रांचीः झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रांची में किया गया. कार्यशाला के पहले दिन मंगलवार को सरकारी स्कूलों से ड्रॉप आउट शून्य हो और शिक्षा व्यवस्था कैसे सुधार किया जाए. इस पर विचार-विमर्श किया गया. शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से ड्रॉप आउट से संबंधित आंकड़ा प्रस्तुत किया गया. इस आंकड़े के अनुसार 8वीं से 12वीं कक्षा तक 60 प्रतिशत बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं.
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ड्रॉप आउट की समस्या पर चिंता जाहिर करते हुए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि सबसे ज्यादा 8वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चे ड्रॉप आउट होते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी इस ड्रॉप आउट की समस्या से ज्यादा जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन बच्चों को शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार का शिक्षा विभाग लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन शत-प्रतिशत सफलता नहीं मिल रही है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने को लेकर पहल की जा रही है.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि कई सरकारी स्कूल हैं, जो निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे है. उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर एक स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाना है. इस योजना पर शिक्षा विभाग लगातार मंथन कर रही है. इस योजना में शिक्षाविदों की मदद की जरूरत है. इसलिए यह कार्यशाला का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम के दौरान बेहतर काम करने वाले शिक्षकों और पदाधिकारियों को शिक्षा मंत्री के हाथों सम्मानित भी किया है. इस कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के शिक्षा अधिकारी अपने अपने अनुभव को साझा किया है. इन शिक्षा अधिकारियों ने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक और प्रिंसिपल अपने कर्तव्यों को समझेंगे तो सरकारी स्कूल अपने आप बेहतर हो जाएगा.