रांचीः झारखंड महागठबंधन सरकार में खींचतान के बीच कांग्रेस नेताओं को दिल्ली तलब किया गया है. इस पहले कांग्रेस आलाकमान ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, सरकार के चारों मंत्रियों समेत 30 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को हाईकमान ने 5 अप्रैल को दिल्ली तलब कर लिया था. सोमवार शाम तक कई नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं. वहीं कांग्रेस कोटे से झारखंड सरकार के मंत्री आज फ्लाइट से दिल्ली पहुंचेंगे.
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बता दें कि सोमवार शाम से ही अलग-अलग फ्लाइट से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा, विधायक किशनदास, विधायक बंधु तिर्की, विधायक दीपिका पांडे सिंह, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और पूर्व प्रवक्ता आलोक दुबे दिल्ली पहुंच गए हैं. बता दें कि झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के मुख्य घटक दलों जेएमएम और कांग्रेस के बीच गतिरोध आ गया है. कांग्रेस के सवालों और प्रस्तावों पर जेएमएम लीडर और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जवाब तक नहीं दे रहे हैं. इससे झारखंड कांग्रेस के नेता असहज हैं. कांग्रेस की ओर से भेजे गए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अब तक जवाब नहीं दिया गया है. 29 दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए प्रस्ताव पर किसी जवाब का आज भी कांग्रेस नेता इंतजार कर रहे हैं.
इधर झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय की तरफ से जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन को भेजे गए प्रस्ताव का भी कोई जवाब नहीं आया है. इसको लेकर कांग्रेस में नाराजगी है. झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने तंज भी कसा है, उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री ज्यादा आवश्यक कार्य में व्यस्त हैं, इसलिए अति-आवश्यक काम छूट गया. इधर खींचतान के बीच कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. झारखंड प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी ने कांग्रेस संगठन कील-कांटे दुरुस्त करने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार झारखंड में दौरे और संवाद यात्रा करने की योजना बनाई है.
इस बीच जेएमएम विधायकों के पाला बदलने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने भी तेवर तल्ख करने शुरू कर दिए हैं. इस बीच झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने सहयोगी दल जेएमएम से नाराजगी का इजहार भी कर दिया है. उन्होंने कहा कि जेएमएम किसी गलतफहमी में न रहे, हम गठबंधन सरकार की बेहतरी के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसीलिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति का प्रस्ताव भेजा है और इसीलिए पहल की है. इसलिए इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीरता से लें.