रांची: झारखंड में ग्रामीण इलाकों में सड़कों का जाल बिछाने लिए राज्य सरकार ने तत्परता दिखानी शुरू कर दी है. वुधवार को प्रोजेक्ट भवन में केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा की गई. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के नेतृत्व में हुई इस समीक्षा बैठक में विभागीय सचिव मनीष रंजन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
झारखंड में ग्रामीण सड़कों को सुदृढ करने के लिए समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से विधायक द्वारा अनुशंसित ग्रामीण सड़क और पुल पुलिया की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों ने कई विधायक द्वारा अब तक एक भी पुल पुलिया और सड़क की अनुशंसा प्राप्त नहीं होने की बात कही. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने ऐसे विधायक से 15 दिसंबर तक अनुशंसा प्राप्त कर निर्माण कार्य शुरू करने का आदेश दिया गया. ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि ग्रामीण सड़क निर्माण को लेकर राज्य सरकार कृतसंकल्पित है और इस दिशा में कार्य शुरू हो गया है. इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाले सड़कों का टेंडर प्रक्रियाधीन है.
केंद्र सरकार ने दी है 1754 किमी सड़क निर्माण की स्वीकृति
केंद्र सरकार ने पिछले महीने झारखंड को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से 1754 किलोमीटर सड़क निर्माण की सौगात दी है. झारखंड सरकार के प्रस्ताव पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सहमति प्रदान करते हुए झारखंड के लिए 1395 करोड़ की योजना की स्वीकृति दी थी. इसके अनुसार पीएमजीसीआई फेज-3 के तहत 979.350 किलोमीटर ग्रामीण सड़क बनाने की मंजूरी दी गई है. इसमें 630.65 करोड़ों रुपए राशि खर्च होगी, 108 रोड बनेंगे. वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना नक्सल प्रभावित इलाकों में 774.42 किलोमीटर सड़क बनेगी. केंद्र सरकार ने RCPLWE योजना से सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान किया है. इसके तहत 765.42 करोड़ की लागत से 125 सड़क और 71 पुल बनाए जाएंगे.