रांची: झारखंड में कोरोना वायरस बहुत तेजी से पांव पसारता जा रहा है. आए दिन संक्रमण के नए रिकॉर्ड सामने आ रहे हैं. आम लोग चिंतित हैं. रांची और जमशेदपुर की स्थिति तो बद से बदतर होती जा रही है. लेकिन सरकार की दलील है कि हर दिन आठ से नौ हजार टेस्ट की वजह से संक्रमितों की संख्या में इजाफा दिख रहा है. अब सवाल है कि क्या वाकई झारखंड में हर दिन आठ से नौ हजार सैंपल की टेस्टिंग हो रही है. इसका सीधा और सपाट सा जवाब है 'नहीं'.
आंकड़े बता रहे हैं कि मार्च से 26 जुलाई तक कोई ऐसा दिन नहीं रहा जब आठ से नौ हजार लोगों के सैंपल की टेस्टिंग हुई हो. इससे साफ है कि झारखंड का स्वास्थ्य महकमा मुख्यमंत्री के सामने गलत डाटा पेश कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोविड-19 बुलेटिन खुद इसकी तसदीक कर रहा है.
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किस तारीख को कितना टेस्ट
इस डाटा पर गौर करें तो 10 जुलाई से लेकर 26 जुलाई तक कोई ऐसा दिन नहीं है जब आठ हजार से ज्यादा सैंपल की टेस्टिंग की गई हो. इन 17 दिनों में सिर्फ 21 जुलाई को 7,867 सैंपल के आधार पर रिपोर्ट जारी की गई थी.
यह अलग बात है कि पलामू में स्थापित लैब दो दिन बाद संचालित हो जाएगा तब जांच की रफ्तार जरूर बढ़ेगी. इस बीच झारखंड के लिए राहत की बात यह है कि यहां ज्यादातर एसिंप्टोमेटिक मामले हैं. यानी वैसे संक्रमित जिनमें कोरोना का लक्षण नहीं होता. दूसरे मायनों में ऐसे लोग संक्रमण को फैलाने में जाने अनजाने बड़ी भूमिका निभाते हैं. लिहाजा, सतर्क रहने की जरूरत है.