ETV Bharat / city

झारखंड में समय पर जाति और आवासीय प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर हुआ मंथन, राज्य पिछड़ा आयोग के सदस्य ने दिए टिप्स - Ranchi news

झारखंड पिछड़ा वर्ग आयोग ने जाति और आवासीय प्रमाण पत्र को लेकर बैठक की है, ताकि जरूरतमंदों को शिक्षण संस्थानों में नामांकन को लेकर परेशानी नहीं झेलनी पड़े. आयोग के सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि निर्धारित समय सीमा में आवेदनों का निष्पादन करना सुनिश्चित करें.

Jharkhand Backward Classes Commission
झारखंड में समय पर जाति और आवासीय प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर हुआ मंथन
author img

By

Published : Sep 27, 2022, 9:38 PM IST

रांचीः झारखंड में राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जातीय और आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. इसकी वजह से जरूरतमंदों को शिक्षण संस्थानों में नामांकन कराना मुश्किल हो रहा है. इसको देखते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने स्टेट गेस्ट हाउस में जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.

यह भी पढ़ेंः सरकारी स्कूलों में जाति प्रमाण पत्र के नाम पर वसूली का आरोप, बच्चों और अभिभावकों ने किया विरोध

राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि पिछड़ी जातियों को जाति प्रमाण पत्र के कारण सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में नामांकन से वंचित ना होना पड़े. इसका अधिकारी ध्यान रखें. उन्होंने पदाधिकारियों से जानना चाहा कि पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का आंकड़ा जिले में संग्रहित है या नहीं. राजेंद्र प्रसाद ने प्रखंड स्तर पर अब तक प्राप्त आवेदन, निर्गत प्रमाण पत्र और रद्द किए गए आवेदनों और उसके कारणों के संबंध में जानकारी ली. हालांकि, अंचलाधिकारियों ने उन्हें बताया कि जाति और आवासीय प्रमाण पत्र तय समय पर ही निर्गत किया जा रहा है. इसके साथ ही बताया गया कि आवेदन के समय जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण संबंधित आवेदन को रद्द करना पड़ता है. इसपर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने अंचलाधिकारियों से कहा कि राज्य की वास्तविकता और भगौलिक स्थिति को समझना होगा. यहां के लोग काफी सीधे और सरल स्वभाव के हैं. उनके साथ अधिकारी की तरह नहीं बल्कि सेवा भाव से काम करें. उन्होंने निर्देश दिया कि जिन आवेदनों में कोई भी दस्तावेज कम है तो आवेदक से संपर्क कर मांग करें और समय पर प्रमाण पत्र निर्गत करें. उन्होंने आवासीय और जाति प्रमाण पत्र की भी जानकारी ली. सभी अंचल अधिकारियों ने इस बाबत अपनी-अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है.

राजेंद्र प्रसाद ने पिछड़ी जाति से जुड़े जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पीएमइजीपी और सीएमइजीपी योजना की जानकारी गांव में पिछड़े वर्ग के लोगों को नहीं है. उन्होंने निर्देश दिया है कि डुगडुगी बजाकर क्षेत्रीय भाषाओं में बाजार हाट में योजना का प्रचार-प्रसार कराये. समीक्षा के दौरान केसीसी, पीएम आवास योजना, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना से जुड़ी योजनाओं के संदर्भ में भी जानकारी ली.

दरअसल, काफी संख्या में ओबीसी वर्ग के लोगों ने आयोग को आवेदन दिया है और बताया है कि ओबीसी का आवासीय और जाति प्रमाण पत्र समय पर नहीं बनने के कारण सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए जो विज्ञापन निकलता है, उसमें पिछड़ी जाति के अभ्यर्थी समय पर आवेदन नहीं कर पाते हैं. बैठक के दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य सचिव केके सिंह, रांची के अपर समाहर्त्ता राजेश बरवार, सदर अनुमंडल पदाधिकारी दीपक दुबे, भूमि सुधार उप-समाहर्त्ता राजीव कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी संगीता शरण, जिला शिक्षा पदाधिकारी कमला सिंह, सदर कार्यपालक दंडाधिकारी साधना जयपुरियार के साथ साथ जिले के सभी बीडीओ, सीओ और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

रांचीः झारखंड में राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जातीय और आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. इसकी वजह से जरूरतमंदों को शिक्षण संस्थानों में नामांकन कराना मुश्किल हो रहा है. इसको देखते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने स्टेट गेस्ट हाउस में जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.

यह भी पढ़ेंः सरकारी स्कूलों में जाति प्रमाण पत्र के नाम पर वसूली का आरोप, बच्चों और अभिभावकों ने किया विरोध

राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि पिछड़ी जातियों को जाति प्रमाण पत्र के कारण सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में नामांकन से वंचित ना होना पड़े. इसका अधिकारी ध्यान रखें. उन्होंने पदाधिकारियों से जानना चाहा कि पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का आंकड़ा जिले में संग्रहित है या नहीं. राजेंद्र प्रसाद ने प्रखंड स्तर पर अब तक प्राप्त आवेदन, निर्गत प्रमाण पत्र और रद्द किए गए आवेदनों और उसके कारणों के संबंध में जानकारी ली. हालांकि, अंचलाधिकारियों ने उन्हें बताया कि जाति और आवासीय प्रमाण पत्र तय समय पर ही निर्गत किया जा रहा है. इसके साथ ही बताया गया कि आवेदन के समय जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण संबंधित आवेदन को रद्द करना पड़ता है. इसपर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने अंचलाधिकारियों से कहा कि राज्य की वास्तविकता और भगौलिक स्थिति को समझना होगा. यहां के लोग काफी सीधे और सरल स्वभाव के हैं. उनके साथ अधिकारी की तरह नहीं बल्कि सेवा भाव से काम करें. उन्होंने निर्देश दिया कि जिन आवेदनों में कोई भी दस्तावेज कम है तो आवेदक से संपर्क कर मांग करें और समय पर प्रमाण पत्र निर्गत करें. उन्होंने आवासीय और जाति प्रमाण पत्र की भी जानकारी ली. सभी अंचल अधिकारियों ने इस बाबत अपनी-अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है.

राजेंद्र प्रसाद ने पिछड़ी जाति से जुड़े जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पीएमइजीपी और सीएमइजीपी योजना की जानकारी गांव में पिछड़े वर्ग के लोगों को नहीं है. उन्होंने निर्देश दिया है कि डुगडुगी बजाकर क्षेत्रीय भाषाओं में बाजार हाट में योजना का प्रचार-प्रसार कराये. समीक्षा के दौरान केसीसी, पीएम आवास योजना, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना से जुड़ी योजनाओं के संदर्भ में भी जानकारी ली.

दरअसल, काफी संख्या में ओबीसी वर्ग के लोगों ने आयोग को आवेदन दिया है और बताया है कि ओबीसी का आवासीय और जाति प्रमाण पत्र समय पर नहीं बनने के कारण सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए जो विज्ञापन निकलता है, उसमें पिछड़ी जाति के अभ्यर्थी समय पर आवेदन नहीं कर पाते हैं. बैठक के दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य सचिव केके सिंह, रांची के अपर समाहर्त्ता राजेश बरवार, सदर अनुमंडल पदाधिकारी दीपक दुबे, भूमि सुधार उप-समाहर्त्ता राजीव कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी संगीता शरण, जिला शिक्षा पदाधिकारी कमला सिंह, सदर कार्यपालक दंडाधिकारी साधना जयपुरियार के साथ साथ जिले के सभी बीडीओ, सीओ और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.