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राहत की बात: 80-85% गांव में कोरोना के एक भी संक्रमित नहीं, 02 करोड़ 44 लाख लोगों की जांच के बाद आए नतीजे

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Published : Jun 6, 2021, 10:17 AM IST

रांची में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए 25 मई से इंटेंसिव पब्लिक हेल्थ सर्वे अभियान (IPHS) चल रहा है. डोर टू डोर चलाए जा रहे इस अभियान में 2 करोड़ से अधिक लोगों की हेल्थ स्क्रीनिंग हो चुकी है, जिसमें 920 मरीज मिल चुके हैं. जानकारी के मुताबिक हेल्थ सर्वे की टीम लगभग 49 लाख घरों तक पहुंची और टेस्ट किया है.

intensive public health survey campaign in jharkhand
इंटेंसिव पब्लिक हेल्थ सर्वे अभियान

रांची: राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए 25 मई से इंटेंसिव पब्लिक हेल्थ सर्वे अभियान (IPHS)चल रहा है. राज्य में अपने तरह का सबसे बड़ा हेल्थ स्क्रीनिंग अभियान है. इस डोर टू डोर हेल्थ सर्वे में 2 करोड़ से अधिक लोगों के हेल्थ स्क्रीनिंग में कोरोना संक्रमण के महज 920 मरीज मिले हैं, जिसमें 35 बच्चे शामिल हैं.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के IEC अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि जब यह सर्वे शुरू किया गया, उस समय आशंका थी कि बड़ी संख्या में संक्रमित गांव में मिलेंगे. इसी आशंका के चलते 464 कोविड केयर सेंटर बना कर रखा गया था. पर अब विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हमारा गांव और ग्रमीण जनता कोरोना संक्रमण से लगभग मुक्त है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में पिछले 24 घंटे में मिले कोरोना के 517 नए केस, इलाज के दौरान 12 लोगों ने गवाई जान

करीब 49 लाख से ज्यादा घरों तक पहुंची टीम

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अभियान समाप्त होने के एक दिन पहले तक राज्य में डोर टू डोर हेल्थ सर्वे के लिए बनाई गई. 8,200 टीम ने अभी तक 49 लाख 12 हजार 469 घरों पर जाकर 02 करोड़ 44 लाख 10 हजार 412 लोगों की हेल्थ स्क्रीनिंग की गई.

01,86,509 लोगों का हुआ RAT

राज्य में डोर टू डोर हेल्थ सर्वे में लक्षण के आधार पर या वैसे घर जिसमें पिछले 02 महीने में किसी की मौत हुई है. उस घर के सभी सदस्यों को मिलाकर कुल 01 लाख 86 हजार 509 लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) किया जा चुका है.

नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (NCD) के भी मिल रहे मरीज

अभी तक 49 लाख से अधिक घरों के हेल्थ सर्वे यह बताते हैं कि ग्रामीण इलाके के लोग भी बीपी, शुगर जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं जिसे सामान्यतः शहरों की बीमारी समझा जाता है. राज्य में डोर टू डोर हेल्थ स्क्रीनिंग में अब तक 15 हजार 692 टीबी के संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं. वहीं, अबतक 01 लाख 11 हजार 520 मधुमेह के और 01 लाख 13 हजार 296 उच्च रक्तचाप के मरीजों की पहचान हो चुकी हैं. अब स्वास्थ्य विभाग ने कल ही सभी जिला के सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि वैसे मरीज जिनकी पहचान ग्रामीण हेल्थ सर्वे में हो रही है उनको सूचीबद्ध कर विस्तृत जांच, इलाज और काउंसिलिंग की जाए.

राज्य में ब्लैक फंगस के 03 और मरीज मिले

ब्लैक फंगस का केस लगातार बढ़ रहा है. 05 जून को तीन और मरीज के मिलने के साथ ही ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 106 हो गयी है, जिसमें से 63 कंफर्म केस हैं. अभी तक अलग-अलग अस्पतालों में 18 लोगों की जान ब्लैक फंगस ले चुका है, जबकि 14 संक्रमित ठीक हुए हैं.

ग्रामीण सर्वे में RAT से जांच का पॉजिटिविटी रेट 0.52%

झारखंड के औसत RAT पॉजिटिविटी रेट 0.27% है जबकि ग्रामीण सर्वे के दौरान हो रही जांच का औसत पॉजिटिविटी रेट 0.52 % है. इसी तरह आरटी पीसीआर टेस्ट का राज्य में पॉजिटिविटी रेट 1.11% है वहीं ट्रूनेट का 3.01% है.

रांची: राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए 25 मई से इंटेंसिव पब्लिक हेल्थ सर्वे अभियान (IPHS)चल रहा है. राज्य में अपने तरह का सबसे बड़ा हेल्थ स्क्रीनिंग अभियान है. इस डोर टू डोर हेल्थ सर्वे में 2 करोड़ से अधिक लोगों के हेल्थ स्क्रीनिंग में कोरोना संक्रमण के महज 920 मरीज मिले हैं, जिसमें 35 बच्चे शामिल हैं.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के IEC अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि जब यह सर्वे शुरू किया गया, उस समय आशंका थी कि बड़ी संख्या में संक्रमित गांव में मिलेंगे. इसी आशंका के चलते 464 कोविड केयर सेंटर बना कर रखा गया था. पर अब विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हमारा गांव और ग्रमीण जनता कोरोना संक्रमण से लगभग मुक्त है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में पिछले 24 घंटे में मिले कोरोना के 517 नए केस, इलाज के दौरान 12 लोगों ने गवाई जान

करीब 49 लाख से ज्यादा घरों तक पहुंची टीम

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अभियान समाप्त होने के एक दिन पहले तक राज्य में डोर टू डोर हेल्थ सर्वे के लिए बनाई गई. 8,200 टीम ने अभी तक 49 लाख 12 हजार 469 घरों पर जाकर 02 करोड़ 44 लाख 10 हजार 412 लोगों की हेल्थ स्क्रीनिंग की गई.

01,86,509 लोगों का हुआ RAT

राज्य में डोर टू डोर हेल्थ सर्वे में लक्षण के आधार पर या वैसे घर जिसमें पिछले 02 महीने में किसी की मौत हुई है. उस घर के सभी सदस्यों को मिलाकर कुल 01 लाख 86 हजार 509 लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) किया जा चुका है.

नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (NCD) के भी मिल रहे मरीज

अभी तक 49 लाख से अधिक घरों के हेल्थ सर्वे यह बताते हैं कि ग्रामीण इलाके के लोग भी बीपी, शुगर जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं जिसे सामान्यतः शहरों की बीमारी समझा जाता है. राज्य में डोर टू डोर हेल्थ स्क्रीनिंग में अब तक 15 हजार 692 टीबी के संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं. वहीं, अबतक 01 लाख 11 हजार 520 मधुमेह के और 01 लाख 13 हजार 296 उच्च रक्तचाप के मरीजों की पहचान हो चुकी हैं. अब स्वास्थ्य विभाग ने कल ही सभी जिला के सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि वैसे मरीज जिनकी पहचान ग्रामीण हेल्थ सर्वे में हो रही है उनको सूचीबद्ध कर विस्तृत जांच, इलाज और काउंसिलिंग की जाए.

राज्य में ब्लैक फंगस के 03 और मरीज मिले

ब्लैक फंगस का केस लगातार बढ़ रहा है. 05 जून को तीन और मरीज के मिलने के साथ ही ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 106 हो गयी है, जिसमें से 63 कंफर्म केस हैं. अभी तक अलग-अलग अस्पतालों में 18 लोगों की जान ब्लैक फंगस ले चुका है, जबकि 14 संक्रमित ठीक हुए हैं.

ग्रामीण सर्वे में RAT से जांच का पॉजिटिविटी रेट 0.52%

झारखंड के औसत RAT पॉजिटिविटी रेट 0.27% है जबकि ग्रामीण सर्वे के दौरान हो रही जांच का औसत पॉजिटिविटी रेट 0.52 % है. इसी तरह आरटी पीसीआर टेस्ट का राज्य में पॉजिटिविटी रेट 1.11% है वहीं ट्रूनेट का 3.01% है.

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