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परिवार से बिछड़ी लड़की ने इंटरनेट से तलाशा घर का पता, पांच साल बाद करनाल से लौटेगी लातेहार - फूसगढ़

5 साल पहले परिवार से बिछड़ी झारखंड की बेटी कलिस्ता मुंडे बाल कल्याण समिति के प्रयास से अपने परिवार तक पहुंचेगी. 5 साल पहले उसका चाचा बाल श्रम के लिए उसे करनाल में छोड़कर भाग गया था.

jharkhand girl kalista found in karnal
झारखंड की बेटी कलिस्ता मुंडे
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Published : May 12, 2021, 3:23 PM IST

करनाल: बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच करनाल जिले से एक अच्छी खबर सामने आ रही है. बता दें कि एमडीडी बाल भवन में रह रही 15 वर्षीय कलिस्ता के परिवार को बाल कल्याण समिति ने खोज लिया है. बता दें कि बाल कल्याण समिति ने कलिस्ता के परिवार से संपर्क किया तो परिवार के साथ-साथ कलिस्ता के चेहरे पर भी खुशी लौट आई.

बता दें कि जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उमेश चानना ने मंगलवार को फूसगढ़ स्थित एमडीडी बाल कल्याण समिति में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि जल्द ही इस बेटी को परिवार के पास पहुंचाया जाएगा. इस मौके पर उपस्थित बाल भवन के संचालक पीआर नाथ ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कलिस्ता 5 वर्ष तक एमडीडी बाल भवन में रहने के बाद अपने घर वापस जा रही है. हम सब उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं. उन्होंने कलिस्ता को सिलाई मशीन देने की भी बात कही है.

ये भी पढ़ें: हर शनिवार सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों का होगा ऑनलाइन टेस्ट, कई विषयों का होगा मूल्यांकन

बताया जा रहा है कि वर्ष 2016 में कलिस्ता अपने चाचा के साथ करनाल आई थी और उसका चाचा कलिस्ता को चाइल्ड लेबर बनाकर यहां छोड़कर भाग गया था. इसके बाद जिला बाल कल्याण समिति ने 9 वर्षीय कलिस्ता को रेस्क्यू कर बाल भवन में भेज दिया था. कई बार कलिस्ता की काउंसिलिंग की गई.

बता दें कि हाल ही में की गई काउंसिलिंग के दौरान कलिस्ता ने बताया कि वह हरमुंडा टोली की रहने वाली है. इंटरनेट पर गांव का नाम खोजने के बाद पता चला कि यह गांव झारखंड के लातेहार जिले में पड़ता है. वहां के एसपी से भी गांव के बारे में पुष्टि होने पर एसपी ने संबंधित थाना इंचार्ज से बच्ची कलिस्ता के परिवार का पता लगाने की बात कही. बता दें कि थाना इंचार्ज भी हरमुंडा टोली के रहने वाले निकले और उन्होंने कलिस्ता के परिवार का पता लगा लिया.

करनाल: बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच करनाल जिले से एक अच्छी खबर सामने आ रही है. बता दें कि एमडीडी बाल भवन में रह रही 15 वर्षीय कलिस्ता के परिवार को बाल कल्याण समिति ने खोज लिया है. बता दें कि बाल कल्याण समिति ने कलिस्ता के परिवार से संपर्क किया तो परिवार के साथ-साथ कलिस्ता के चेहरे पर भी खुशी लौट आई.

बता दें कि जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उमेश चानना ने मंगलवार को फूसगढ़ स्थित एमडीडी बाल कल्याण समिति में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि जल्द ही इस बेटी को परिवार के पास पहुंचाया जाएगा. इस मौके पर उपस्थित बाल भवन के संचालक पीआर नाथ ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कलिस्ता 5 वर्ष तक एमडीडी बाल भवन में रहने के बाद अपने घर वापस जा रही है. हम सब उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं. उन्होंने कलिस्ता को सिलाई मशीन देने की भी बात कही है.

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बताया जा रहा है कि वर्ष 2016 में कलिस्ता अपने चाचा के साथ करनाल आई थी और उसका चाचा कलिस्ता को चाइल्ड लेबर बनाकर यहां छोड़कर भाग गया था. इसके बाद जिला बाल कल्याण समिति ने 9 वर्षीय कलिस्ता को रेस्क्यू कर बाल भवन में भेज दिया था. कई बार कलिस्ता की काउंसिलिंग की गई.

बता दें कि हाल ही में की गई काउंसिलिंग के दौरान कलिस्ता ने बताया कि वह हरमुंडा टोली की रहने वाली है. इंटरनेट पर गांव का नाम खोजने के बाद पता चला कि यह गांव झारखंड के लातेहार जिले में पड़ता है. वहां के एसपी से भी गांव के बारे में पुष्टि होने पर एसपी ने संबंधित थाना इंचार्ज से बच्ची कलिस्ता के परिवार का पता लगाने की बात कही. बता दें कि थाना इंचार्ज भी हरमुंडा टोली के रहने वाले निकले और उन्होंने कलिस्ता के परिवार का पता लगा लिया.

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