रांची: झारखंड की सात महिला खिलाड़ियों का चयन अंडर-17 महिला फीफा वर्ल्ड कप 2022 के प्रशिक्षण के लिए हुआ है. प्रशिक्षण के लिए 33 भारतीय खिलाडियों का चयन हुआ है. प्रशिक्षण के दौरान बेहतर परफॉर्म करने वाली 18 खिलाडियों का चयन अंडर-17 महिला फीफा वर्ल्ड कप 2022 के लिए होगा. झारखंड की चयनित खिलाड़ी फिलहाल जमशेदपुर में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण ले रही हैं. ये बेटियां झारखंड के गौरव हैं. अब देश का प्रतिनिधित्व करेंगी.
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मुख्यमंत्री ने जाहिर की खुशी: चयनित खिलाड़ियों में अंजली मुंडा, सलीना कुमारी, सुधा अंकिता तिर्की, अस्तम उरांव, पूर्णिमा कुमारी, नीतू लिंडा और अनीता कुमारी शामिल हैं. उनके सपनों को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भी तत्परता दिखाई है. इधर इन खिलाड़ियों के चयन से मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि बेटियों ने कमाल किया है.
मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया: अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप के लिए चयनित पूर्णिमा ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि कोरना संक्रमण काल में हमारा विशेष ध्यान रखा गया. इससे पहले गोवा में संक्रमण की वजह से हमारा प्रशिक्षण प्रभावित हुआ था. खाने की भी समस्या थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने हमें झारखंड में ही प्रशिक्षण देने का कार्य किया. उन्होंने कहा कि मैं गुमला से आती हूं. मेरे गांव में लड़कियों का फुटबॉल खेलने का चलन नहीं था. बावजूद इसके मैंने खेला. तीन वर्ष से खेल रही हूं. यह मेरे लिए सुखद अनुभूति है कि मैं अंडर-17 महिला फीफा वर्ल्ड कप 2022 के लिए प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा बनी हूं. 2021 के फरवरी-मार्च महीने में आयोजित फीफा वर्ल्ड कप में राज्य की आठ खिलाड़ी शामिल थीं. ये सभी तैयारी के लिए गोवा में प्रशिक्षण ले रही थी. संक्रमण की वजह से इन फुटबॉल खिलाड़ियों की टीम में शामिल झारखंड की आठ महिला खिलाड़ी अपने घर लौट आई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था रांची में करायी थी.
यूनिसेफ ने चैंपियन ऑफ चेंज फॉर चाइल्ड राइट्स के रुप में बढ़ाया हाथ: इन लड़कियों को सहयोग करने के लिए खेल विभाग की ओर से फुटबॉल किट और यूनिसेफ की ओर टी-शर्ट्स दिया गया. यूनिसेफ ने चैंपियन ऑफ चेंज फॉर चाइल्ड राइट्स के रुप में चयनित खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा है. यूनिसेफ ने इन्हें बाल अधिकारों, किशोर-किशोरियों के मुद्दों, समुचित पोषण की आवश्यकता, माहवारी स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक परामर्श सहित कई मुद्दों पर प्रशिक्षित किया था.