रांची: कोरोना महामारी और लॉकडाउन में मिली छूट के बाद पहली बार झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मध्यमा, मदरसा और इंटरमीडिएट वोकेशनल की परीक्षा ऑफलाइन तरीके से बुधवार से शुरू कराई गई. कोविड-19 गाइडलाइन के तहत परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी किया गया था. इधर परीक्षा केंद्र के बाहर परीक्षार्थियों की भीड़ होने से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं.
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मदरसा परीक्षा के लिए 93 केंद्र
मदरसा एग्जाम के लिए 21 जिलों में 93 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. इनमें 16,695 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं. रांची में 8 परीक्षा केंद्र में 1,414 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. गिरिडीह में सबसे ज्यादा परीक्षार्थी हैं यहां 3,228 परीक्षार्थीयों के लिए 23 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की जा रही है. वहीं, मध्यमा के लिए झारखंड के 10 जिलों में 41 केंद्र बनाया गया है. जिसमें 6,920 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. जबकि इंटरमीडिएट वोकेशनल एग्जाम के लिए राज्य के 5 जिलों में 5 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. कुल 765 परीक्षार्थी इन परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने पहुंचे हैं. वहीं रांची के एक परीक्षा केंद्र में 287 परीक्षार्थी शामिल होने इस परीक्षा में पहुंचे हैं.
केंद्रों पर सेनेटाइजर का इंतजाम नहीं
सुबह 9:45 से 1:00 बजे तक पहली पाली की परीक्षा आयोजित हुई. वहीं दूसरी पाली की परीक्षा 2:00 से 5:15 तक आयोजित की जाएगी. राज्य सरकार के विशेष दिशा निर्देश के तहत तमाम परीक्षा केंद्रों पर सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई थी. वहीं, थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा था. इसके बावजूद परीक्षार्थी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रख पा रहे थे. परीक्षार्थियों को समझाने के लिए अधिकतर परीक्षा केंद्रों पर कोई व्यवस्था नहीं दिखी. राज्य सरकार की ओर से इस परीक्षा में जो कोरोना के मद्देनजर सुरक्षात्मक कदम उठाना चाहिए था उस तरीके का कहीं भी एहतियात नहीं बरती गई.
शिक्षा विभाग को ध्यान देने की जरूरत
परीक्षा केंद्रों पर समुचित प्लानिंग नहीं करने की वजह से परीक्षार्थियों की भीड़ परीक्षा केंद्रों के बाहर हो रही है लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए किसी भी तरीके का व्यवस्था नहीं की गई. राज्य सरकार का यह दिशा निर्देश विद्यार्थियों के लिए भारी ना पड़ जाए और कोविड-19 महामारी की चपेट में विद्यार्थी एक दूसरे के संपर्क में ना आ जाए. इस दिशा में राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के साथ-साथ परीक्षा केंद्र संचालकों को भी सोचने की जरूरत है नहीं तो बड़ी अनहोनी हो सकती है.