रांची: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन के अंदर और बाहर हंगामा मचता रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने विधानसभा पोर्टिको में जमकर नारेबाजी की. जेपीएससी परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर आपत्ति जताते हुए भाजपा विधायक खासे नाराज थे.
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई. भाजपा विधायक जेपीएससी को लेकर हंगामा मचाने लगे. इन सबके बीच सरयू राय के एक सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जो सफाई दी उससे सदन में सरकार के जवाब पर सवाल उठने लगे. सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री के जवाब को गलत बताते हुए सरयू राय ने आपत्ति जताई. इस दौरान सदन हंगामा होने लगा जिसके बाद स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
जेपीएससी को लेकर सरकार ने रखा पक्ष
सदन के अंदर और बाहर जेपीएससी का मुद्दा शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही छाया है. बीजेपी विधायक समरीलाल ने सरकार पर हठधर्मिता छोड़ने की सलाह देते हुए कहा कि जब तक सीबीआई जांच नहीं होगी और जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को बर्खास्त नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा. आजसू विधायक लंबोदर महतो भी सरकार की आलोचना करते हुए जेपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग की.
झारखंड विधानसभा के चौथे दिन सदन के अंदर राज्य से जुड़े कई मुद्दों को लेकर सत्ता और पक्ष विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा. सदन के अंदर कार्य स्थगन प्रस्ताव ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चर्चा नहीं कराए जाने पर भी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने आरोप लगाया.
भारतीय जनता पार्टी विधायक राज सिन्हा ने कहा कि उन्होंने सदन में राज्य से जुड़े गंभीर विषय उठाए लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उसपर चर्चा नहीं करवाई. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा कल्याण और अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा एक संकल्प 3.3. 2021 को संकल्प संख्या 156 के माध्यम से लाया कि आठवीं कक्षा में सरकारी स्कूलों में साइकिल का वितरण किया जाएगा. उसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र संलग्न कराना है, लेकिन दूसरी तरफ अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को कोई जाति प्रमाण पत्र बनाने की जरूरत नहीं है. केवल स्वघोषणा कर वे इसके हकदार बन जाते हैं. उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार गरीबों, दलितों और शोषित पीड़ितों की हिमायती बन रही है वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ अन्याय कर रही है. छात्रों के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव कर रही है.
उन्होंने कहा कि इस तरह का संकल्प लाकर मौजूदा सरकार राज्य का इस्लामीकरण करना चाहती है, या वोट की राजनीति कर रही है. कोई भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या आ जाए और यह कह दे कि वे इस योजना के हकदार है तो उन्हें सरकारी लाभ कैसे मिल सकता है? लेकिन आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओ को पदाधिकारियों से ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र निकाल कर देना पड़ेगा. राज सिन्हा ने कहा कि इतने गंभीर मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा चर्चा नहीं कराए जाने से उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाती है.