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संपूर्ण लॉकडाउन नहीं फिर भी बेकाबू हुई महंगाई, कम कमाई और खाद्य पदार्थों की कीमतों ने बिगाड़ा लोगों का बजट

साल 2020 के संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर तक थी, जो इस वर्ष 160 से 180 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है. ऐसे में खाद्य तेल में लगभग 90 प्रतिशत तक की वृद्धि इस वर्ष हुई है. जबकि इस वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन भी नहीं लगा. पिछले वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से खेती प्रभावित हुई थी.

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Published : May 22, 2021, 1:57 PM IST

Updated : May 25, 2021, 10:33 AM IST

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संपूर्ण लॉकडाउन नहीं फिर भी बेकाबू हुई महंगाई

रांची: पिछले साल कोरोना संक्रमण में संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी खाद्यान्न पदार्थों की कीमत में उतनी वृद्धि नहीं हुई, जितनी इस साल बिना सम्पूर्ण लॉकडाउन में हुई. खासकर सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत में भारी उछाल आया, जिससे महंगाई बेकाबू हो गई है. दाल की कीमतों में भी 30 प्रतिशत तक तेजी आई है. जिसने आम लोगों के घर के बजट को पूरी तरह से गड़बड़ा कर रख दिया.

देखें स्पेशल स्टोरी

ये भी पढ़ें- कोरोना इफेक्टः महंगाई की मार, जनता परेशान

दरअसल साल 2020 के संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर तक थी, जो इस वर्ष 160 से 180 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है. ऐसे में खाद्य तेल में लगभग 90 प्रतिशत तक की वृद्धि इस वर्ष हुई है. जबकि इस वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन भी नहीं लगा. पिछले वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से खेती प्रभावित हुई थी. फसल काटने में मजदूरों की कमी, ट्रांसपोर्टेशन समेत अन्य मद में ज्यादा खर्च बढ़ने की वजह से खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल आया, लेकिन इस बार सम्पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगा. फिर भी खाद्य पदार्थों की कीमत आसमान छू रही है.

साल 2020 के मई महीने और 2021 के मई महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नजर

मई 2020मई 2021
रिफाइंड तेल- 120 रुपए लीटररिफाइंड तेल 200 रुपए लीटर
सरसों तेल- 117 रुपए लीटरसरसों तेल - 185 रुपए लीटर
राहड़ दाल- 90 रुपए किलोराहड़ दाल - 110 रुपए किलो
चना दाल - 62 रुपए किलोचना दाल - 78 रुपए किलो
मूंग दाल - 90-110 रुपए किलोमूंग दाल - 130 रुपए किलो
उड़द दाल- 95 रुपए किलो उड़द दाल - 110 रुपए किलो
काबुली चना- 70 रुपए किलोकाबुली चना - 90 रुपए किलो
बेसन- 88 रुपए किलोबेसन - 100 रुपए किलो
सत्तू- 140 रुपए किलो
सत्तू - 150 रुपए किलो
चीनी- 40 रुपए किलोचीनी - 44 रुपए किलो
आटा- 510 रुपये में 25 किलोआटा- 570 रुपये में 25 किलो
चावल- 750 रुपए में 25 किलोचावल- 780 रुपए में 25 किलो

दुकानदार भी परेशान

सरसों तेल और रिफाइंड की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे दुकानदार भी परेशान हैं. दुकानदार बताते हैं कि सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. जबकि अभी नई फसल का सीजन है. फिर भी कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. बढ़ी कीमतों की वजह से ग्राहक भी परेशान हैं. वहीं, दाल की कीमत में भी 30 से 40 प्रतिशत तक की तेजी आई है. ऐसे में महंगाई की वजह से ग्राहक कम सामान की खरीदारी कर रहे हैं.

महंगाई ने बिगाड़ा बजट

बेकाबू हुई महंगाई की वजह से आम जनता भी त्रस्त है. रोज कमाने खाने वालों के सामने सबसे ज्यादा परेशानी उत्पन्न हो गई है. आम लोगों का कहना है कि संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगने के बावजूद खाद्यान्न पदार्थों की बढ़ती कीमत ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. वहीं, कोरोना की वजह से कम हो चुकी कमाई के बावजूद किसी तरह घर चलाने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार की ओर से आम लोगों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

रांची: पिछले साल कोरोना संक्रमण में संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी खाद्यान्न पदार्थों की कीमत में उतनी वृद्धि नहीं हुई, जितनी इस साल बिना सम्पूर्ण लॉकडाउन में हुई. खासकर सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत में भारी उछाल आया, जिससे महंगाई बेकाबू हो गई है. दाल की कीमतों में भी 30 प्रतिशत तक तेजी आई है. जिसने आम लोगों के घर के बजट को पूरी तरह से गड़बड़ा कर रख दिया.

देखें स्पेशल स्टोरी

ये भी पढ़ें- कोरोना इफेक्टः महंगाई की मार, जनता परेशान

दरअसल साल 2020 के संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर तक थी, जो इस वर्ष 160 से 180 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है. ऐसे में खाद्य तेल में लगभग 90 प्रतिशत तक की वृद्धि इस वर्ष हुई है. जबकि इस वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन भी नहीं लगा. पिछले वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से खेती प्रभावित हुई थी. फसल काटने में मजदूरों की कमी, ट्रांसपोर्टेशन समेत अन्य मद में ज्यादा खर्च बढ़ने की वजह से खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल आया, लेकिन इस बार सम्पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगा. फिर भी खाद्य पदार्थों की कीमत आसमान छू रही है.

साल 2020 के मई महीने और 2021 के मई महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नजर

मई 2020मई 2021
रिफाइंड तेल- 120 रुपए लीटररिफाइंड तेल 200 रुपए लीटर
सरसों तेल- 117 रुपए लीटरसरसों तेल - 185 रुपए लीटर
राहड़ दाल- 90 रुपए किलोराहड़ दाल - 110 रुपए किलो
चना दाल - 62 रुपए किलोचना दाल - 78 रुपए किलो
मूंग दाल - 90-110 रुपए किलोमूंग दाल - 130 रुपए किलो
उड़द दाल- 95 रुपए किलो उड़द दाल - 110 रुपए किलो
काबुली चना- 70 रुपए किलोकाबुली चना - 90 रुपए किलो
बेसन- 88 रुपए किलोबेसन - 100 रुपए किलो
सत्तू- 140 रुपए किलो
सत्तू - 150 रुपए किलो
चीनी- 40 रुपए किलोचीनी - 44 रुपए किलो
आटा- 510 रुपये में 25 किलोआटा- 570 रुपये में 25 किलो
चावल- 750 रुपए में 25 किलोचावल- 780 रुपए में 25 किलो

दुकानदार भी परेशान

सरसों तेल और रिफाइंड की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे दुकानदार भी परेशान हैं. दुकानदार बताते हैं कि सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. जबकि अभी नई फसल का सीजन है. फिर भी कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. बढ़ी कीमतों की वजह से ग्राहक भी परेशान हैं. वहीं, दाल की कीमत में भी 30 से 40 प्रतिशत तक की तेजी आई है. ऐसे में महंगाई की वजह से ग्राहक कम सामान की खरीदारी कर रहे हैं.

महंगाई ने बिगाड़ा बजट

बेकाबू हुई महंगाई की वजह से आम जनता भी त्रस्त है. रोज कमाने खाने वालों के सामने सबसे ज्यादा परेशानी उत्पन्न हो गई है. आम लोगों का कहना है कि संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगने के बावजूद खाद्यान्न पदार्थों की बढ़ती कीमत ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. वहीं, कोरोना की वजह से कम हो चुकी कमाई के बावजूद किसी तरह घर चलाने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार की ओर से आम लोगों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

Last Updated : May 25, 2021, 10:33 AM IST
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