रांची: पिछले साल कोरोना संक्रमण में संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी खाद्यान्न पदार्थों की कीमत में उतनी वृद्धि नहीं हुई, जितनी इस साल बिना सम्पूर्ण लॉकडाउन में हुई. खासकर सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत में भारी उछाल आया, जिससे महंगाई बेकाबू हो गई है. दाल की कीमतों में भी 30 प्रतिशत तक तेजी आई है. जिसने आम लोगों के घर के बजट को पूरी तरह से गड़बड़ा कर रख दिया.
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दरअसल साल 2020 के संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर तक थी, जो इस वर्ष 160 से 180 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है. ऐसे में खाद्य तेल में लगभग 90 प्रतिशत तक की वृद्धि इस वर्ष हुई है. जबकि इस वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन भी नहीं लगा. पिछले वर्ष संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से खेती प्रभावित हुई थी. फसल काटने में मजदूरों की कमी, ट्रांसपोर्टेशन समेत अन्य मद में ज्यादा खर्च बढ़ने की वजह से खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल आया, लेकिन इस बार सम्पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगा. फिर भी खाद्य पदार्थों की कीमत आसमान छू रही है.
साल 2020 के मई महीने और 2021 के मई महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नजर
मई 2020 | मई 2021 |
रिफाइंड तेल- 120 रुपए लीटर | रिफाइंड तेल 200 रुपए लीटर |
सरसों तेल- 117 रुपए लीटर | सरसों तेल - 185 रुपए लीटर |
राहड़ दाल- 90 रुपए किलो | राहड़ दाल - 110 रुपए किलो |
चना दाल - 62 रुपए किलो | चना दाल - 78 रुपए किलो |
मूंग दाल - 90-110 रुपए किलो | मूंग दाल - 130 रुपए किलो |
उड़द दाल- 95 रुपए किलो | उड़द दाल - 110 रुपए किलो |
काबुली चना- 70 रुपए किलो | काबुली चना - 90 रुपए किलो |
बेसन- 88 रुपए किलो | बेसन - 100 रुपए किलो |
सत्तू- 140 रुपए किलो | सत्तू - 150 रुपए किलो |
चीनी- 40 रुपए किलो | चीनी - 44 रुपए किलो |
आटा- 510 रुपये में 25 किलो | आटा- 570 रुपये में 25 किलो |
चावल- 750 रुपए में 25 किलो | चावल- 780 रुपए में 25 किलो |
दुकानदार भी परेशान
सरसों तेल और रिफाइंड की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे दुकानदार भी परेशान हैं. दुकानदार बताते हैं कि सरसों तेल और रिफाइंड की कीमत में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. जबकि अभी नई फसल का सीजन है. फिर भी कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. बढ़ी कीमतों की वजह से ग्राहक भी परेशान हैं. वहीं, दाल की कीमत में भी 30 से 40 प्रतिशत तक की तेजी आई है. ऐसे में महंगाई की वजह से ग्राहक कम सामान की खरीदारी कर रहे हैं.
महंगाई ने बिगाड़ा बजट
बेकाबू हुई महंगाई की वजह से आम जनता भी त्रस्त है. रोज कमाने खाने वालों के सामने सबसे ज्यादा परेशानी उत्पन्न हो गई है. आम लोगों का कहना है कि संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगने के बावजूद खाद्यान्न पदार्थों की बढ़ती कीमत ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. वहीं, कोरोना की वजह से कम हो चुकी कमाई के बावजूद किसी तरह घर चलाने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार की ओर से आम लोगों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.