रांची: अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (international labor day) दिवस पर राज्य के अलग अलग जगहों पर कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. झारखंड सरकार ने बताया कि सरकार ने मजदूरों के हित के लिए कई काम किए हैं. इन्होंने हेमंत सरकार को मजदूरों का हितैषी बताते हुए मजदूरों के लिए शुरु की गई योजनाओं के बारे में जानकारी दी है.
इसे भी पढ़ें: May Day In Dhanbad: मई दिवस पर श्रम कानूनों का विरोध, बीमा कर्मचारी संघ ने किया प्रदर्शन
मलेशिया में फंसे बाकी मजदूरों की जल्द होगी वापसी: झारखंड सरकार की तरफ से बताया गया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के दिशा-निर्देश पर मलेशिया में फंसे 30 मजदूरों में से 10 कामगारों कि वापसी हो गई है. इन मजदूरों की वापसी अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (international labor day) के दो दिन पहले हुई है. वहीं बाकी 20 कामगारों की वापसी के लिए सरकार प्रयास कर रही है. यह सभी कामगार गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के हैं. सरकार देश और विदेशों में फंसे कामगारों की सुरक्षित वापसी में कई कार्य किए हैं. ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं, जब सरकार कामगारों के सम्मान में आगे आई है.
कोरोना काल में मजदूरों की घर वापसी करानेवाला पहला राज्य: कोरोना काल में झारखंड अपने मजदूरों को प्लेन, ट्रेन और अन्य परिवहन के माध्यम से वापस लाने वाला पहला राज्य था, सरकार को राज्य के मजदूरों की चिंता थी. यही वजह रही कि अचानक हुए लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के देश के विभिन्न राज्यों में फंसने की जानकारी मिलते ही सरकार ने सबसे पहले उनके लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था की. जिसके बाद उन्हें लद्दाख, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे मजदूरों को लाने का कार्य शुरू किया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में मजदूर अपने घर लौटे.
श्रमिकों के रोजगार का हुआ प्रयास: कोरोना संक्रमण दौर में रोजगार का अभाव था. दिहाड़ी मजदूरों के लिए यह दौर विभीषिका के समान था. इसको देखते हुए सरकार के स्तर पर कार्य योजना तैयार की गई. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को लेकर जो तनाव था, उसे काफी हद तक सरकार ने कम करने का प्रयास किया. ग्रामीण क्षेत्र में करोड़ों मानव दिवस सृजित कर सरकार मजदूरों को काम दिलाने में सफल रही. मनरेगा अंतर्गत वित्तीय 2021-22 में कुल 2.8 लाख से अधिक परिवारों को जोड़ते हुए जॉबकार्ड निर्गत किया गया. वहीं शहरी क्षेत्रों में भी कार्य के अभाव को देखते हुए शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ किया गया. इस योजना से शहरी जनसंख्या के करीब 31 प्रतिशत लोग जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहें हैं, उन्हें लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया. झारखंड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत मजदूरों के लिए पांच योजना लागू की गई है. 2021-22 में 6 हजार मजदूरों को 11 करोड़ रुपये की राशि का लाभ दिया गया है. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का सरलीकरण किया गया, ताकि अधिक से अधिक लोग अपने ही राज्य में स्वरोजगार अपना सकें.
सरकार ने कदम बढ़ाया: श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार ने कदम बढ़ाया है. संक्रमण काल में प्रवासी मजदूरों ने बहुत कुछ झेला है और ऐसा दोबारा ना हो, इसके लिए सरकार उनके पलायन को देख सुरक्षित और जवाबदेह प्रवासन सुनिश्चित कर रही है. इससे पूर्व श्रमिकों के लिए कोई ठोस नीति का निर्माण नहीं किया गया. कोराना काल में सरकार के प्रयास से झारखंड से अन्य राज्यों में प्रवास करने वाले मजदूरों की संख्या की जानकारी हो सकी. उन सभी का निबंधन राज्य सरकार के श्रमाधान और केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल में किया गया है. जिससे मुसीबत के समय सरकार उनतक पहुंच कर मदद कर सके.
श्रमिकों की सुरक्षा का भी ध्यान: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिसंबर 2021 में सेफ एंड रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव (Safe and Responsible Migration Initiative) की शुरुआत की थी. झारखंड से रोजगार के लिए बड़े पैमाने पर श्रमिकों का पलायन होता है, परंतु आज तक प्रवासी मजदूरों के सुरक्षित और जवाबदेह पलायन के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनायी गयी थी. इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के पहल पर एसआरएमआइ का शुभारम्भ हुआ है. सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव के तहत प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन के लिए गुमला और पश्चिमी सिंहभुम में केंद्र की शुरुआत की. इसके जरिए गुमला और पश्चिमी सिंहभूम के अंतरराज्यीय प्रवासियों और उनके परिवारों की पहचान करने की दिशा में काम करेंगे, ताकि ऐसे श्रमिकोंल की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. यह कार्य उपायुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर किया जाएगा. साथ ही श्रमिकों के पंजीकरण की भी सुविधा केंद्र में दी जाएगी. इनके लिए शिविर का आयोजन भी समय-समय पर करने की योजना है. श्रमिक दिवस के अवसर पर दुमका में भी केंद्र की शुरुआत की जा रही है.
मजदूरों के लिए बनाई जा रही हैं नीतियां: श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में मजदूरों के प्रति संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. हमारा प्रयास है कि राज्य से जो भी श्रमिक बाहर काम करने जाते हैं, उनके लिए एक ऐसी नीति तैयार की जाए जिससे वह और उनके परिवार दूसरे राज्यों में भी सरकारी नीतियों का लाभ उठा सकें. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि किस तरह पलायन को सुरक्षित और जिम्मेदार बनाया जाए.
जगह जगह मजदूर दिवस पर कार्यक्रम: राज्य में सीएमपीडीआई मुख्यालय, एक्टू, एटक, सीपीआई सहित कई मजदूर संगठनों की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. सीएमपीडीआई में कोयला मजदूर यूनियन के द्वारा झंडारोहण कर मजदूर दिवस मनाया गया. जिसमें मुख्यालय और RI-3 के सभी लोग उपस्थित थे. इसमें मुख्य तौर पर संरक्षक कॉमरेड अशोक यादव, सीएमपीडीआई मुख्यालय अध्यक्ष के बी शिरोमणि, गोरे लाल पासवान, सचिव सतीश केसरी, RI-3 के सचिव विजय कुमार, एसएस लुगुन, अमरदिप कुमार, नवीन यादव, मनोज कुर्रे, सीबी सोनार, परवीन कुमार, संजय रजक, मुन्ना दत्ता, बी राजू स्वराज, सौरभ पिंकू, सुजीत राजेश वर्मा सहित कई लोग उपस्थित रहे.