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अब राज्य में 100 डायल पर मिलेगा तुरंत रिस्पांस, कंट्रोल रूम में तैनात होंगे IT प्रोफेशनल

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Published : Aug 13, 2019, 5:44 AM IST

झारखंड पुलिस 100 डायल पर आने वाली सूचनाओं पर पुलिस तुरंत रिस्पांस दे इसके लिए अब कंट्रोल रूम में आईटी प्रोफेशनल्स को रखने की योजना बनाई जा रही है. मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय में इस मामले को लेकर काम शुरू कर दिया गया है.

फाइल

रांची: झारखंड पुलिस की यूनिफाइड 100 डायल को जल्द ही और अधिक कारगर बनाया जाएगा. 100 डायल पर आने वाली सूचनाओं पर पुलिस तुरंत रिस्पांस दे इसके लिए अब कंट्रोल रूम में आईटी प्रोफेशनल्स को रखने की योजना बनाई जा रही है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह 100 डायल को सुदृढ़ करें.

मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय में इस मामले को लेकर काम शुरू कर दिया गया है. डायल हंड्रेड को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह भी आदेश दिया है कि उन्हें यह सूचना है कि उत्तर प्रदेश में यह सिस्टम बेहद कारगर तरीके से काम कर रहा है. इसके अलावा देश के और कौन से राज्यों में हंड्रेड सिस्टम किस तर्ज पर काम कर रहा है इस पर भी रिसर्च किया जाए ताकि उनमें जो भी बेहतर हो उसे झारखंड अपना सके.


मुख्यालय रेस
सीएम के आदेश के बाद 100 डायल पर अध्ययन कर कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य पुलिस मुख्यालय के तीन शीर्ष अधिकारियों एडीजी विशेष शाखा अजय कुमार सिंह, एडीजी आधुनिकीकरण आरके मल्लिक और आईजी अरूण कुमार सिंह को दी गई है.


सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों में जीपीएस
पुलिस की सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों में जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है. थानों की मूवमेंट और पेट्रोलिंग गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही किसी भी वारदात के बाद कितने मिनट में पेट्रोलिंग गाड़ियां मौके वारदात पर पहुंचती हैं. इस पर भी नजर रखी जाएगी. हालांकि राजधानी रांची के अधिकांश पीसीआर, टाइगर और शक्ति मोबाइल में जीपीएस लगाया गया है. राज्य के बाकी शहरों में भी इस सिस्टम को अपनाया जाएगा.


100 डायल की भूमिका पर उठते रहे हैं सवाल
यूनिफाइड 100 डायल सिस्टम लागू होने के बाद भी 100 डायल पर सवाल उठ रहे हैं. 5 जुलाई को डोरंडा और मेन रोड में उत्पात के बाद 100 डायल पर ठीक से रिस्पांस नहीं मिलने की शिकायतें आयी थीं. इस संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था. 100 डायल पर शिकायत किए जाने के बाद सबसे पहले कॉल रांची स्थित कंट्रोलरूम को लगता है, इसके बाद वहां से संबंधित जिले को कॉल फारवर्ड किया जाता है. ऐसे में कई मिनटों की देरी हो जाती है. यही वजह है कि अब कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर में प्रोफेशनल्स की तैनाती की जाएगी ताकि वह बेहतर तरीके से रिजल्ट दे सके.

रांची: झारखंड पुलिस की यूनिफाइड 100 डायल को जल्द ही और अधिक कारगर बनाया जाएगा. 100 डायल पर आने वाली सूचनाओं पर पुलिस तुरंत रिस्पांस दे इसके लिए अब कंट्रोल रूम में आईटी प्रोफेशनल्स को रखने की योजना बनाई जा रही है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह 100 डायल को सुदृढ़ करें.

मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय में इस मामले को लेकर काम शुरू कर दिया गया है. डायल हंड्रेड को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह भी आदेश दिया है कि उन्हें यह सूचना है कि उत्तर प्रदेश में यह सिस्टम बेहद कारगर तरीके से काम कर रहा है. इसके अलावा देश के और कौन से राज्यों में हंड्रेड सिस्टम किस तर्ज पर काम कर रहा है इस पर भी रिसर्च किया जाए ताकि उनमें जो भी बेहतर हो उसे झारखंड अपना सके.


मुख्यालय रेस
सीएम के आदेश के बाद 100 डायल पर अध्ययन कर कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य पुलिस मुख्यालय के तीन शीर्ष अधिकारियों एडीजी विशेष शाखा अजय कुमार सिंह, एडीजी आधुनिकीकरण आरके मल्लिक और आईजी अरूण कुमार सिंह को दी गई है.


सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों में जीपीएस
पुलिस की सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों में जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है. थानों की मूवमेंट और पेट्रोलिंग गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही किसी भी वारदात के बाद कितने मिनट में पेट्रोलिंग गाड़ियां मौके वारदात पर पहुंचती हैं. इस पर भी नजर रखी जाएगी. हालांकि राजधानी रांची के अधिकांश पीसीआर, टाइगर और शक्ति मोबाइल में जीपीएस लगाया गया है. राज्य के बाकी शहरों में भी इस सिस्टम को अपनाया जाएगा.


100 डायल की भूमिका पर उठते रहे हैं सवाल
यूनिफाइड 100 डायल सिस्टम लागू होने के बाद भी 100 डायल पर सवाल उठ रहे हैं. 5 जुलाई को डोरंडा और मेन रोड में उत्पात के बाद 100 डायल पर ठीक से रिस्पांस नहीं मिलने की शिकायतें आयी थीं. इस संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था. 100 डायल पर शिकायत किए जाने के बाद सबसे पहले कॉल रांची स्थित कंट्रोलरूम को लगता है, इसके बाद वहां से संबंधित जिले को कॉल फारवर्ड किया जाता है. ऐसे में कई मिनटों की देरी हो जाती है. यही वजह है कि अब कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर में प्रोफेशनल्स की तैनाती की जाएगी ताकि वह बेहतर तरीके से रिजल्ट दे सके.

Intro:कंट्रोल रूम में तैनात होंगे प्रोफेशनल , हंड्रेड डायल पर मिलेगा तुरंत रिस्पांस

झारखंड पुलिस की यूनिफाइड 100 डायल को जल्द ही और अधिक कारगर बनाया जाएगा। 100 डायल पर आने वाली सूचनाओं पर पुलिस तुरंत रिस्पांस दे इसके लिए अब कंट्रोल रूम में आईटी प्रोफेशनल्स को रखने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह 100 डायल को सुदृढ़ करें। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय में इस मामले को लेकर काम शुरू कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश का डायल हंड्रेड सिस्टम बेहतर

डायल हंड्रेड को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह भी आदेश दिया है कि उन्हें यह सूचना है कि उत्तर प्रदेश में यह सिस्टम बेहद कारगर तरीके से काम कर रहा है । इसके अलावा देश के और कौन से राज्यों में हंड्रेड सिस्टम किस तर्ज पर काम कर रहा है इस पर भी रिसर्च किया जाए ताकि उनमें जो भी बेहतर हो उसे झारखंड अपना सके।

मुख्यालय रेस

सीएम के आदेश के बाद 100 डायल पर अध्ययन कर कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य पुलिस मुख्यालय के तीन शीर्ष अधिकारियों एडीजी विशेष शाखा अजय कुमार सिंह, एडीजी आधुनिकीकरण आरके मल्लिक और आईजी अरूण कुमार सिंह को दी गई है।

सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों में लगेगा जीपीएस
पुलिस की सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों में जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है। थानों की मूवमेंट और पेट्रोलिंग गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है। साथ ही किसी भी वारदात के बाद कितने मिनट में पेट्रोलिंग गाड़ियां मौके वारदात पर पहुंचती हैं, इस पर भी नजर रखी जाएगी। हालांकि राजधानी रांची के अधिकांश पीसीआर ,टाइगर और शक्ति मोबाइल में जीपीएस लगाया गया है। राज्य के बाकी शहरों में भी इस सिस्टम को अपनाया जाएगा।

100 डायल की भूमिका पर उठते रहे हैं सवाल

यूनिफाइड 100 डायल सिस्टम लागू होने के बाद भी 100 डायल पर सवाल उठ रहे हैं। 5 जुलाई को डोरंडा और मेन रोड में उत्पात के बाद 100 डायल पर ठीक से रिस्पांस नहीं मिलने की शिकायतें आयी थीं। इस संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। 100 डायल पर शिकायत किए जाने के बाद सबसे पहले कॉल रांची स्थित कंट्रोलरूम को लगता है, इसके बाद वहां से संबंधित जिले को कॉल फारवर्ड किया जाता है। ऐसे में कई मिनटों की देरी हो जाती है। यही वजह है कि अब कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर में प्रोफेशनल्स की तैनाती की जाएगी ताकि वह बेहतर तरीके से रिजल्ट दे सके।Body:1Conclusion:2
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