रांची: ड्यूटी के दौरान नक्सलियों और उग्रवादियों के शिकार होने वाले पुलिसकर्मी और अन्य सरकारी सेवकों के माता-पिता के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. मंगलवार को हुई स्टेट कैबिनेट की बैठक में सरकार ने तय किया कि वैसे शहीदों के आश्रित माता-पिता के लिए मिलने वाले अनुदान और शेष अवधि के वेतन का एक चौथाई हिस्सा उन्हें दिया जाएगा.
इस बात की जानकारी देते हुए कैबिनेट सेक्रेट्री अजय कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के संज्ञान में कई ऐसे संदर्भ आए कि शहीद के माता-पिताओं को काफी समस्या झेलनी पड़ रही है. इसी वजह से सरकार ने निर्णय लिया है कि अब शहीदों के आश्रितों को मिलने वाले अनुदान और शेष अवधि के वेतन का 25% आश्रित माता पिता को दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि माता-पिता आश्रित होंगे या नहीं इस बात की सत्यता की जांच संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नर और एसपी करेंगे.
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कैबिनेट सेक्रेट्री ने बताया कि बैठक में कुल 14 प्रस्तावों पर सहमति दी गई. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के एक प्रस्ताव पर सहमति देते हुए झारखंड राज्य भौतिक चिकित्सा परिषद विधेयक 2019 पर स्वीकृति दी गई. कैबिनेट सेक्रेट्री ने बताया कि यह परिषद राज्य में फिजियोथैरेपी की शिक्षा के मानक के निर्धारण को लेकर जिम्मेदार होगा. इसके साथ ही नए संस्थान और ट्रेनिंग कोर्स की मंजूरी भी देगा. इसके अलावा फिजियोथेरेपिस्ट के रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी भी परिषद की होगी. साथ ही डॉक्टरों के खिलाफ दंड, निलंबन या अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए भी परिषद एक्शन ले सकता है. वहीं ऊर्जा विभाग के एक निर्णय के संबंध में ऊर्जा सचिव वंदना दाडेल ने बताया कि वर्ष 2019 के लिए झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तहत एचटीएसएस श्रेणी में आने वाले फर्नेस इंडस्ट्री के लिए राज्य सरकार ने प्रति यूनिट 1.25 रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. यह सब्सिडी अगले 4 महीने तक दी जाएगी.
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वहीं पर्यटन विभाग के एक प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री आमंत्रण फुटबॉल टूर्नामेंट 2019 में ब्लॉक, डिस्ट्रिक्ट, डिवीजन और स्टेट लेवल के विजेता और उपविजेता टीम के खिलाड़ियों को 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इस मद में 1.89 करोड रुपए का खर्च प्रस्तावित है. कृषि विभाग के एक प्रस्ताव में फसल बीमा योजना के तहत 2% प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी. इसके मध्य में 70 करोड़ के घटनोत्तर स्वीकृति पर मुहर लगाई गई. कैबिनेट में आयुष्मान योजना के गोल्ड कार्ड निर्माण के लिए 53.34 करोड रुपए खर्च करने पर सहमति दी गई.