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लालू यादव फोन मामले में जेल और जिला प्रशासन आमने-सामने, जांच के बाद होगी आगे की कार्रवाई

रादज सुप्रीम लालू यादव को एक बार फिर से रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. लालू यादव के कथित तौर पर फोन के इस्तेमाल पर अब जिला प्रशासन और जेल प्रशासन आमने सामने हैं. दोनों इस मामले को लेकर एक दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं.

Jail and district administration face to face in Lalu case
लालू यादव
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Published : Nov 26, 2020, 8:39 PM IST

रांची: चारा घोटाला में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को लेकर जिला प्रशासन और जेल प्रशासन में ठन गई है. लालू प्रसाद यादव के केली बंगला में रहते हुए फोन के प्रयोग किए जाने वाले मामले को लेकर जेल आईजी के कार्यालय से जांच का जिम्मा रांची के डीसी और एसएसपी को दिया है. दूसरी तरफ इस मामले में रांची डीसी ने जेल अधीक्षक से 24 घंटे के अंदर पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है.

देखें वीडियो
जांच के बाद कारवाई
लालू प्रसाद के द्वारा फोन का प्रयोग किए जाने वाले मामले में सहायक कारा महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया की मामला उनके संज्ञान में आया है और जेल आईजी के द्वारा इस मामले की जांच की जिम्मेवारी रांची के डीसी और एसएसपी को दी गई है. उनके द्वारा जो रिपोर्ट दी जाएगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
लालू नहीं हैं जेल की कस्टडी में
लालू प्रसाद यादव मामले में जेल प्रशासन ने अपना पहला भी झाड़ा है जेल प्रशासन के अनुसार लालू वर्तमान में रिम्स में अपना इलाज करवा रहे हैं. वह फिलहाल जेल की कस्टडी में नहीं हैं. वह पुलिस की कस्टडी में हैं ऐसे में उन पर नजर रखने की जिम्मेदारी पूरी तरह से पुलिस प्रशासन की है. अगर लालू जेल में रहते तो यह जिम्मेवारी जेल प्रशासन की होती. वर्तमान में लालू जेल में ना होकर अस्पताल में है इसलिए एक इलाजरत बंदी हैं. जेल मैनुअल के अनुसार उनसे सप्ताह में सिर्फ 3 लोग ही मिल सकते हैं.


ये भी पढ़ें: लालू यादव को केली बंगले से रिम्स में किया गया शिफ्ट


रिम्स के पेइंग वार्ड में किया गया शिफ्ट
वहीं, फोन वाला मामला गरमाने के बाद गुरुवार को चारा घोटाले में सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर से केली बंगले से रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. लालू प्रसाद गुरुवार दोपहर तक रिम्स डायरेक्टर के बंगला में रह रहे थे. माना जा रहा है कि कथित फोन कॉल मामला सामने आने के बाद जेल प्रशासन ने यह कार्रवाई की है. गुरुवार को रिम्स प्रशासन ने लालू को निदेशक बंगले से अस्पताल के पेइंग वार्ड में शिफ्ट करने के संबंध में आदेश जारी किया था. आदेश जारी होते ही पुलिस और प्रशासन के लोग रिम्स डायरेक्टर बंगला पहुंच गए और शाम करीब चार बजे उन्हें पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया.

अधिकांश समय बीता रिम्स में
चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिए गए लालू रांची के बिरसा मुंडा कारा में बंद थे. बाद में स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स में भर्ती किया गया था. वे करीब दो साल से रिम्स में इलाजरत हैं. हालांकि कोरोना महामारी के समय अस्पताल प्रशासन ने उम्र और बीमारी को देखते हुए उन्हें निदेशक बंगला में शिफ्ट कर दिया था. 5 सितंबर को पेइंग वार्ड के जिस कमरा नंबर 11 से लालू प्रसाद को शिफ्ट किया गया था, आज 26 नवंबर को फिर से पेइंग वार्ड के उसी कमरा नंबर 11 में उन्हें पहुचा दिया गया है.

ये भी पढ़ें: ललन पासवान ने लालू यादव के खिलाफ दर्ज कराई FIR

फोन कॉल सामने आने के बाद शुरू हुआ विवाद
हाल ही में लालू पर आरोप लगे कि जेल में रहते हुए वे फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और बिहार की नवगठित एनडीए सरकार को गिराने के लिए नेताओं और विधायकों को प्रलोभन दे रहे हैं. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद यह कार्रवाई की गई है. इसी बीच झारखंड हाई कोर्ट में एक पीआईएल भी दाखिल की गई है. जेल से फोन का इस्तेमाल करने और सरकार को अस्थित करने के प्रयास का पीआईएल में जिक्र किया गया है, साथ ही लालू के इस गतिविधि को जेल मैनुअल का उल्लंघन बताया गया है. दूसरी तरफ रांची डीसी ने इस मामले में बिरसा मुंडा कारा के जेल अधीक्षक से भी इस मामले में 24 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है.

रांची: चारा घोटाला में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को लेकर जिला प्रशासन और जेल प्रशासन में ठन गई है. लालू प्रसाद यादव के केली बंगला में रहते हुए फोन के प्रयोग किए जाने वाले मामले को लेकर जेल आईजी के कार्यालय से जांच का जिम्मा रांची के डीसी और एसएसपी को दिया है. दूसरी तरफ इस मामले में रांची डीसी ने जेल अधीक्षक से 24 घंटे के अंदर पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है.

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जांच के बाद कारवाई
लालू प्रसाद के द्वारा फोन का प्रयोग किए जाने वाले मामले में सहायक कारा महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया की मामला उनके संज्ञान में आया है और जेल आईजी के द्वारा इस मामले की जांच की जिम्मेवारी रांची के डीसी और एसएसपी को दी गई है. उनके द्वारा जो रिपोर्ट दी जाएगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
लालू नहीं हैं जेल की कस्टडी में
लालू प्रसाद यादव मामले में जेल प्रशासन ने अपना पहला भी झाड़ा है जेल प्रशासन के अनुसार लालू वर्तमान में रिम्स में अपना इलाज करवा रहे हैं. वह फिलहाल जेल की कस्टडी में नहीं हैं. वह पुलिस की कस्टडी में हैं ऐसे में उन पर नजर रखने की जिम्मेदारी पूरी तरह से पुलिस प्रशासन की है. अगर लालू जेल में रहते तो यह जिम्मेवारी जेल प्रशासन की होती. वर्तमान में लालू जेल में ना होकर अस्पताल में है इसलिए एक इलाजरत बंदी हैं. जेल मैनुअल के अनुसार उनसे सप्ताह में सिर्फ 3 लोग ही मिल सकते हैं.


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रिम्स के पेइंग वार्ड में किया गया शिफ्ट
वहीं, फोन वाला मामला गरमाने के बाद गुरुवार को चारा घोटाले में सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर से केली बंगले से रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. लालू प्रसाद गुरुवार दोपहर तक रिम्स डायरेक्टर के बंगला में रह रहे थे. माना जा रहा है कि कथित फोन कॉल मामला सामने आने के बाद जेल प्रशासन ने यह कार्रवाई की है. गुरुवार को रिम्स प्रशासन ने लालू को निदेशक बंगले से अस्पताल के पेइंग वार्ड में शिफ्ट करने के संबंध में आदेश जारी किया था. आदेश जारी होते ही पुलिस और प्रशासन के लोग रिम्स डायरेक्टर बंगला पहुंच गए और शाम करीब चार बजे उन्हें पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया.

अधिकांश समय बीता रिम्स में
चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिए गए लालू रांची के बिरसा मुंडा कारा में बंद थे. बाद में स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स में भर्ती किया गया था. वे करीब दो साल से रिम्स में इलाजरत हैं. हालांकि कोरोना महामारी के समय अस्पताल प्रशासन ने उम्र और बीमारी को देखते हुए उन्हें निदेशक बंगला में शिफ्ट कर दिया था. 5 सितंबर को पेइंग वार्ड के जिस कमरा नंबर 11 से लालू प्रसाद को शिफ्ट किया गया था, आज 26 नवंबर को फिर से पेइंग वार्ड के उसी कमरा नंबर 11 में उन्हें पहुचा दिया गया है.

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फोन कॉल सामने आने के बाद शुरू हुआ विवाद
हाल ही में लालू पर आरोप लगे कि जेल में रहते हुए वे फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और बिहार की नवगठित एनडीए सरकार को गिराने के लिए नेताओं और विधायकों को प्रलोभन दे रहे हैं. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद यह कार्रवाई की गई है. इसी बीच झारखंड हाई कोर्ट में एक पीआईएल भी दाखिल की गई है. जेल से फोन का इस्तेमाल करने और सरकार को अस्थित करने के प्रयास का पीआईएल में जिक्र किया गया है, साथ ही लालू के इस गतिविधि को जेल मैनुअल का उल्लंघन बताया गया है. दूसरी तरफ रांची डीसी ने इस मामले में बिरसा मुंडा कारा के जेल अधीक्षक से भी इस मामले में 24 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है.

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