रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ड्रीम प्रोजेक्ट स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (School of Excellence) यानी लीडर स्कूल योजना के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन कुछ गड़बड़ियों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया है. राज्य के सरकारी स्कूलों को सरकार लीडर मॉडल स्कूल बनाने जा रही है. पहले चरण में 80 स्कूलों को अपग्रेड कर मॉडल लीडर स्कूल (Model Leader School) बनाया जाएगा और इसकी प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है. इसकी निगरानी खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे हैं.
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राज्य के विभिन्न जिलों के कुल 4,416 स्कूलों को मॉडल बनाने की योजना है. इन स्कूलों में विद्यार्थियों को निजी स्कूलों के तर्ज पर शिक्षा के साथ सर्वांगीण विकास को लेकर भी जोर दिया जाएगा. सीबीएसई पैटर्न पर इन स्कूलों में पढ़ाई होगी. इसके लिए बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति होगी. बच्चों को बेहतर स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार की यह पहल है. मॉडल स्कूल बनाकर स्कूली शिक्षा में बदलाव लाने की योजना है. इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन काफी पॉजिटिव हैं. प्रथम चरण में 80 स्कूलों को चिन्हित कर लीडर स्कूल बनाया जा रहा है. इन स्कूलों में बेहतर संसाधन होंगे.
शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूलों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया के साथ ही शिक्षक नियुक्ति को लेकर भी प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन नियुक्ति नियोजन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति में भारी अनियमितता की बात सामने आई है, जो शिक्षक आवेदन नहीं किए थे, उन्हें भी लीडर स्कूल के लिए प्रतिनियुक्त कर दिया गया था. यहां तक की मृत शिक्षकों को भी ऐसे स्कूलों में प्रतिनियुक्त करने का आदेश दे दिया गया था. पूरे मामले को लेकर शिक्षा विभाग ने संबंधित पदाधिकारियों को फटकार भी लगाई है. फिलहाल इस नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित कर 309 शिक्षक और पीजीटी के 245 शिक्षकों की लिस्ट नए सिरे से जारी करने का निर्णय लिया गया है.
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शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर माथापच्ची जारी
शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विभागीय स्तर पर माथापच्ची जारी है. टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति करने की प्रक्रिया शुरू भी हुई थी, लेकिन इसमें कई गड़बड़ी होने के कारण पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को फिलहाल रद्द कर दी गई है. शिक्षा निदेशक हर्ष मंगला ने बताया कि 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों के प्रति नियोजन में अनियमितता की शिकायत मिली है और इसे दूर करने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
लीडर स्कूल को जल्द मिलेगी सीबीएसई से मान्यता
वहीं दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के शिक्षा निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने कहा की तमाम प्रक्रियाएं संचालित हो रही हैं, जल्द ही राज्य राज्य में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकारी स्कूल बनकर तैयार हो जाएंगे. सीबीएसई से मान्यता लेने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. शिक्षकों की नियुक्ति के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है. वही माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद की मानें तो यह योजना बेहतर है, लेकिन योजना पर ईमानदारी पूर्वक काम भी होना चाहिए, तब ही सफल हो पाएगा.
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रांची के तीन स्कूलों का चयन
राजधानी रांची के 3 स्कूलों को भी लीडर स्कूल बनाया जाएगा. शहीद चौक स्थित जिला स्कूल, मॉडल स्कूल कांके और केवीएस जगन्नाथपुर स्कूल को लीडर स्कूल के रूप में डेवलप किया जा रहा है. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में इन स्कूलों की निगरानी होगी. वहीं शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य कार्यकारिणी समिति का गठन किया जाएगा, जो स्कूलों के बेहतर संचालन को लेकर निगरानी रखेगा. सरकार की सोच है कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों को अपग्रेड कर निजी स्कूलों के तर्ज पर डेवलप करना होगा. राज्य के लगभग 35 हजार सरकारी स्कूलों में 45 लाख विद्यार्थियों है और इसे ध्यान में रखते हुए एक-एक कदम बढ़ाकर राज्य के सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाना होगा.