रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को कार्यवाही के दौरान पक्ष और विपक्ष की तरफ से जय सरना और जय श्रीराम के नारे लगाए गए. दरअसल, सदन में वन अधिकार संशोधन अधिनियम को लेकर मामला उठाया गया. जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई कुणाल सारंगी और कांग्रेस के इरफान अंसारी के कार्य स्थगन को स्पीकर दिनेश उरांव ने अमान्य करार दिया. इसके बाद इरफान अंसारी ने वन कानून को लेकर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी.
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने अपनी जगह पर खड़े होकर अपनी बात करने लगे. इस दौरान अध्यक्ष ने बार-बार सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की. इसके साथ ही अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि वन अधिकार का मामला कोर्ट में लंबित है, ऐसे में इस पर सदन में कैसे कार्य स्थगन लाया जा सकता है.
स्पीकर ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर नेता प्रतिपक्ष को सीधे तौर पर कहा कि वह फालतू बातें ना करें. इस पर सोरेन ने पलटवार करते हुए स्पष्ट कहा कि वो फालतू बातें नहीं करते. सोरेन ने कहा कि फरवरी में ही वन अधिकार संशोधन कानून आने वाला था, जिसके बाद देशभर में विरोध हुआ. वहीं, कांग्रेस के सुखदेव भगत ने कहा कि इस कानून से अधिक आदिवासी विस्थापित होंगे. इस दौरान स्पीकर ने सदन में होने वाले हंगामे की वजह से प्रोसीडिंग बंद करने का निर्देश दिया. लगभग 45 मिनट तक सदन में इस तरह का हंगामा चलता रहा और बीच-बीच में प्रोसेडिंग बंद होती रही. इस दौरान विपक्ष के विधायक वेल में भी आ गए.
स्पीकर ने सभी सदस्य को बैठने का निर्देश देते हुए कहा कि इस तरह का आचरण सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जनता सदस्यों की कार्यवाही और करतूत को देख रही है. इस मौके पर बीजेपी के विधायक और राज्य के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि दिल-ए-नादान हुआ क्या है इस दर्दे दिल की दवा क्या है.