे. इसके साथ ही लाभुक को खाद्य सुरक्षा भत्ता के भुगतान और दोषियों के विरूद्ध अर्थदंड लगाने का आदेश देंगे. नियम के अनुसार जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी को 30 दिन के अंदर कंप्लेन का निवारण करना है.

ये भी पढ़ें: भाजपा सांसद समीर उरांव ने की मांग, ईसाई मिशनरियों से जमीन रैयतों को वापस कराई जाए

विषम परिस्थिति में उपायुक्त से एक महीने का अवधि विस्तार भी लिया जा सकता है. इसके साथ ही जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के खिलाफ कोई भी व्यक्ति 30 दिन के अंदर राज्य खाद्य आयोग में अपील कर सकता है. आयोग में अपील के 60 दिन में निवारण कर लिए जाने का प्रस्ताव भी है. इसके लिए सरकार एक समीकरण बनाई हुई है. जिसके तहत खाद्यान्न दिया जाएगा.

रांची: प्रदेश में अब राशन कार्डधारी को अनाज न मिलने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा भत्ता प्राप्त करने के अधिकारी होंगे. खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामला विभाग ने इस बारे में नियमावली बना ली है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो कैबिनेट में इसे स्वीकृति के लिए रखा जाएगा.

इस नियमावली में यह प्रावधान है कि कोई भी लाभुक निर्धारित समय अवधि में खाद्यान्न न मिलने या कम खाद्यान्न मिलने की स्थिति में नोडल पदाधिकारी के माध्यम से या सीधा लिखित आवेदन देकर शिकायत कर सकते हैं.

वहीं एडिशनल कलेक्टर सह जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों से जुड़े शिकायतों का निवारण करेंगे. इसके साथ ही लाभुक को खाद्य सुरक्षा भत्ता के भुगतान और दोषियों के विरूद्ध अर्थदंड लगाने का आदेश देंगे. नियम के अनुसार जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी को 30 दिन के अंदर कंप्लेन का निवारण करना है.

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विषम परिस्थिति में उपायुक्त से एक महीने का अवधि विस्तार भी लिया जा सकता है. इसके साथ ही जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के खिलाफ कोई भी व्यक्ति 30 दिन के अंदर राज्य खाद्य आयोग में अपील कर सकता है. आयोग में अपील के 60 दिन में निवारण कर लिए जाने का प्रस्ताव भी है. इसके लिए सरकार एक समीकरण बनाई हुई है. जिसके तहत खाद्यान्न दिया जाएगा.

Intro:झारखण्ड मंत्रालय का वीडियो अटैच है

रांची। प्रदेश में अब राशन कार्ड धारी अनाज न मिलने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा भत्ता प्राप्त करने के अधिकारी होंगे। खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने इस बारे में नियमावली बना ली है। आधिकारिक सूत्रों की माने तो कैबिनेट में इसे स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। इस नियमावली में यह प्रावधान है कि कोई भी लाभुक निर्धारित समय अवधि में खाद्यान्न मिलने अथवा कम खाद्यान्न मिलने की स्थिति में नोडल पदाधिकारी के माध्यम से या सीधा लिखित आवेदन देकर शिकायत कर सकते हैं।

नोडल पदाधिकारी संबंधित क्षेत्र के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी होंगे। वहीं एडिशनल कलेक्टर सह जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों से जुड़े शिकायतों का निवारण करेंगे। साथ ही लाभुक को खाद्य सुरक्षा भत्ता के भुगतान और दोषियों के विरूद्ध अर्थदंड लगाने का आदेश देंगे। नियम के अनुसार जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी को 30 दिन के अंदर कंप्लेन का निवारण करना है।


Body:विषम परिस्थिति में उपायुक्त से 1 माह का अवधि विस्तार भी लिया जा सकता है। साथ ही जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के खिलाफ कोई भी व्यक्ति 30 दिन के अंदर राज्य खाद्य आयोग में अपील कर सकता है। आयोग में अपील के 60 दिन में निवारण कर लिए जाने का प्रस्ताव भी है।

ऐसे किया जाएगा भत्ता का कैलकुलेशन
ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा भत्ता की गणना संबंधित पीरियड के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न के न्यूनतम समर्थन मूल्य का 1.25 गुना, से वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा अधिनियम के तहत लाभुकों को उपलब्ध कराए जा रहे खाद्यान्न के मूल्य को घटाकर, उस अंतर की राशि को आपूर्ति न किए गए खाद्यान्न की मात्रा से गुणा करने पर आने वाली राशि के रूप में निर्धारित किए जाने का प्रस्ताव है।




Conclusion:
फिलहाल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य सरकार द्वारा लाभुकों को चावल और गेहूं 1 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराई जा रही है।
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