ETV Bharat / city

कोरोना मामले में मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहा है स्वास्थ्य महकमा? पढ़ें पूरी रिपोर्ट - झारखंड स्वास्थ विभाग

झारखंड में कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य महकमा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुमराह करता दिख रहा है. सरकार का कहना है कि हर दिन आठ से नौ हजार टेस्ट की वजह से संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. जबकि कोविड-19 बुलेटिन में अब तक किसी भी दिन सैंपल की टेस्टिंग ने आठ हजार के आंकड़े को नहीं छुआ है.

Jharkhand Health Department
Jharkhand Health Department misleading Chief Minister Hemant Soren
author img

By

Published : Jul 27, 2020, 6:55 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना वायरस बहुत तेजी से पांव पसारता जा रहा है. आए दिन संक्रमण के नए रिकॉर्ड सामने आ रहे हैं. आम लोग चिंतित हैं. रांची और जमशेदपुर की स्थिति तो बद से बदतर होती जा रही है. लेकिन सरकार की दलील है कि हर दिन आठ से नौ हजार टेस्ट की वजह से संक्रमितों की संख्या में इजाफा दिख रहा है. अब सवाल है कि क्या वाकई झारखंड में हर दिन आठ से नौ हजार सैंपल की टेस्टिंग हो रही है. इसका सीधा और सपाट सा जवाब है 'नहीं'.

आंकड़े बता रहे हैं कि मार्च से 26 जुलाई तक कोई ऐसा दिन नहीं रहा जब आठ से नौ हजार लोगों के सैंपल की टेस्टिंग हुई हो. इससे साफ है कि झारखंड का स्वास्थ्य महकमा मुख्यमंत्री के सामने गलत डाटा पेश कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोविड-19 बुलेटिन खुद इसकी तसदीक कर रहा है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में शुरू हुआ 'फेस मास्क पॉलिटिक्स', प्रावधानों पर हो रहा है बवाल

किस तारीख को कितना टेस्ट

Jharkhand Health Department
जुलाई महीने के आंकड़े

इस डाटा पर गौर करें तो 10 जुलाई से लेकर 26 जुलाई तक कोई ऐसा दिन नहीं है जब आठ हजार से ज्यादा सैंपल की टेस्टिंग की गई हो. इन 17 दिनों में सिर्फ 21 जुलाई को 7,867 सैंपल के आधार पर रिपोर्ट जारी की गई थी.

यह अलग बात है कि पलामू में स्थापित लैब दो दिन बाद संचालित हो जाएगा तब जांच की रफ्तार जरूर बढ़ेगी. इस बीच झारखंड के लिए राहत की बात यह है कि यहां ज्यादातर एसिंप्टोमेटिक मामले हैं. यानी वैसे संक्रमित जिनमें कोरोना का लक्षण नहीं होता. दूसरे मायनों में ऐसे लोग संक्रमण को फैलाने में जाने अनजाने बड़ी भूमिका निभाते हैं. लिहाजा, सतर्क रहने की जरूरत है.

रांची: झारखंड में कोरोना वायरस बहुत तेजी से पांव पसारता जा रहा है. आए दिन संक्रमण के नए रिकॉर्ड सामने आ रहे हैं. आम लोग चिंतित हैं. रांची और जमशेदपुर की स्थिति तो बद से बदतर होती जा रही है. लेकिन सरकार की दलील है कि हर दिन आठ से नौ हजार टेस्ट की वजह से संक्रमितों की संख्या में इजाफा दिख रहा है. अब सवाल है कि क्या वाकई झारखंड में हर दिन आठ से नौ हजार सैंपल की टेस्टिंग हो रही है. इसका सीधा और सपाट सा जवाब है 'नहीं'.

आंकड़े बता रहे हैं कि मार्च से 26 जुलाई तक कोई ऐसा दिन नहीं रहा जब आठ से नौ हजार लोगों के सैंपल की टेस्टिंग हुई हो. इससे साफ है कि झारखंड का स्वास्थ्य महकमा मुख्यमंत्री के सामने गलत डाटा पेश कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोविड-19 बुलेटिन खुद इसकी तसदीक कर रहा है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में शुरू हुआ 'फेस मास्क पॉलिटिक्स', प्रावधानों पर हो रहा है बवाल

किस तारीख को कितना टेस्ट

Jharkhand Health Department
जुलाई महीने के आंकड़े

इस डाटा पर गौर करें तो 10 जुलाई से लेकर 26 जुलाई तक कोई ऐसा दिन नहीं है जब आठ हजार से ज्यादा सैंपल की टेस्टिंग की गई हो. इन 17 दिनों में सिर्फ 21 जुलाई को 7,867 सैंपल के आधार पर रिपोर्ट जारी की गई थी.

यह अलग बात है कि पलामू में स्थापित लैब दो दिन बाद संचालित हो जाएगा तब जांच की रफ्तार जरूर बढ़ेगी. इस बीच झारखंड के लिए राहत की बात यह है कि यहां ज्यादातर एसिंप्टोमेटिक मामले हैं. यानी वैसे संक्रमित जिनमें कोरोना का लक्षण नहीं होता. दूसरे मायनों में ऐसे लोग संक्रमण को फैलाने में जाने अनजाने बड़ी भूमिका निभाते हैं. लिहाजा, सतर्क रहने की जरूरत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.