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झारखंड में खिलाड़ियों से किए जाते हैं कोरे वादे, फाइलों में उलझकर रह जाती हैं घोषणाएं

सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए कई घोषणाएं और ऐलान करती है. लेकिन झारखंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को नौकरी देने के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिलता है. राज्य में ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो अभी भी नौकरी के इंतजार में हैं, लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है.

international level player not getting employment in jharkhand
खिलाड़ी
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Published : Jul 28, 2021, 1:12 PM IST

रांची: एक तरफ जहां अन्य राज्यों में खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर उन्हें राज्य सरकारों की ओर से तोहफे के रूप में नौकरी और घोषणा की गई राशि तुरंत उपलब्ध करा दी जाती है. वहीं झारखंड में खिलाड़ियों को हमेशा ही छला जाता रहा है. ताजा उदाहरण है ओलंपिक में रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू की. मीराबाई चानू के ओलंपिक में रजत पदक जीतने के मात्र कुछ घंटे बाद ही मणिपुर सरकार ने उन्हें नौकरी देने की घोषणा कर दी. इधर झारखंड के ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो सरकार की उपेक्षा के शिकार अब भी है.

ये भी पढ़ें-अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी संगीता मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर, मजदूरी कर चला रहीं घर

नौकरी की आस में खिलाड़ी
एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली मधुमिता कुमारी जैसे कई ऐसे नाम हैं, जो राज्य सरकार के आश्वासन का बूटी अभी ले रहे हैं. उन्हें बार-बार सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया, लेकिन जो इनके लिए घोषणाएं हुई हैं, वह पूरा अब तक नहीं किया गया. पिछले 36 महीने से मधुमिता कुमारी को राज्य सरकार की नौकरी का इंतजार है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने घोषणा की थी. लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी यह घोषणा अब तक घोषणा बनकर ही रह गया है.

खिलाड़ियों को नौकरी के नाम पर सिर्फ आश्वासन

सीएम ने 18 अक्टूबर 2020 में ही कहा था कि 1 माह के अंदर ऐसे खिलाड़ियों को चिन्हित कर उन्हें सीधी नियुक्ति दी जाएगी. कुछ खिलाड़ियों को झारखंड पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी दे दी गई, लेकिन अब भी ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो नौकरी के इंतजार में हैं. हालांकि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 29 दिसंबर 2020 को एक खिलाड़ी को नौकरी देकर खेल विभाग ने औपचारिकताएं पूरी की. लगातार मामले को लेकर तूल पकड़ता गया और फिर 17 मार्च 2021 को 27 अन्य खिलाड़ियों को भी नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्ट भवन सभागार में कार्यक्रम के दौरान दिया.

12 खिलाड़ियों की होनी है नियुक्ति
अभी भी मधुमिता, फरजाना खातून समेत अन्य 12 खिलाड़ियों को नौकरी का इंतजार है. खिलाड़ियों की ओर से खेल मंत्री, मुख्य सचिव, खेल सचिव, खेल निदेशक यहां तक कि मुख्यमंत्री को भी मामले को लेकर अवगत कराया गया है. लेकिन इस ओर अब तक सरकार का ध्यान नहीं है.

लटका कर रखी गई हैं फाइलें
जानकारी तो यह भी मिल रही है कि नियुक्ति से जुड़ी फाइलें इस टेबल से उस टेबल का चक्कर काट रहे हैं और लगातार मामले को टाला जा रहा है. मधुमिता ने अगस्त 2018 में देश के लिए एशियाई खेलों में टीम स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया था. लेकिन यहां खिलाड़ियों को आश्वासन के सिवा जल्दी कुछ भी नहीं मिलता .

मुख्यमंत्री दें ध्यान
हाल में ही राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि ओलंपिक में जीतने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. लेकिन इस सरकार ने पहले जो घोषणा की थी, उन घोषणाओं को अब तक पूरा नहीं किया गया है. इस ओर राज्य सरकार के खेल विभाग को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

रांची: एक तरफ जहां अन्य राज्यों में खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर उन्हें राज्य सरकारों की ओर से तोहफे के रूप में नौकरी और घोषणा की गई राशि तुरंत उपलब्ध करा दी जाती है. वहीं झारखंड में खिलाड़ियों को हमेशा ही छला जाता रहा है. ताजा उदाहरण है ओलंपिक में रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू की. मीराबाई चानू के ओलंपिक में रजत पदक जीतने के मात्र कुछ घंटे बाद ही मणिपुर सरकार ने उन्हें नौकरी देने की घोषणा कर दी. इधर झारखंड के ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो सरकार की उपेक्षा के शिकार अब भी है.

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नौकरी की आस में खिलाड़ी
एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली मधुमिता कुमारी जैसे कई ऐसे नाम हैं, जो राज्य सरकार के आश्वासन का बूटी अभी ले रहे हैं. उन्हें बार-बार सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया, लेकिन जो इनके लिए घोषणाएं हुई हैं, वह पूरा अब तक नहीं किया गया. पिछले 36 महीने से मधुमिता कुमारी को राज्य सरकार की नौकरी का इंतजार है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने घोषणा की थी. लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी यह घोषणा अब तक घोषणा बनकर ही रह गया है.

खिलाड़ियों को नौकरी के नाम पर सिर्फ आश्वासन

सीएम ने 18 अक्टूबर 2020 में ही कहा था कि 1 माह के अंदर ऐसे खिलाड़ियों को चिन्हित कर उन्हें सीधी नियुक्ति दी जाएगी. कुछ खिलाड़ियों को झारखंड पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी दे दी गई, लेकिन अब भी ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो नौकरी के इंतजार में हैं. हालांकि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 29 दिसंबर 2020 को एक खिलाड़ी को नौकरी देकर खेल विभाग ने औपचारिकताएं पूरी की. लगातार मामले को लेकर तूल पकड़ता गया और फिर 17 मार्च 2021 को 27 अन्य खिलाड़ियों को भी नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्ट भवन सभागार में कार्यक्रम के दौरान दिया.

12 खिलाड़ियों की होनी है नियुक्ति
अभी भी मधुमिता, फरजाना खातून समेत अन्य 12 खिलाड़ियों को नौकरी का इंतजार है. खिलाड़ियों की ओर से खेल मंत्री, मुख्य सचिव, खेल सचिव, खेल निदेशक यहां तक कि मुख्यमंत्री को भी मामले को लेकर अवगत कराया गया है. लेकिन इस ओर अब तक सरकार का ध्यान नहीं है.

लटका कर रखी गई हैं फाइलें
जानकारी तो यह भी मिल रही है कि नियुक्ति से जुड़ी फाइलें इस टेबल से उस टेबल का चक्कर काट रहे हैं और लगातार मामले को टाला जा रहा है. मधुमिता ने अगस्त 2018 में देश के लिए एशियाई खेलों में टीम स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया था. लेकिन यहां खिलाड़ियों को आश्वासन के सिवा जल्दी कुछ भी नहीं मिलता .

मुख्यमंत्री दें ध्यान
हाल में ही राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि ओलंपिक में जीतने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. लेकिन इस सरकार ने पहले जो घोषणा की थी, उन घोषणाओं को अब तक पूरा नहीं किया गया है. इस ओर राज्य सरकार के खेल विभाग को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

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