रांची: झारखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. खेल के क्षेत्र में भी यह राज्य बेहतर है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यहां के कई खिलाड़ियों ने अपना दबदबा कायम रखा है. हालांकि खेल नीति नहीं होने के कारण झारखंड के खिलाड़ियों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. हेमंत सरकार ने नई खेल नीति बनाने को लेकर योजना तैयार की है. जल्द ही इसे धरातल पर उतारने की बात कही जा रही है.
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किसी भी राज्य के खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए एक नीति जरूरी है. झारखंड में एक लंबे समय से खेल नीति पर सिर्फ चर्चा ही हो रही है. इस बीच सूबे के हेमंत सरकार ने नई खेल नीति बनाने को लेकर पहल की है. अब तक इस नीति को धरातल पर लाने के लिए कई पहलुओं पर चर्चा हुई है. वहीं, राज्य सरकार के खेल विभाग मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक ड्राफ्ट तैयार कर इसे कैबिनेट से पारित करने के तैयारी में है.
जानकारी के मुताबिक राज्य की खेल नीति बनकर तैयार है. मुख्यमंत्री ने भी सहमति दे दी है. जल्द ही इसे धरातल पर उतार लिया जाएगा. खेल मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने जानकारी देते हुए कहा है कि खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का डेटाबेस भी तैयार कर लिया गया है. उनके योग्यता के अनुसार उन्हें नियुक्त भी किया जाएगा. खेल नीति में ऐसे खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का पूरा डाटाबेस समाहित होगा.
झारखंड की नई खेल नीति को लेकर विभिन्न विभागों से भी सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार हुआ है. खेलकूद के लिए बेहतर और प्रतियोगी माहौल बनाने के लिए राज्य सरकार नई खेल नीति को तैयार किया है. इसमें खिलाड़ियों को सम्मानजनक जीवन और सुरक्षित भविष्य तैयार करने की बात भी कही गई है. राज्य में खेल को बढ़ावा देने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और उनके सम्मानजनक जीवन और सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए ही नई खेल नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसमें दिव्यांग खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
नई खेल नीति में खिलाड़ियों को पेंशन जिला विकास स्पोर्ट्स क्लब बनाने का प्रावधान भी बनाया गया है. हर पंचायत में क्लब पंचायत में खेल को प्रोत्साहित करने के लिए फंड की भी व्यवस्था होगी. इससे पंचायत स्तर पर खेलों के आयोजन में सहूलियत होगी. खेलकूद के लिए वातावरण तैयार करने का पहल है. नई खेल नीति के माध्यम से राज्य में प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर पर खेलकूद का एक प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है. खिलाड़ियों को जरूरी संसाधन सुविधाएं और समान अवसर मिले इस पर जोर है. खेल नीति के माध्यम से खेल संस्कृति को बढ़ावा खेलकूद क्षमता का विस्तार जीवन कौशल शिक्षा उद्योग जगत को खेल के क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ खेल संरचना का विकास और शिक्षा के साथ खेल जगत का तालमेल कैसे बने इस पर भी जोर दिया जा रहा है.
विभिन्न खेल संघ और खेल प्रशासकों ने नई खेल नीति का अध्ययन भी किया है. इनकी मानें तो यह खेल नीति अगर राज्य में पूरी तरह से लागू कर दिया जाए, तो इस राज्य के लिए यह नीति मील का पत्थर साबित होगा. खिलाड़ियों के साथ-साथ अन्य क्षेत्र के खेल से जुड़े लोगों को भी इस खेल नीति से फायदा मिलेगा. जल्द ही यह खेल नीति धरातल पर आए इसे लेकर खेल संघों ने भी राज्य सरकार से अपील किया है.
झारखंड गठन के बाद ऐसे कई नीतियां हैं जो इस राज्य को जरूरी है. लेकिन अब तक उन क्षेत्रों में काम नहीं किया गया है. हालांकि अब कयास लगाया जा रहा है कि इस राज्य को नई खेल नीति जल्द ही मिलेगी. अब देखने वाली बात यह होगी कि जो बातें इस नई खेल नीति को लेकर कहीं जा रही है उन बातों पर कितना अमल किया जाता है.