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JK DG Jail Hemant Lohia Kill: झारखंड के एडीजी जैप प्रशांत सिंह ने कहा, एक मित्र चला गया, दिल मानने को तैयार नहीं - ranchi news

जम्मू कश्मीर के जेल महानिदेशक हेमंत लोहिया की हत्या(Hemant lohia murder in jammu kashmir) पर झारखंड के एडीजी, जैप प्रशांत सिंह (Jharkhand ADG jap Prashant Singh)ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि हेमंत लोहिया बेहत ही अच्छे इंसान थे.

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Published : Oct 4, 2022, 2:09 PM IST

Updated : Oct 4, 2022, 2:29 PM IST

रांचीः जम्मू कश्मीर के जेल महानिदेशक हेमंत लोहिया की बेरहमी से हुई हत्या की घटना से पूरा पुलिस महकमा सन्न है. किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि एक मृदुभाषी सीनियर आईपीएस की घर में ही इस तरह हत्या हो सकती है. हेमंत लोहिया मूलरूप से असम के रहने वाले थे. वह 1992 बैच के जम्मू कश्मीर कैडर के आईपीएस थे. उन्हीं के बैच के झारखंड कैडर के सीनियर आईपीएस प्रशांत सिंह ने कहा कि (ADG jap on Hemant lohia murder in jammu kashmir) उन्होंने अपने एक अच्छे मित्र को खो दिया. लेकिन दिल मानने को तैयार नहीं है कि हेमंत लोहिया नहीं रहे.

ये भी पढ़ेंः JK DG Jail murdered : जम्मू कश्मीर के जेल महानिदेशक की हत्या, घरेलू सहायक गिरफ्तार

झारखंड के एडीजी जैप प्रशांत सिंह (ADG jap on Hemant lohia murder in jammu kashmir)ने ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह से फोन पर उनके साथ बिताए पल साझा किए. उन्होंने कहा कि हेमंत लोहिया बेहद मृदुभाषी थे. पूरी ट्रेनिंग के दौरान किसी भी बैचमेट के साथ उनका कभी विवाद नहीं हुआ. उनसे हमेशा फोन पर बात होती रहती थी. कुछ दिन पहले ही बीएसएफ में प्रतिनियुक्ति पर थे. हाल फिलहाल में ही जम्मू कश्मीर लौटे थे. मीडिया के मार्फत जानकारी मिलने के बाद से 1992 बैच के सभी साथी शॉक्ड हैं. कभी उनको ऊंची आवाज में बात करते नहीं सुना. कई बार मुलाकात भी होती थी. मिड करियर ट्रेनिंग में भी साथ थे.

उन्होंने कहा कि एक शादी समारोह में हैदराबाद में मुलाकात हुई थी. उनका एक बेटा और एक बेटी है. उनसे पूछा गया कि क्या इस घटना से मातहत कर्मियों को लेकर किसी तरह की आशंका पैदा हुई है. क्योंकि अभी तक की जानकारी के मुताबिक उनके घरेलू सहायक यासिर अहमद पर संदेह जताया जा रहा है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान का विषय है. जांच के बाद सबकुछ सामने आ जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की नौकरी विश्वास पर टिकी होती है. एक सिपाही अपने अफसर के लिए जान तक की बाजी लगा देता है. देश के अन्य राज्यों की पुलिस की तरह जम्मू कश्मीर पुलिस की निष्ठा पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकते. तमाम चुनौतियों के बीच विधि व्यवस्था को लेकर पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाती है. उन्होंने कहा कि एक मित्र का यूं चले जाना बेहद तकलीफदेह है.

आपको बता दें कि हेमंत लोहिया इसी साल अगस्त में जेल महानिदेशक बने थे. जम्मू क्षेत्र के एडीजी मुकेश सिंह ने बताया कि वह शहर के बाहरी इलाके में अपने उदयवाला निवास पर मृत पाए गये हैं. उनका गला रेता गया था. उनके आवास पर मौजूद चौकीदारों ने उनके कमरे के अंदर आग लगा देखा. कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. दरवाजे को तोड़ना पड़ा. उन्होंने कहा कि अपराध स्थल की प्रारंभिक जांच हत्या की ओर इशारा करती है.

रांचीः जम्मू कश्मीर के जेल महानिदेशक हेमंत लोहिया की बेरहमी से हुई हत्या की घटना से पूरा पुलिस महकमा सन्न है. किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि एक मृदुभाषी सीनियर आईपीएस की घर में ही इस तरह हत्या हो सकती है. हेमंत लोहिया मूलरूप से असम के रहने वाले थे. वह 1992 बैच के जम्मू कश्मीर कैडर के आईपीएस थे. उन्हीं के बैच के झारखंड कैडर के सीनियर आईपीएस प्रशांत सिंह ने कहा कि (ADG jap on Hemant lohia murder in jammu kashmir) उन्होंने अपने एक अच्छे मित्र को खो दिया. लेकिन दिल मानने को तैयार नहीं है कि हेमंत लोहिया नहीं रहे.

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झारखंड के एडीजी जैप प्रशांत सिंह (ADG jap on Hemant lohia murder in jammu kashmir)ने ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह से फोन पर उनके साथ बिताए पल साझा किए. उन्होंने कहा कि हेमंत लोहिया बेहद मृदुभाषी थे. पूरी ट्रेनिंग के दौरान किसी भी बैचमेट के साथ उनका कभी विवाद नहीं हुआ. उनसे हमेशा फोन पर बात होती रहती थी. कुछ दिन पहले ही बीएसएफ में प्रतिनियुक्ति पर थे. हाल फिलहाल में ही जम्मू कश्मीर लौटे थे. मीडिया के मार्फत जानकारी मिलने के बाद से 1992 बैच के सभी साथी शॉक्ड हैं. कभी उनको ऊंची आवाज में बात करते नहीं सुना. कई बार मुलाकात भी होती थी. मिड करियर ट्रेनिंग में भी साथ थे.

उन्होंने कहा कि एक शादी समारोह में हैदराबाद में मुलाकात हुई थी. उनका एक बेटा और एक बेटी है. उनसे पूछा गया कि क्या इस घटना से मातहत कर्मियों को लेकर किसी तरह की आशंका पैदा हुई है. क्योंकि अभी तक की जानकारी के मुताबिक उनके घरेलू सहायक यासिर अहमद पर संदेह जताया जा रहा है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान का विषय है. जांच के बाद सबकुछ सामने आ जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की नौकरी विश्वास पर टिकी होती है. एक सिपाही अपने अफसर के लिए जान तक की बाजी लगा देता है. देश के अन्य राज्यों की पुलिस की तरह जम्मू कश्मीर पुलिस की निष्ठा पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकते. तमाम चुनौतियों के बीच विधि व्यवस्था को लेकर पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाती है. उन्होंने कहा कि एक मित्र का यूं चले जाना बेहद तकलीफदेह है.

आपको बता दें कि हेमंत लोहिया इसी साल अगस्त में जेल महानिदेशक बने थे. जम्मू क्षेत्र के एडीजी मुकेश सिंह ने बताया कि वह शहर के बाहरी इलाके में अपने उदयवाला निवास पर मृत पाए गये हैं. उनका गला रेता गया था. उनके आवास पर मौजूद चौकीदारों ने उनके कमरे के अंदर आग लगा देखा. कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. दरवाजे को तोड़ना पड़ा. उन्होंने कहा कि अपराध स्थल की प्रारंभिक जांच हत्या की ओर इशारा करती है.

Last Updated : Oct 4, 2022, 2:29 PM IST
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