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तुष्टिकरण और शिक्षकों को अपमानित कर रही है हेमंत सरकार, झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश का आरोप

वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल पर की गई टिप्पणी के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. शिक्षक संघ के बाद अब प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने बयान की निंदा करते हुए सरकार पर हमला बोला है.

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झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन पर लगाया आरोप
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Published : Sep 14, 2021, 9:51 AM IST

Updated : Sep 14, 2021, 1:40 PM IST

रांचीः वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल पर की गई टिप्पणी के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. शिक्षक संघ के बाद अब प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने बयान की निंदा करते हुए सरकार पर हमला बोला है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकारी विद्यालयों पर राज्य के वित्त मंत्री का बयान राज्य की शिक्षा व्यवस्था और कार्य में लगे शिक्षकों का अपमान है.

ये भी पढ़ेंः झारखंड सरकार के मंत्री ने माना सरकारी स्कूलों की हालत बदतर, रामेश्वर उरांव ने कहा- प्राइवेट स्कूल ही बेहतर विकल्प

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुधारने की जिम्मेवारी है, परंतु यह सरकार अपनी जिम्मेवारियों से भागना चाहती है. शिक्षकों पर दोषारोपण करके राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयास कर रही. शिक्षा राज्य सूची का विषय है. राज्य के सरकारी विद्यालयों में उच्चस्तरीय, गुणवत्तापूर्ण, शिक्षा व्यवस्था हो, बुनियादी ढांचा सुदृढ हो, विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति कर पद भरे जाएं, शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य में न लगाया जाए, सुविधायुक्त पदस्थापन हो, ये सारे कार्यों को करने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है, परंतु यह सरकार जिम्मेवारियों से मुंह मोड़ रही है.

चुनाव पूर्व घोषणा की निकली हवा

दीपक प्रकाश ने सरकार के कामकाज पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य के प्राइवेट स्कूल आम आदमी, गरीब, मजदूर, किसान के बच्चों के लिये सुलभ नहीं है. राज्य की अधिकांश आबादी गांव में निवास करती है और सुदूरवर्ती ग्रामीण, पहाड़ी, जंगली क्षेत्रों में सरकारी विद्यालय ही शिक्षा के साधन हैं. उन्होंने कहा कि सत्तामद में चूर राज्य सरकार के मंत्री, विधायकगण लगातार गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं. इस सरकार ने कोरोना में भी मरीजों को जान बचाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने को मजबूर किया. उसी प्रकार शिक्षा के लिए भी प्राइवेट स्कूलों में जाने के लिए मजबूर कर रही है. इससे सरकार की नीति और नीयत स्पष्ट झलक रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव सरकारी स्कूलों की शिक्षा को कोस रहे हैं. वहीं मदरसा के अनुदान के लिये नियमों को संशोधित करने की बात कर रहे हैं. राज्य सरकार के गठबंधन दलों में वोट बैंक और तुष्टिकरण की होड़ लगी है. सरकार अंतर्विरोध से घिरी है. शिक्षा विभाग झामुमो के कोटे में है. इसलिए झामुमो को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बयान पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

रांचीः वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल पर की गई टिप्पणी के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. शिक्षक संघ के बाद अब प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने बयान की निंदा करते हुए सरकार पर हमला बोला है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकारी विद्यालयों पर राज्य के वित्त मंत्री का बयान राज्य की शिक्षा व्यवस्था और कार्य में लगे शिक्षकों का अपमान है.

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुधारने की जिम्मेवारी है, परंतु यह सरकार अपनी जिम्मेवारियों से भागना चाहती है. शिक्षकों पर दोषारोपण करके राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयास कर रही. शिक्षा राज्य सूची का विषय है. राज्य के सरकारी विद्यालयों में उच्चस्तरीय, गुणवत्तापूर्ण, शिक्षा व्यवस्था हो, बुनियादी ढांचा सुदृढ हो, विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति कर पद भरे जाएं, शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य में न लगाया जाए, सुविधायुक्त पदस्थापन हो, ये सारे कार्यों को करने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है, परंतु यह सरकार जिम्मेवारियों से मुंह मोड़ रही है.

चुनाव पूर्व घोषणा की निकली हवा

दीपक प्रकाश ने सरकार के कामकाज पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य के प्राइवेट स्कूल आम आदमी, गरीब, मजदूर, किसान के बच्चों के लिये सुलभ नहीं है. राज्य की अधिकांश आबादी गांव में निवास करती है और सुदूरवर्ती ग्रामीण, पहाड़ी, जंगली क्षेत्रों में सरकारी विद्यालय ही शिक्षा के साधन हैं. उन्होंने कहा कि सत्तामद में चूर राज्य सरकार के मंत्री, विधायकगण लगातार गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं. इस सरकार ने कोरोना में भी मरीजों को जान बचाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने को मजबूर किया. उसी प्रकार शिक्षा के लिए भी प्राइवेट स्कूलों में जाने के लिए मजबूर कर रही है. इससे सरकार की नीति और नीयत स्पष्ट झलक रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव सरकारी स्कूलों की शिक्षा को कोस रहे हैं. वहीं मदरसा के अनुदान के लिये नियमों को संशोधित करने की बात कर रहे हैं. राज्य सरकार के गठबंधन दलों में वोट बैंक और तुष्टिकरण की होड़ लगी है. सरकार अंतर्विरोध से घिरी है. शिक्षा विभाग झामुमो के कोटे में है. इसलिए झामुमो को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बयान पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

Last Updated : Sep 14, 2021, 1:40 PM IST
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