रांची: चारा घोटाला में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को लेकर जिला प्रशासन और जेल प्रशासन में ठन गई है. लालू प्रसाद यादव के केली बंगला में रहते हुए फोन के प्रयोग किए जाने वाले मामले को लेकर जेल आईजी के कार्यालय से जांच का जिम्मा रांची के डीसी और एसएसपी को दिया है. दूसरी तरफ इस मामले में रांची डीसी ने जेल अधीक्षक से 24 घंटे के अंदर पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है.
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रिम्स के पेइंग वार्ड में किया गया शिफ्ट
वहीं, फोन वाला मामला गरमाने के बाद गुरुवार को चारा घोटाले में सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर से केली बंगले से रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. लालू प्रसाद गुरुवार दोपहर तक रिम्स डायरेक्टर के बंगला में रह रहे थे. माना जा रहा है कि कथित फोन कॉल मामला सामने आने के बाद जेल प्रशासन ने यह कार्रवाई की है. गुरुवार को रिम्स प्रशासन ने लालू को निदेशक बंगले से अस्पताल के पेइंग वार्ड में शिफ्ट करने के संबंध में आदेश जारी किया था. आदेश जारी होते ही पुलिस और प्रशासन के लोग रिम्स डायरेक्टर बंगला पहुंच गए और शाम करीब चार बजे उन्हें पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया.
अधिकांश समय बीता रिम्स में
चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिए गए लालू रांची के बिरसा मुंडा कारा में बंद थे. बाद में स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स में भर्ती किया गया था. वे करीब दो साल से रिम्स में इलाजरत हैं. हालांकि कोरोना महामारी के समय अस्पताल प्रशासन ने उम्र और बीमारी को देखते हुए उन्हें निदेशक बंगला में शिफ्ट कर दिया था. 5 सितंबर को पेइंग वार्ड के जिस कमरा नंबर 11 से लालू प्रसाद को शिफ्ट किया गया था, आज 26 नवंबर को फिर से पेइंग वार्ड के उसी कमरा नंबर 11 में उन्हें पहुचा दिया गया है.
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फोन कॉल सामने आने के बाद शुरू हुआ विवाद
हाल ही में लालू पर आरोप लगे कि जेल में रहते हुए वे फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और बिहार की नवगठित एनडीए सरकार को गिराने के लिए नेताओं और विधायकों को प्रलोभन दे रहे हैं. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद यह कार्रवाई की गई है. इसी बीच झारखंड हाई कोर्ट में एक पीआईएल भी दाखिल की गई है. जेल से फोन का इस्तेमाल करने और सरकार को अस्थित करने के प्रयास का पीआईएल में जिक्र किया गया है, साथ ही लालू के इस गतिविधि को जेल मैनुअल का उल्लंघन बताया गया है. दूसरी तरफ रांची डीसी ने इस मामले में बिरसा मुंडा कारा के जेल अधीक्षक से भी इस मामले में 24 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है.