रांची: राज्य के व्यवसायियों का सर्वोच्च संगठन झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का वार्षिक चुनाव (Jharkhand Chamber of Commerce election ) शुरू हो गया. मतदान की प्रक्रिया पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार पहले दिन शनिवार को दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक चली. पहले दिन 610 वोट पड़े, 11 सितंबर को मतदान के दूसरे दिन सुबह 09 बजे से शाम 7 बजे तक वोटिंग होगी.
21 कार्यकारणी सदस्यों के लिए हो रहे इस चुनाव में 57 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करीब 3500 मतदाता कर रहे हैं. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स कार्यालय कैंपस में हो रहे इस चुनाव को लेकर व्यवसायियों में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है. कम्प्यूटरीकृत इस चुनाव मेंं मतदान केन्द्र पर भारी भीड़ है और समर्थक अपने अपने प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोके हुए हैं. चुनाव पदाधिकारी पवन शर्मा के अनुसार शांतिपूर्ण मतदान हो रहा है. कल मतदान के बाद देर रात रिजल्ट जारी की जायेगी. इधर व्यवसायी दीनदयाल वर्णवाल ने कहा कि व्यवसायियों में उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाई जा सकती है कि अब तक इतनी बड़ी संख्या में प्रत्याशी नहीं खड़े हुए हैं. चुनाव मैदान में भलें ही 21 जीतने में सफल हो जायेंगे मगर चैम्बर के लिए सभी 57 प्रत्याशी आगे काम करते रहेंगे.
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स में कुल सदस्यों की संख्या 3570 है जिसमें आजीवन 3300, साधारण श्रेणी के 180, पैट्रोन 2, कॉरपोरेट 10 और कुल 78 सम्बद्ध संस्थाएं हैं. इन सभी सदस्यों को समयानुसार दोनों में से किसी एक दिन मतदान करने की छूट दी गई है. पहले दिन शनिवार को मतदान शुरू होने से पहले फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्डस्ट्रीज की 58वीं वार्षिक आमसभा हुई. इस सभा में कुल 180 सदस्य उपस्थित हुए. इस अवसर पर महासचिव राहुल मारू ने चैंबर के इस सत्र की वार्षिक गतिविधियों को सभा के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसे सदस्यों ने अनुमोदित किया.
कोषाध्यक्ष मनीष सर्राफ ने चैंबर के सत्र 2021-22 के बैलेंस शीट और आय-व्यय की रिपोर्ट को प्रस्तुत किया जिसे सभा में उपस्थित सदस्यों ने पारित किया. आमसभा द्वारा सर्वसम्मति से चैंबर के ऑडिटर की नियुक्ति की गई. इस दौरान मेसर्स जेएन अग्रवाल एंड कंपनी को पुनः एक वर्ष के लिए चैंबर का ऑडिटर नियुक्त किया गया. सभा के आरंभ में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में मिले सहयोग के लिए प्रदेश के व्यापार एवं उद्योग जगत को धन्यवाद दिया. यह भी कहा कि पिछले तीन वर्षों से चैंबर के महत्वपूर्ण पदों पर रहने का अवसर मिला और यह तीनों ही सत्र कोविड की चुनौतियों से प्रभावित रहे. संतोषजनक है कि इन विषम परिस्थितियों में भी हमने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है.