रांची: प्राइवेट प्रैक्टिस करने पर विजिलेंस के छापे के बाद रिम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों के द्वारा लिए जा रहे वीआरएस को लेकर शनिवार को झारखंड राज्य के आईएमए इकाई ने संज्ञान लेते हुए एक बैठक की. बैठक में आईएमए ने चिंता जताते हुए कहा है कि जिस प्रकार से स्वास्थ विभाग द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाया जा रहा है. यह निश्चित रूप से गलत है.
इसीलिए आईएमए यह मांग करता है कि इस पर सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और पूरे मामले पर निष्कर्ष निकालना चाहिए. आईएमए के स्टेट प्रेसिडेंट प्रदीप सिंह ने बताया कि सरकार को इस मामले पर यह निर्णय लेना होगा कि एनपीए को ऑप्शनल किया जाए ताकि जो डॉक्टर एनपीए नहीं लेते हैं वह निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं. जो डॉक्टर एनपीए का उपयोग कर रहे हैं उन्हें निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाए.