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झारखंड महासमरः चंदनकियारी को अमर बाउरी ने कितना संवारा, जानिए उनकी जुबानी

झारखंड में साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में जनता के साथ-साथ नेताओं की भी उलटी गिनती शुरू होने वाली है. चंदनकियारी के विधायक और राज्य सरकार के मंत्री अमर बाउरी ने क्षेत्र में किए गए कामों का लेखाजोखा पेश किया. उन्होंने कहा कि जनता का आशीर्वाद उन्हें दोबारा जरूर मिलेगा.

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Published : Sep 21, 2019, 8:00 PM IST

Updated : Sep 22, 2019, 4:57 PM IST

रांची: जो मिल गया उसे तकदीर का लिखा कहिए, जो खो गया उसे किस्मत का फैसला कहिए. किसी शायर का लिखा यह शेर चंदनकियारी के विधायक और रघुवर सरकार में मंत्री अमर कुमार बाउरी पर सटीक बैठता है. अमर कुमार बाउरी का सपना झारखंड प्रशासनिक सेवा में जाने का था. वह इसके लिए तैयारी भी करते रहे. परीक्षाएं भी दी लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. घोटालों के कारण जेपीएससी हमेशा विवादों में रहा. भविष्य को अंधकार में पड़ता देख अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी की राजनीति में सक्रिय होने लगे थे. अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व बोकारो जिले की चंदनकियारी के युवाओं में इनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी. आज नतीजा सबके सामने है अमर बाउरी राज्य सरकार में कई भारी-भरकम मंत्रालय संभाल रहे हैं.

खेल मंत्री अमर बाउरी से खास बातचीत

चुनावी मैदान में पहली बार निर्दलीय उतरे थे अमर
मृदुभाषी और अपनी बातों से लोगों को आकर्षित करने में माहिर अमर कुमार बाउरी पहली बार 2005 के चुनाव में उतरे. इस सीट पर जेएमएम के हारू रजवार का कब्जा था. उपर से आजसू के उमाकांत रजक तेजी से उभर रहे थे. बावजूद इसके अमर कुमार बाउरी बतौर निर्दलीय 12,509 वोट लाने में सफल रहे. 2009 के चुनाव में अमर बाउरी की आजसू के उमाकांत रजक से टक्कर हुई लेकिन हार गए. 10 वर्ष के इंतजार के बाद अमर बाउरी ने जबरदस्त वापसी की और जेवीएम की टिकट पर चुनाव जीतकर सत्ता की कुर्सी तक जा पहुंचे.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: लातेहार विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

गिनाई अपनी उपलब्धियां
चूंकि झारखंड में चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है लिहाजा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा लाजमी है. ऐसे में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मंत्री अमर बाउरी ने अपने क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों का लेखाजोखा शेयर किया. उन्होंने कहा कि 2014 तक उनके क्षेत्र के 65 गांवों में बिजली नहीं थी, लोग हताश थे. लेकिन उनकी पहल से अब तमाम वैसे गांव बिजली से रोशन हो चुके हैं. सड़कें की स्थिति में भी सुधार हुआ है. इन्होंने वहां के युवाओं के लिए स्टेडियम का निर्माण कराया है. उन्हें अपने काम पर विश्वास है और जनता के आशीर्वाद का भी भरोसा है.

खेल मंत्री अमर बाउरी से खास बातचीत

70 से भी ज्यादा सीटें जीतेगी बीजेपी
इन सबके बीच एक सवाल ऐसा है जो अमर बाउरी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. दरअसल, एनडीए में शामिल आजसू पार्टी की इस सीट पर नजर है. क्योंकि 2009 में उमाकांत रजक यहां से आजसू के विधायक हुआ करते थे. इस सवाल के जवाब में अमर बाउरी ने कहा कि काम के आधार पर जनता वोट देती है और हमने अपने क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने भरोसा जताया कि चंदनकियारी सीट से बीजेपी ही चुनाव लड़ेगी. अमर बाउरी ने प्रदेश बीजेपी के 65 प्लस के नारे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व में 2014 में बनी सरकार से पहले झारखंड की पहचान एक स्कैम राज्य के रूप में होती थी लेकिन अब इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. इसलिए 70 प्लस सीटें जीतने में भी कोई परेशानी नहीं होने वाली.

सक्रिय लोगों को आगे जरूर मिलेगा मौका
झारखंड की राजनीति में अनुसूचित जाति की महिलाओं की भागीदारी नहीं होने के सवाल पर भी मंत्री अमर बाउरी ने बेबाकी से कहा कि चुनाव के वक्त इस बात पर ज्यादा फोकस होता है कि कौन सा चेहरा सीट निकाल सकता है. उन्होंने कहा कि एससी समाज की महिलाओं की राजनीति में दिलचस्पी अब बढ़ रही है. कुछ महिलाएं अच्छी नेत्री के रूप में सक्रिय भी हुई हैं, जिन्हें आगे चलकर जरूर मौका मिलेगा.

रांची: जो मिल गया उसे तकदीर का लिखा कहिए, जो खो गया उसे किस्मत का फैसला कहिए. किसी शायर का लिखा यह शेर चंदनकियारी के विधायक और रघुवर सरकार में मंत्री अमर कुमार बाउरी पर सटीक बैठता है. अमर कुमार बाउरी का सपना झारखंड प्रशासनिक सेवा में जाने का था. वह इसके लिए तैयारी भी करते रहे. परीक्षाएं भी दी लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. घोटालों के कारण जेपीएससी हमेशा विवादों में रहा. भविष्य को अंधकार में पड़ता देख अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी की राजनीति में सक्रिय होने लगे थे. अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व बोकारो जिले की चंदनकियारी के युवाओं में इनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी. आज नतीजा सबके सामने है अमर बाउरी राज्य सरकार में कई भारी-भरकम मंत्रालय संभाल रहे हैं.

खेल मंत्री अमर बाउरी से खास बातचीत

चुनावी मैदान में पहली बार निर्दलीय उतरे थे अमर
मृदुभाषी और अपनी बातों से लोगों को आकर्षित करने में माहिर अमर कुमार बाउरी पहली बार 2005 के चुनाव में उतरे. इस सीट पर जेएमएम के हारू रजवार का कब्जा था. उपर से आजसू के उमाकांत रजक तेजी से उभर रहे थे. बावजूद इसके अमर कुमार बाउरी बतौर निर्दलीय 12,509 वोट लाने में सफल रहे. 2009 के चुनाव में अमर बाउरी की आजसू के उमाकांत रजक से टक्कर हुई लेकिन हार गए. 10 वर्ष के इंतजार के बाद अमर बाउरी ने जबरदस्त वापसी की और जेवीएम की टिकट पर चुनाव जीतकर सत्ता की कुर्सी तक जा पहुंचे.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: लातेहार विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

गिनाई अपनी उपलब्धियां
चूंकि झारखंड में चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है लिहाजा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा लाजमी है. ऐसे में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मंत्री अमर बाउरी ने अपने क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों का लेखाजोखा शेयर किया. उन्होंने कहा कि 2014 तक उनके क्षेत्र के 65 गांवों में बिजली नहीं थी, लोग हताश थे. लेकिन उनकी पहल से अब तमाम वैसे गांव बिजली से रोशन हो चुके हैं. सड़कें की स्थिति में भी सुधार हुआ है. इन्होंने वहां के युवाओं के लिए स्टेडियम का निर्माण कराया है. उन्हें अपने काम पर विश्वास है और जनता के आशीर्वाद का भी भरोसा है.

खेल मंत्री अमर बाउरी से खास बातचीत

70 से भी ज्यादा सीटें जीतेगी बीजेपी
इन सबके बीच एक सवाल ऐसा है जो अमर बाउरी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. दरअसल, एनडीए में शामिल आजसू पार्टी की इस सीट पर नजर है. क्योंकि 2009 में उमाकांत रजक यहां से आजसू के विधायक हुआ करते थे. इस सवाल के जवाब में अमर बाउरी ने कहा कि काम के आधार पर जनता वोट देती है और हमने अपने क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने भरोसा जताया कि चंदनकियारी सीट से बीजेपी ही चुनाव लड़ेगी. अमर बाउरी ने प्रदेश बीजेपी के 65 प्लस के नारे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व में 2014 में बनी सरकार से पहले झारखंड की पहचान एक स्कैम राज्य के रूप में होती थी लेकिन अब इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. इसलिए 70 प्लस सीटें जीतने में भी कोई परेशानी नहीं होने वाली.

सक्रिय लोगों को आगे जरूर मिलेगा मौका
झारखंड की राजनीति में अनुसूचित जाति की महिलाओं की भागीदारी नहीं होने के सवाल पर भी मंत्री अमर बाउरी ने बेबाकी से कहा कि चुनाव के वक्त इस बात पर ज्यादा फोकस होता है कि कौन सा चेहरा सीट निकाल सकता है. उन्होंने कहा कि एससी समाज की महिलाओं की राजनीति में दिलचस्पी अब बढ़ रही है. कुछ महिलाएं अच्छी नेत्री के रूप में सक्रिय भी हुई हैं, जिन्हें आगे चलकर जरूर मौका मिलेगा.

Intro:NOTE - live u से फीड भेजी गयी है. स्लग है - minister amar bauri interview

चंदनक्यारी को अमर बाउरी ने कितना संवारा, क्या फिर मिलेगा मौका, देखिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

रांची/बोकारो
जो मिल गया उसे तक़दीर का लिखा कहिये...जो खो गया उसे क़िस्मत का फ़ैसला कहिये...किसी शायर का लिखा यह शेर चंदनक्यारी से विधायक और रघुवर सरकार में मंत्री अमर कुमार बाउरी पर सटीक बैठती है. अमर कुमार बाउरी का सपना था झारखंड प्रशासनिक सेवा में जाने का. वह इसके लिए तैयारी भी करते रहे. परीक्षा भी दी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. घोटालों और घपलों के कारण जेपीएससी हमेशा विवादों में रही. भविष्य को अंधकार में पड़ता देख अमर कुमार बाउरी चंदनक्यारी की राजनीति में सक्रिय होने लगे थे. अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व बोकारो जिला की चंदनक्यारी क्षेत्र के युवाओं में इनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी.

         


Body:मृदुभाषी और अपनी बातों से लोगों को कंविंस करने में माहिर अमर कुमार बाउरी ने 2005 के चुनाव में खुद को उतार दिया. डगर कठीन थी. इस सीट पर झामुमो के हारू रजवार का कब्जा था. उपर से आजसू के उमाकांत रजक तेजी से उभर रहे थे. बावजूद इसके अमर कुमार बाउरी बतौर निर्दलीय 12,509 वोट लाने में सफल रहे. 2009 के चुनाव में अमर बाउरी की आजसू के उमाकांत रजक से टक्कर हुई लेकिन हार गए. 10 वर्ष के इंतजार के बाद अमर बाउरी ने जबरदस्त वापसी की और जेवीएम की टिकट पर चुनाव जीतकर सत्ता की कुर्सी तक जा पहुंचे. चूकि झारखंड में चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है लिहाजा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा लाजमी है.

Conclusion:ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मंत्री अमर बाउरी ने अपने क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों का लेखाजोखा शेयर किया.
उन्होंने कहा कि 2014 तक उनके क्षेत्र के 65 गांवों में बिजली नहीं थी. लोग हताश थे. लेकिन उनकी पहल से अब तमाम वैसे गांव बिजली से रौशन हो चुके हैं. सड़कें बनी हैं. खेल मंत्री के नेताओं इन्होंने वहां के युवाओं के लिए स्टेडियम का निर्माण कराया है. मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि अभी भी बहुत काम करना है. उन्होंने भरोसे के साथ कहा कि जनता उनको जरूर आशीर्वाद देगी. लेकिन इन सबके बीच एक सवाल ऐसा है जो अमर बाउरी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. दरअसल, एनडीए में शामिल आजसू पार्टी की इस सीट पर नजर है. क्योंकि 2009 में उमाकांत रजक यहां से आजसू के विधायक हुआ करते थे. इस सवाल के जवाब में अमर बाउरी ने कहा कि काम के आधार पर जनता वोट देती है और हमने अपने क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने भरोसा जताया कि चंदनक्यारी सीट से भाजपा ही चुनाव लड़ेगी. अमर बाउरी ने प्रदेश भाजपा के 65 प्लस के नारे पर भी बात की. उन्होंने कहा का रघुवर दास जी के नेतृत्व में 2014 में बनी सरकार से पहले झारखंड की पहचान एक स्कैम राज्य के रूप में होती थी लेकिन अब इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है. इसलिए 70 प्लस सीट भी अतिश्योक्ति नहीं होगी. झारखंड की राजनीति में अनुसूचित जाति की महिलाओं की भागीदारी नहीं होने के सवाल पर उन्होंने बेबाकी से कहा कि चुनाव के वक्त इस बात पर ज्यादा फोसक होता है कि कौन सा चेहरा सीट निकाल सकता है. उन्होंने कहा कि एससी समाज की महिलाओं की राजनीति में दिलचस्प अब बढ़ रही है. कुछ अच्छी नेत्री के रूप में सक्रीय भी हुई हैं जिन्हें आगे चलकर जरूर मौका मिलेगा.
Last Updated : Sep 22, 2019, 4:57 PM IST
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