रांची: गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और मौसम विभाग का मानना है कि इस बार गर्मी चरम पर होगी. चिलचिलाती की धूप के साथ बढ़ते तापमान से लोग परेशान रहेंगे. अभी आलम ऐसा है कि अप्रैल महीने में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को छू रहा है. वहीं मई और जून के महीने में तापमान और भी ज्यादा इजाफा होने के आसार हैं. अप्रैल माह में शुरू हुए गर्मी के मौसम में गाड़ियों में आग लगने की घटना भी सामने आ रही है.
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राजधानी रांची में इन दिनों लगातार वाहनों में आग लगने की घटना देखी जा रही है. पिछले दिनों एक स्कूल बस में अचानक आग लग गयी. वहीं कुछ दिन पहले धुर्वा में एक चलती कार में अचानक आग लगने की घटना सामने आई थी. गाड़ियों में आग लगने की घटना को देखते हुए लोग वाहन चलाने से डर रहे हैं. लोगों के मन में यह संशय आ रहा है कि आखिर चलती वाहनों में अगलगी की घटना क्यों हो रही है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
हालांकि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी लगातार वाहन चेकिंग अभियान चला रहे हैं ताकि लोगों के गाड़ियों की फिटनेस सर्टिफिकेट चेक की जा सके. साथ ही छोटे बच्चों को ले जाने वाले स्कूल बसों को भी जिला परिवहन पदाधिकारी के द्वारा लगातार निरीक्षण कर उन्हें सचेत किया जा रहा है. जिससे किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए वाहन की में तकनीकी खराबी ना हो साथ ही समय-समय पर वाहन के फिटनेस का जांच होती रहनी चाहिए.
गाड़ी की फिटनेस का रखें ध्यानः वाहन की फिटनेस को लेकर परिवहन विभाग के जुड़े अधिवक्ता बताते हैं कि कई बार उनके पास भी शिकायत आती है. उनके वाहन में मानकों के हिसाब से ऑटो पार्ट्स नहीं लगाए गए हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे सकता है. उन्होंने बताया कि किसी भी गाड़ी कि सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखने के लिए सबसे पहले एआरएआई टेस्ट (ARAI TEST) कराई जाती है. उसके बाद उस कंपनी की अन्य गाड़ियों को बेचने की अनुमति मिलती है. लेकिन आज के डिजिटल दुनिया में कई ऐसी गाड़ियां हैं जिसमें इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स का उपयोग किया जाता है और उसकी पूरी जानकारी वाहन मालिकों को नहीं होती है जिस वजह से कई बार वाहन में आग लगने की घटना देखी जाती है.
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उन्होंने बताया कि आज की तारीख में गाड़ियों की बनावट पूरी तरह से डिजिटलाइज है, अगर कोई गाड़ी खराब होती है तो फिर कंपनी के प्रशिक्षित मैकेनिक ही उस गाड़ी की खामी को ठीक कर सकते हैं. लेकिन भागम भाग की दुनिया में कई बार लोग साधारण मैकेनिक से अपनी वाहन को ठीक करवा लेते हैं जिस वजह से गाड़ियों में लगे तार को सही तरीके से सेट नहीं किया जाता. जिससे शार्ट सर्किट की आशंका बढ़ जाती है और इस कारण को भी वाहनों में अगलगी की एक बड़ी घटना मानी जा सकती है.
ऐसे करें बचावः इसके अलावा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि बढ़ती गर्मी में आग लगने की घटना आम होती है. ऐसे में जरूरी है कि वाहन मालिक अपनी गाड़ियों का ख्याल रखें. जैसे धूप में ज्यादा देर तक सीएनजी या इलेक्ट्रिक व्हीकल को ना पार्क करें, समय-समय पर वाहनों के इंजन आयल और गाड़ियों के टायर में हवा चेक कराते रहें. पूरे मामले पर रांची जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश बताते हैं कि कई बार वाहन चालकों की अपनी गलतियों से भी आग लगने की घटना देखी जाती है. आज की गाड़ियों में कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स लगे रहते हैं और उस इलेक्ट्रिक आइटम्स का समय समय पर रिपेयरिंग नहीं हो पाता है. जिससे गाड़ियों में आग लगने की घटना देखी जाती है.
रांची के डीटीओ प्रवीण प्रकाश बताते हैं कि इन्हीं सब चीजों को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है. जिससे गाड़ियों की फिटनेस सर्टिफिकेट को देखा जा सके और चेकिंग के दौरान गाड़ी चालकों को भी हिदायत दी जाती है कि अपने वाहनों का समय-समय पर इंजन आयल और सर्विसिंग कराते रहें. जिससे तपती गर्मी में वाहनों में आग लगी की घटना ना हो सके.