रांची: जो मिल गया उसे तकदीर का लिखा कहिए, जो खो गया उसे किस्मत का फैसला कहिए. किसी शायर का लिखा यह शेर चंदनकियारी के विधायक और रघुवर सरकार में मंत्री अमर कुमार बाउरी पर सटीक बैठता है. अमर कुमार बाउरी का सपना झारखंड प्रशासनिक सेवा में जाने का था. वह इसके लिए तैयारी भी करते रहे. परीक्षाएं भी दी लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. घोटालों के कारण जेपीएससी हमेशा विवादों में रहा. भविष्य को अंधकार में पड़ता देख अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी की राजनीति में सक्रिय होने लगे थे. अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व बोकारो जिले की चंदनकियारी के युवाओं में इनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी. आज नतीजा सबके सामने है अमर बाउरी राज्य सरकार में कई भारी-भरकम मंत्रालय संभाल रहे हैं.
चुनावी मैदान में पहली बार निर्दलीय उतरे थे अमर
मृदुभाषी और अपनी बातों से लोगों को आकर्षित करने में माहिर अमर कुमार बाउरी पहली बार 2005 के चुनाव में उतरे. इस सीट पर जेएमएम के हारू रजवार का कब्जा था. उपर से आजसू के उमाकांत रजक तेजी से उभर रहे थे. बावजूद इसके अमर कुमार बाउरी बतौर निर्दलीय 12,509 वोट लाने में सफल रहे. 2009 के चुनाव में अमर बाउरी की आजसू के उमाकांत रजक से टक्कर हुई लेकिन हार गए. 10 वर्ष के इंतजार के बाद अमर बाउरी ने जबरदस्त वापसी की और जेवीएम की टिकट पर चुनाव जीतकर सत्ता की कुर्सी तक जा पहुंचे.
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गिनाई अपनी उपलब्धियां
चूंकि झारखंड में चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है लिहाजा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा लाजमी है. ऐसे में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मंत्री अमर बाउरी ने अपने क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों का लेखाजोखा शेयर किया. उन्होंने कहा कि 2014 तक उनके क्षेत्र के 65 गांवों में बिजली नहीं थी, लोग हताश थे. लेकिन उनकी पहल से अब तमाम वैसे गांव बिजली से रोशन हो चुके हैं. सड़कें की स्थिति में भी सुधार हुआ है. इन्होंने वहां के युवाओं के लिए स्टेडियम का निर्माण कराया है. उन्हें अपने काम पर विश्वास है और जनता के आशीर्वाद का भी भरोसा है.
70 से भी ज्यादा सीटें जीतेगी बीजेपी
इन सबके बीच एक सवाल ऐसा है जो अमर बाउरी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. दरअसल, एनडीए में शामिल आजसू पार्टी की इस सीट पर नजर है. क्योंकि 2009 में उमाकांत रजक यहां से आजसू के विधायक हुआ करते थे. इस सवाल के जवाब में अमर बाउरी ने कहा कि काम के आधार पर जनता वोट देती है और हमने अपने क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने भरोसा जताया कि चंदनकियारी सीट से बीजेपी ही चुनाव लड़ेगी. अमर बाउरी ने प्रदेश बीजेपी के 65 प्लस के नारे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व में 2014 में बनी सरकार से पहले झारखंड की पहचान एक स्कैम राज्य के रूप में होती थी लेकिन अब इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. इसलिए 70 प्लस सीटें जीतने में भी कोई परेशानी नहीं होने वाली.
सक्रिय लोगों को आगे जरूर मिलेगा मौका
झारखंड की राजनीति में अनुसूचित जाति की महिलाओं की भागीदारी नहीं होने के सवाल पर भी मंत्री अमर बाउरी ने बेबाकी से कहा कि चुनाव के वक्त इस बात पर ज्यादा फोकस होता है कि कौन सा चेहरा सीट निकाल सकता है. उन्होंने कहा कि एससी समाज की महिलाओं की राजनीति में दिलचस्पी अब बढ़ रही है. कुछ महिलाएं अच्छी नेत्री के रूप में सक्रिय भी हुई हैं, जिन्हें आगे चलकर जरूर मौका मिलेगा.