रांची: राज्य सरकार ने मंगलवार को झारखंड प्रशासनिक सुधार आयोग के गठन का निर्णय लिया है. पांच सदस्यों वाला यह आयोग प्रदेश में सभी विभागों के संरचना पुनर्गठन समेत सरकारी विभागों की भूमिका को परिभाषित करने में सहायक होगा.
इस बाबत अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल ने बताया कि 5 सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवाशीष गुप्ता करेंगे, जबकि अन्य सदस्यों में कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव या सचिव स्तर के अधिकारी समेत सेवानिवृत्त अभियंत्रण विशेषज्ञ, प्रबंधन विशेषज्ञ, आईटी एक्सपोर्ट समेत कार्मिक विभाग द्वारा नामित आईएएस या झारखंड प्रशासनिक सेवा के संयुक्त या विशेष या अपर सचिव स्तर के अधिकारी होंगे. यह आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा.
स्थानीयता फिर से परिभाषित करने के लिए बनेगी सब कमिटी
खंडेलवाल ने बताया कि इस आयोग का काम पब्लिक सर्विसेज और कैपेसिटी बिल्डिंग को कैसे इंप्रूव किया जाए करना होगा. यह फैसला मंगलवार को प्रोजेक्ट बिल्डिंग में हुई स्टेट कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इसके साथ ही राज्य सरकार ने स्थानीयता को परिभाषित करने के लिए सभी पहलुओं पर रिव्यू करने के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी बनाने का भी फैसला किया है. इस तीन सदस्य सब-कमिटी के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्राधिकृत किया गया है.
स्टीफन बने 20 सूत्री के अध्यक्ष
खंडेलवाल ने बताया कि इसके अलावा झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी को 20 सूत्री कार्यान्वयन समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सभी प्रखंडों में विधायकों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था हो यह भी कैबिनेट में तय किया गया.
कुल 25 प्रस्तावों पर लगी मुहर
खंडेलवाल ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों पर सहमति दी गई. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 24 जिलों में कोर्ट मैनेजर के पदों की स्वीकृति भी दी गई है, जिनका काम कॉर्डिनेशन कर लंबित मामलों के डिस्पोजल में तत्परता दिखाना होगा. उन्होंने बताया कि पोक्सो एक्ट के तहत 22 जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए न्यायाधीश के पद पर भी स्वीकृति दी गई है. यह एक साल की अवधि के लिए होगा. वहीं, उन फास्ट ट्रैक कोर्ट में क्लास 3 और क्लास 4 के हर जिले में 7-7 पदों की भी स्वीकृति दी गई. ऐसे में कुल 154 पद स्वीकृत किए गए. उन्होंने बताया कि कैबिनेट में संविधान के 126 में संशोधन विधेयक पर भी केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजने पर सहमति दी.
लोक निर्माण विभाग संहिता के तहत एसओआर कमिटी के अध्यक्ष अब रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के इंजीनियर इन चीफ के जगह टेक्निकल विजिलेंस सेल के इंजीनियर इन चीफ होंगे. दरअसल, पिछले दिनों रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में बड़े पैमाने पर शेडूल ऑफ रेट में अनियमितता का मामला सामने आया था. वहीं, झारखंड चिकित्सा सेवा नियुक्ति एवं प्रोन्नति संशोधन नियमावली पर भी सहमति दी गई, जिसके तहत ट्यूटर और सीनियर रेसीडेंट का मानदेय 60 हजार प्रतिमाह से बढ़ाकर 75 हजार करने का फैसला लिया गया है.
उन्होंने बताया कि छठे और पांचवे वेतन के तहत तनख्वाह पा रहे राज्य सरकार के कर्मियों का डीए क्रमशः 154 से 164% और 295 से 312% करने पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दी है. इसके साथ ही इसके तहत पेंशन धारियों के डीए बढ़ने पर सहमति दी गई. वहीं, नए झारखंड हाई कोर्ट के लिए 106.31 करोड़ रुपए का नया एस्टीमेट बनाया गया है. इसके आधार पर अब फिर टेंडर आमंत्रित किया जाएगा.